देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के बीच खाद्यान्न योजना के तहत आम लोगों को विशेष राहत देने की कोशिश की गई है. इसके अलावा पंचायती राज संस्थाओं को भी पहली किश्त आवंटित कर पंचायत स्तर पर संस्थाओं को वित्तीय सशक्त किया गया है.
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के निर्देश पर राज्य खाद्यान्न योजना के अंतर्गत कोविड-19 महामारी के चलते विशेष खाद्यान्न सहायता दी जायेगी. यह सहायता पीले राशन कार्डधारकों के लिये ही मान्य होगी. कोरोना संक्रमण को देखते हुए मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में प्रदेश के दस लाख पीले राशन कार्ड धारकों को तीन महीने के लिये अतिरिक्त खाद्यान्न उपलब्ध कराया जायेगा.
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बता दें कि वर्तमान में साढ़े सात किलो प्रति राशन कार्ड खाद्यान्न मिलता है, जिसको बढ़ाकर बीस किलो प्रतिमाह कर दिया गया है. जिसमें दस किलो चावल और दस किलो गेहूं मिलेगा, जिसका मूल्य वर्तमान दरों पर ही रहेगा. गेहूं के लिये 8.60 रुपए प्रति किलो और चावल के लिये 11 रुपए प्रति किलो है.
ये विशेष योजना मई, जून और जुलाई माह के लिये कार्डधारकों को उपलब्ध रहेगी, जिसमें राज्य सरकार पर कुल 37 रुपए करोड़ का अतिरिक्त राजस्व भार आयेगा, जिसे राज्य सरकार वहन करेगी. मई के महीने का राशन 18 तारीख से वितरित होने लगेगा और शेष महीनों का राशन हर महीने की एक तारीख को वितरित हो जायेगा.
इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री दाल पोषित योजना निरंतर जारी रहेगी, जिसमें प्रथम बार दो किलो चना दाल सभी 23 लाख राशन कार्डधारकों को मिलेगी. तत्पश्चात जो भी दालें भारत सरकार से उपलब्ध होती रहेंगी, वह आगामी महीनों में उपलब्ध कराई जायेगी.
उधर सीएम तीरथ सिंह रावत ने त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं को भी वित्तीय वर्ष 2021-22 के अनुदान की पहली किश्त के लिए 85 करोड़ की धनराशि आवंटित की है. दरअसल सीएम तीरथ सिंह ने 15वें वित्त आयोग की संस्तुतियों के क्रम में त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं को अनुदान की पहली किस्त ₹850000000 की धनराशि आवंटित करने की स्वीकृति दी है. इसमें जिला पंचायतों के लिए 12.75 करोड़ क्षेत्र पंचायतों के लिए 8.50 करोड़ और ग्राम पंचायतों के लिए 63.75 करोड रुपए की धनराशि अवमुक्त की गई है.