देहरादून: राज्य स्थापना के बाद से ही उत्तराखंड में विभिन्न उद्देश्यों के लिए जमीनों का आवंटन किया जाता रहा है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि सरकारों द्वारा जिस प्रयोजन से जमीनों का आवंटन किया गया. साथ ही इसके पीछे क्या मकसद था. ऐसे में अब भू-कानून संशोधन समिति की तरफ से सभी जिलाधिकारियों से आवंटित जमीनों की रिपोर्ट तैयार करने के लिए निर्देशित किया गया है.
बता दें कि उत्तराखंड में विभिन्न निवेशकों को राज्य सरकारों की तरफ से समय-समय पर जमीनों का आवंटन किया जाता रहा है. इनका आवंटन प्रदेश में निवेश बढ़ाने के इरादे से किया गया था. ऐसे में अब सरकार इन जमीनों के उपयोग और फायदे को लेकर पड़ताल करने की तैयारी कर रही है. इसी कड़ी में भू-कानून को लेकर बनाई गई समिति ने जिलाधिकारियों से इसके मद्देनजर रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा है.
खास तौर पर प्रदेश के चार मैदानी जिलों के जिलाधिकारियों को अगले 14 दिनों में इस रिपोर्ट को तैयार कर समिति को सौंपने के निर्देश दिये गए हैं. ऐसे में अब इस रिपोर्ट के जरिए न केवल आवंटित जमीन के उपयोग की सही जानकारी मिल सकेगी बल्कि इससे यह भी पता चल पाएगा कि जिन जमीनों को आवंटित किया गया उससे राज्य को कितना लाभ हुआ और इससे रोजगार की कितनी संभावना आगे बढ़ी.
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वैसे तो जिलाधिकारियों से काफी पहले ही इसके मद्देनजर रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया था, लेकिन विधानसभा चुनाव 2022 में चुनावी तैयारियों के चलते इस पर रिपोर्ट तैयार नहीं हो पाई थी. लिहाजा, अब अधिकारियों को जल्द से जल्द रिपोर्ट तैयार कर समिति को प्रेषित करने के लिए कहा गया है.