देहरादून: उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने लंबे समय से अनुपस्थित चल रहे डॉक्टरों की सेवाओं को समाप्त करने के आदेश दे दिए हैं. राज्य में ऐसे 81 डॉक्टर हैं, जो नियुक्ति के बाद से ही अपनी सेवाएं नहीं दे रहे हैं. ऐसे में लंबे समय से इनकी सेवाओं को समाप्त करने की प्रक्रिया चल रही थी. जिसको अब पूरा करते हुए सेवाओं को समाप्त करने का आदेश जारी हुआ है.
उत्तराखंड में ऐसे कई डॉक्टर थे, जो सरकारी रिकॉर्ड में विभिन्न पदों को घेरे बैठे थे, लेकिन अस्पतालों में ड्यूटी नहीं दे रहे थे. ऐसे ही डॉक्टरों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग के स्तर पर पहल करते हुए इनकी सेवाएं समाप्त करने का फैसला लिया गया है. इसी कड़ी में पहले 400 से ज्यादा ऐसे गैरहाजिर डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त की गई थीं, तो वहीं अब 81 डॉक्टरों को अनुपस्थित रहने के बाद उनको भी सेवाओं से मुक्त कर दिया गया है.
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बता दें कि इन 81 डॉक्टरों की सेवाओं को समाप्त करने के लिए मुख्यमंत्री की तरफ से अनुमोदन दिया गया था. उसके बाद से ही लगातार इनकी फाइल शासन में गतिमान थी. अब सभी औपचारिकताओं को पूरा करते हुए शासन ने ऐसे 81 डॉक्टरों को उनकी सेवाओं से मुक्त कर दिया है. इन सभी चिकित्सकों को कई बार नोटिस दिए गए और बिना बताए गैरहाजिर रहने के लिए जवाब भी मांगा गया. लेकिन न तो जवाब आया और न ही इन डॉक्टरों की तरफ से शासन को कोई भी प्रतिक्रिया दी गई. इसके बाद इन डॉक्टरों की सेवाओं को समाप्त करने के लिए फाइल आगे बढ़ाई गई और उसके बाद मुख्यमंत्री की मुहर के बाद आखिरकार शासन ने इन डॉक्टरों की सेवाओं को समाप्त करने के आदेश कर दिए हैं.
बता दें कि कोविड-19 के दौरान स्वास्थ्य चयन आयोग की तरफ से नई भर्तियां की गई हैं. रिकॉर्ड के लिहाज से इन डॉक्टरों के गैरहाजिर होने के बावजूद भी पदों पर बने रहने के चलते नई भर्तियां भी नहीं हो पा रही थीं. ऐसे में अब इन डॉक्टरों को हटाने के बाद माना जा रहा है कि चिकित्सकों की नई भर्ती भी हो सकेगी.