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कोरोना संकट के चलते इस साल नहीं होंगे ट्रांसफर, उत्तराखंड शासन ने जारी किए आदेश - उत्तराखंड शासन

इस वित्तीय वर्ष 2020-21 में उत्तराखंड के अधिकारियों व कर्मचारियों के तबादले पर रोक रहेगी. केवल वार्षिक स्थानांतरण अधिनियम की धारा-27 के तहत औचित्यपूर्ण प्रस्तावों पर ही तबादले हो सकेंगे.

देहरादून
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Published : May 20, 2020, 11:28 PM IST

Updated : May 21, 2020, 12:07 AM IST

देहरादून: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने अधिकारियों व कर्मचारियों के वार्षिक तबादला सत्र को शून्य घोषित कर दिया है. जिसका शासनादेश उत्तराखंड कार्मिक विभाग ने बुधवार को जारी किया. जिसके तहत इस वित्तीय वर्ष 2020-21 में अधिकारियों व कर्मचारियों के तबादले पर रोक रहेगी. केवल वार्षिक स्थानांतरण अधिनियम की धारा-27 के तहत औचित्यपूर्ण प्रस्तावों पर ही तबादले हो सकेंगे.

वार्षिक स्थानांतरण सत्र को शून्य किये जाने के आदेश के पीछे मुख्य वजह कोरोना वायरस को बताया गया है. यही नहीं ये तर्क भी दिया गया है कि राज्य में लॉकडाउन की स्थिति है. लॉकडाउन की अवधि में राज्य की आर्थिक गतिविधियां बंद होने के कारण अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. कोविड-19 को महामारी घोषित किया गया है. ऐसी दशा में कर्मचारियों के एक स्थान से दूसरे स्थान पर यात्रा किए जाने पर संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहेगी.

शासनादेश
शासनादेश

पढ़े: 15 जून से पहले हो सकते हैं उत्तराखंड बोर्ड एग्जाम, मंथन में जुटा महकमा

तबादला सत्र शून्य होने के बावजूद विशेष परिस्थितियों में ही तबादले हो सकेंगे. स्थानांतरण अधिनियम की धारा-27 के तहत मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में गठित कमेटी ही ऐसे मामलों पर विचार करेगी. हालांकि जारी किए गए आदेश के अनुसार किसी अधिकारी, कर्मचारी या विभाग को तबादलों को लेकर किसी प्रकार कठिनाई हो तो वह समिति के समक्ष प्रस्ताव प्रस्तुत कर सकता है. कमेटी को प्रस्ताव औचित्यपूर्ण लगा तो वह तबादले पर निर्णय ले सकती है.

देहरादून: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने अधिकारियों व कर्मचारियों के वार्षिक तबादला सत्र को शून्य घोषित कर दिया है. जिसका शासनादेश उत्तराखंड कार्मिक विभाग ने बुधवार को जारी किया. जिसके तहत इस वित्तीय वर्ष 2020-21 में अधिकारियों व कर्मचारियों के तबादले पर रोक रहेगी. केवल वार्षिक स्थानांतरण अधिनियम की धारा-27 के तहत औचित्यपूर्ण प्रस्तावों पर ही तबादले हो सकेंगे.

वार्षिक स्थानांतरण सत्र को शून्य किये जाने के आदेश के पीछे मुख्य वजह कोरोना वायरस को बताया गया है. यही नहीं ये तर्क भी दिया गया है कि राज्य में लॉकडाउन की स्थिति है. लॉकडाउन की अवधि में राज्य की आर्थिक गतिविधियां बंद होने के कारण अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. कोविड-19 को महामारी घोषित किया गया है. ऐसी दशा में कर्मचारियों के एक स्थान से दूसरे स्थान पर यात्रा किए जाने पर संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहेगी.

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तबादला सत्र शून्य होने के बावजूद विशेष परिस्थितियों में ही तबादले हो सकेंगे. स्थानांतरण अधिनियम की धारा-27 के तहत मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में गठित कमेटी ही ऐसे मामलों पर विचार करेगी. हालांकि जारी किए गए आदेश के अनुसार किसी अधिकारी, कर्मचारी या विभाग को तबादलों को लेकर किसी प्रकार कठिनाई हो तो वह समिति के समक्ष प्रस्ताव प्रस्तुत कर सकता है. कमेटी को प्रस्ताव औचित्यपूर्ण लगा तो वह तबादले पर निर्णय ले सकती है.

Last Updated : May 21, 2020, 12:07 AM IST
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