देहरादून: यूं तो विश्वविद्यालयों में एक समान नियम और कार्यप्रणाली की जरूरत लंबे समय से महसूस हो रही थी, लेकिन अब जाकर इसकी रूपरेखा को तैयार किया जाने लगा है. विश्वविद्यालयों को लेकर इस नई कसरत से काफी हद तक सरकार का नियंत्रण विश्वविद्यालयों पर होगा.
विश्वविद्यालयों की शैक्षणिक और प्रशासनिक कार्य प्रणाली को लेकर जल्द ही प्रदेश सरकार नियमावली तैयार करने जा रही है. वैसे तो हाल ही में कैबिनेट पहले ही अध्यादेश लाकर सभी विश्वविद्यालयों को एक कानून में बांधने की कोशिश कर चुकी है, लेकिन अब विश्वविद्यालय संचालन के लिए विस्तृत नियमावली तैयार की जा रही है. कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद कुलपति और कुलसचिवों की नियुक्ति को लेकर कुछ संशोधन किए गए थे.
पढ़ें- हल्द्वानी उप कारागार में अंतरराष्ट्रीय पुस्तकालय बनने की उम्मीद, कैदियों को मिलेगा लाभ
इस नए संशोधन में उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय, हेमवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय, दून विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा दून विश्वविद्यालय, आयुर्वेद विश्वविद्यालय, श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय, सौगंध सिंह जीना विश्वविद्यालय, उत्तराखंड उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय, जीबी पंत कृषि विश्वविद्यालय और कुमाऊं विश्वविद्यालय शामिल है.
एक नियम से संचालित होने के लिए अध्यादेश को मंजूरी के बाद इसके लिए विस्तृत नियमावली तैयार हो रही है. ये नियमावली तय करेंगी कि विश्वविद्यालय को संचालित करने के लिए नियम क्या होंगे? कुलपति और कुलसचिव की नियुक्ति के नियमों से लेकर महाविघयालयों की संबद्धता तक इसमें नियम बनाए जाएंगे.