देहरादून: आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (Ayushman Bharat Digital Mission) के तहत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में गठित मिशन स्टेरिंग ग्रुप (Mission Steering Group) में स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत (Health Minister Dr Dhan Singh Rawat) को सदस्य नामित किया गया है. जिसके आदेश केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) की ओर से जारी कर दिए गए हैं. मिशन संचालन समूह देशभर में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के समग्र कार्यान्वयन एवं प्रगति की निगरानी के साथ नीति निर्देशन का कार्य भी करेगा.
मिशन स्टेरिंग ग्रुप का सदस्य नामित (Nominated member of Mission Steering Group) होने पर धन सिंह रावत ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Union Health Minister Mansukh Mandaviya) का आभार व्यक्त किया है.
एमएसजी को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (national health mission) के तहत गठित सर्वोच्च नीति निर्धारण एवं संचालन निकाय का दर्जा दिया गया है, जो आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के प्रभावी कार्यान्वयन एवं प्रगति की निगरानी कर नीति निर्देश एवं मार्गदर्शन का काम करेगा. स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में व्यापक सुधार करने वाले केरल एवं सिक्किम राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों को भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एमएसजी में बतौर सदस्य नामित किया है.
इसके अलावा नीति आयोग के सदस्य (NITI Aayog member) (हेल्थ), स्वास्थ्य एवं रेखीय मंत्रालयों के मंत्रीगण, प्रमुख मंत्रालयों के सचिव सहित देशभर के प्रतिष्ठित सार्वजनिक स्वास्थ्य पेशेवरों को एमएसजी में शामिल किया गया है. एमएसजी में सदस्य नामित होने पर धन सिंह रावत ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जिस उद्देश्य के साथ मिशन स्टेरिंग ग्रुप का गठन किया है, निश्चित रूप से उन उद्देश्यों पर खरा उतरने का पूरा प्रयास किया जायेगा. उन्होंने कहा बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में एमएसजी की पहली बैठक आयोजित की गई है. जिसमें वह स्वयं भी प्रतिभाग करेंगे.
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बैठक में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा के साथ ही भविष्य का रोड मैप तैयार करने पर विचार विमर्श किया जायेगा. डॉ रावत ने कहा राज्य में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत लोगों के डिजिटल हेल्थ आईडी कार्ड (digital health id) बनाये जा रहे हैं. सूबे में अब तक 22 लाख से अधिक लोगों की डिजिटल हेल्थ आईडी बन चुकी है. विभागीय मंत्री ने कहा राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के तहत स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों जैसे अस्पताल, क्लीनिकों और स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों का डिजिटलीकरण (Digitization of Health and Wellness Centers) किया जायेगा.
जिसके तहत सभी अस्पतालों एवं अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं को डिजीटल माध्यमों से जोड़ कर प्रक्रियाओं को सरल एवं ई-ऑफ लिविंग में वृद्धि करेगा. डिजिटल इकोसिस्टम भी कई अन्य सुविधाओं में सक्षम बनाएगा, जिसमें टेली कंसल्टेशन, पेपर लेस हेल्थ रिकॉर्ड, क्यूआर कोड आधारित ओपीडी पंजीकरण आदि सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी. यही नहीं डिजिटल हेल्थ आईडी बनाने के बाद मरीजों का स्वास्थ्य रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध रहेगा, जिसको कभी भी कहीं भी एक्सेस किया जा सकेगा.