देहरादून: प्रदेश में जगह-जगह अवैध रूप से चल रहे नशा मुक्ति केंद्रों के खिलाफ सरकार सख्त कदम उठाने जा रही है. भारत सरकार द्वारा बनाए गए मेंटल हेल्थ एक्ट के तहत उत्तराखंड पुलिस इस संबंध में एक प्रस्ताव सरकार को सौंपेगी. जिसके आधार पर नियमावली तैयार की जाएगी और सभी तरह के नशा मुक्ति केंद्रों को सरकार अपनी निगरानी में रखेगी.
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उत्तराखंड में कई नशा मुक्ति केंद्र अवैध रूप से चल रहे हैं, लेकिन कोई मॉनिटरिंग व्यवस्था नहीं होने के कारण इन पर अंकुश लगाना मुश्किल है. कई राज्यों में मेंटल हेल्थ कानून के तहत नशामुक्ति केंद्रों पर शिकंजा कसा गया है. 2 दिन पहले (12 मार्च 2019) दिल्ली में केंद्र सरकार द्वारा मादक पदार्थों के संबंध में नारकोटिक्स सेल की बैठक हुई थी. इस बैठक में सभी राज्यों के डीजी शामिल हुए थे.
बैठक में उत्तराखंड पुलिस द्वारा देहरादून सहित प्रदेश के अन्य जिलों में लगातार बढ़ रहे नशा मुक्ति केंद्रों के संचालन में कई तरह की गड़बड़ियों का मामला उठाया गया था. इस दौरान नशा मुक्ति केंद्रों की मॉनिटरिंग को लेकर भी सवाल किए गए.
बैठक में केंद्र सरकार के अधिकारियों ने बताया कि सभी राज्य भारत सरकार द्वारा बनाए गए मेंटल हेल्थ एक्ट के तहत अपने यहां नियमावली बनाकर अवैध रूप से चल रहे नशा मुक्ति केंद्रों पर लगाम लगा सकते हैं. इस नियमावली के तहत उनकी मॉनिटरिंग भी की जा सकती है. केंद्र के इसी कानून को कई राज्य अपना चुके हैं.
अक्सर देखने में आया है कि देहरादून में स्थित नशा मुक्ति केंद्रों में रोगियों के साथ कई तरह की ज्यादती की जाती है. हाल ही में राजपुर रोड स्थित नशा मुक्ति केंद्र में इलाज करा रहे 50 लोग संस्था का ताला तोड़कर फरार हो गए थे. पुलिस को समय-समय पर इन नशा मुक्ति केंद्रों के खिलाफ शिकायत मिलती रहती है, लेकिन कोई मॉनिटरिंग व्यवस्था नहीं होने के कारण इनकी मनमानी चलती है.
डीजी लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार ने कहा कि मुख्यालय स्तर पर नशा मुक्ति केंद्रों के लिए नियमावली के तहत रूल्स रेगुलेशन का प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा जाएगा, ताकि नियम के तहत नशा मुक्ति केंद्रों की मॉनिटरिंग की जा सके.