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कोरोना काल में अनाथ बच्चों को 2 हजार प्रति माह देगी उत्तराखंड सरकार - देहरादून जिले में कुल 19 बाल गृह

उत्तराखंड सरकार कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को 2 हजार रुपए प्रति माह देगी.

कोरोना काल में अनाथ बच्चों को 2 हजार प्रति माह देगी उत्तराखंड सरकार
कोरोना काल में अनाथ बच्चों को 2 हजार प्रति माह देगी उत्तराखंड सरकार
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Published : May 13, 2021, 7:53 PM IST

देहरादून: कोरोना की दूसरी लहर में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. वहीं, दूसरी तरफ सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती उन बच्चों को सुरक्षित रखने की है जो प्रदेश के विभिन्न जनपदों में मौजूद बाल गृहों में निवास कर रहे हैं या जो बच्चे कोरोना काल में अनाथ हो चुके हैं. बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने प्रदेश के बाल गृह के प्रोबेशन अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक की और कोरोना काल में बच्चों के लिए की गई व्यवस्थाओं की जानकारी ली.

ईटीवी भारत से बात करते हुए बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने बताया कि उनकी ओर से कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच बाल गृहों में निरंतर सैनिटाइजेशन का कार्य करने के दिशा निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही आयोग उन बच्चों के संरक्षण को लेकर भी विचार कर रहा है जो कोरोना काल में अपने माता पिता दोनों को खो चुके हैं. वर्तमान में ऐसे बच्चों का आंकड़ा जुटाया जा रहा है.

बाल आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने यह भी बताया कि कोरोना काल में अनाथ हो चुके बच्चों के लिए सरकार की ओर से 2,000 रुपए प्रतिमाह दिए जाने का प्रावधान किया गया है. जिसे उत्तराखंड की बाल विकास राज्य मंत्री रेखा आर्य द्वारा तत्काल प्रभाव से प्रदेश में लागू करने के आदेश दिए जा चुके हैं. ऐसे में जैसे ही कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों का आंकड़ा जुटा लिया जाएगा, वैसे ही इन बच्चों को इस धनराशि से लाभान्वित किया जाएगा.

पढ़ें: ईद पर कोविड कर्फ्यू में ढील, 12 बजे तक खुलेंगे बाजार

देहरादून में बाल गृह का हाल

देहरादून जिले में कुल 19 बाल गृह हैं, जिसमें 5 सरकारी और 14 निजी संस्थाओं द्वारा संचालित किए जाते हैं. बात राजधानी देहरादून स्थित बाल गृह की करें तो देहरादून के बाल गृह में 1 से 6 साल के 20 बालक और 17 बालिकाएं निवासरत हैं. वहीं, बाल गृह की प्रोबेशन अधिकारी की ओर से वर्चुअल बैठक में बताया कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए बाल गृह में कोरोना कोरोना किट की व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया के लिए जिला अधिकारी को आवेदन पत्र सौंपा जा चुका है. इसके साथ ही नगर निगम की ओर से सप्ताह में दो बार यहां सैनिटाइजेशन का कार्य भी किया जा रहा है. वहीं, बाल गृह में आने वाले नए बालक और बालिकाओं को कुछ दिनों के लिए आइसोलेशन कक्ष में रखने की व्यवस्था भी की गई है.

हरिद्वार बाल गृह के प्रोबेशन अधिकारी अविनाश भदोरिया ने बताया कि हरिद्वार में समय-समय सभी बाल गृहों का निरीक्षण किया जा रहा है. इसके साथ ही हर बाल गृह में कोरोना की दवा उपलब्ध कराई जा रही हैं. वहीं, उधम सिंह नगर के बालगृह की बात करें तो कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए यहां भी सप्ताह में एक या दो बार सैनिटाइजेशन का कार्य किया जा रहा है. लेकिन यहां बाल गृह में आने वाले नए बच्चों के लिए आइसोलेशन कक्ष अब तक नहीं बनाया गया है. ऐसे में बाल आयोग की अध्यक्ष की ओर से पास के सामुदायिक केंद्र व्यापार प्राइमरी स्कूल में आइसोलेशन कक्ष बनाने के दिशा निर्देश दिए गए हैं.

देहरादून: कोरोना की दूसरी लहर में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. वहीं, दूसरी तरफ सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती उन बच्चों को सुरक्षित रखने की है जो प्रदेश के विभिन्न जनपदों में मौजूद बाल गृहों में निवास कर रहे हैं या जो बच्चे कोरोना काल में अनाथ हो चुके हैं. बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने प्रदेश के बाल गृह के प्रोबेशन अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक की और कोरोना काल में बच्चों के लिए की गई व्यवस्थाओं की जानकारी ली.

ईटीवी भारत से बात करते हुए बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने बताया कि उनकी ओर से कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच बाल गृहों में निरंतर सैनिटाइजेशन का कार्य करने के दिशा निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही आयोग उन बच्चों के संरक्षण को लेकर भी विचार कर रहा है जो कोरोना काल में अपने माता पिता दोनों को खो चुके हैं. वर्तमान में ऐसे बच्चों का आंकड़ा जुटाया जा रहा है.

बाल आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने यह भी बताया कि कोरोना काल में अनाथ हो चुके बच्चों के लिए सरकार की ओर से 2,000 रुपए प्रतिमाह दिए जाने का प्रावधान किया गया है. जिसे उत्तराखंड की बाल विकास राज्य मंत्री रेखा आर्य द्वारा तत्काल प्रभाव से प्रदेश में लागू करने के आदेश दिए जा चुके हैं. ऐसे में जैसे ही कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों का आंकड़ा जुटा लिया जाएगा, वैसे ही इन बच्चों को इस धनराशि से लाभान्वित किया जाएगा.

पढ़ें: ईद पर कोविड कर्फ्यू में ढील, 12 बजे तक खुलेंगे बाजार

देहरादून में बाल गृह का हाल

देहरादून जिले में कुल 19 बाल गृह हैं, जिसमें 5 सरकारी और 14 निजी संस्थाओं द्वारा संचालित किए जाते हैं. बात राजधानी देहरादून स्थित बाल गृह की करें तो देहरादून के बाल गृह में 1 से 6 साल के 20 बालक और 17 बालिकाएं निवासरत हैं. वहीं, बाल गृह की प्रोबेशन अधिकारी की ओर से वर्चुअल बैठक में बताया कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए बाल गृह में कोरोना कोरोना किट की व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया के लिए जिला अधिकारी को आवेदन पत्र सौंपा जा चुका है. इसके साथ ही नगर निगम की ओर से सप्ताह में दो बार यहां सैनिटाइजेशन का कार्य भी किया जा रहा है. वहीं, बाल गृह में आने वाले नए बालक और बालिकाओं को कुछ दिनों के लिए आइसोलेशन कक्ष में रखने की व्यवस्था भी की गई है.

हरिद्वार बाल गृह के प्रोबेशन अधिकारी अविनाश भदोरिया ने बताया कि हरिद्वार में समय-समय सभी बाल गृहों का निरीक्षण किया जा रहा है. इसके साथ ही हर बाल गृह में कोरोना की दवा उपलब्ध कराई जा रही हैं. वहीं, उधम सिंह नगर के बालगृह की बात करें तो कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए यहां भी सप्ताह में एक या दो बार सैनिटाइजेशन का कार्य किया जा रहा है. लेकिन यहां बाल गृह में आने वाले नए बच्चों के लिए आइसोलेशन कक्ष अब तक नहीं बनाया गया है. ऐसे में बाल आयोग की अध्यक्ष की ओर से पास के सामुदायिक केंद्र व्यापार प्राइमरी स्कूल में आइसोलेशन कक्ष बनाने के दिशा निर्देश दिए गए हैं.

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