देहरादून: अटल उत्कृष्ट विद्यालय के तौर पर विकसित किए जाने को लेकर चिह्नित प्रदेश के विभिन्न सरकारी स्कूल सीबीएसई बोर्ड के मानकों पर खरा नहीं उतर पा रहे हैं. ऐसे में शासन-प्रशासन के समक्ष सबसे बड़ी असमंजस की स्थिति इस बात को लेकर है कि आखिर नए शैक्षणिक सत्र से किस तरह अटल उत्कृष्ट विद्यालयों का संचालन शुरू किया जाए.
![CBSE Board Standards](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11208437_sbsc.jpg)
बता दें कि शासन स्तर से प्रदेश के प्रत्येक ब्लॉक में दो-दो सरकारी स्कूलों को अटल उत्कृष्ट विद्यालय के तौर पर विकसित करने के लिए चिह्नित किया गया है. इस तरह गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में 188 स्कूलों को अटल उत्कृष्ट विद्यालय के तौर पर विकसित करने के लिए चयनित किया गया है. वहीं, इन सभी स्कूलों के लिए सीबीएसई से मान्यता हासिल करना अनिवार्य है.
गौरतलब है कि अटल उत्कृष्ट विद्यालय के तौर पर विकसित किए जाने को लेकर चिह्नित प्रदेश के विभिन्न सरकारी स्कूल सीबीएसई के मानकों पर खरा नहीं उतर पा रहे हैं. स्थिति कुछ यह है कि विभिन्न सरकारी स्कूलों के पास जमीन की कमी है, तो कई स्कूलों के नाम पर जमीन की रजिस्ट्री ही नहीं है.
सीबीएसई बोर्ड के मानक
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वहीं, अटल उत्कृष्ट विद्यालय के संबंध में जानकारी साझा करते हुए शिक्षा निदेशक आरके कुमार ने बताया कि जो स्कूल सीबीएसई के मानकों पर खरा नहीं उतर पा रहे हैं उन स्कूलों को अटल उत्कृष्ट विद्यालय की सूची से बाहर किया जाएगा. वहीं, इन स्कूलों के स्थान पर दोबारा कुछ ऐसे सरकारी स्कूलों का चयन किया जाएगा जो सीबीएसई के मानकों पर खरा उतरते हैं. वहीं, नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत से ही मान्यता ले चुके सभी अटल उत्कृष्ट विद्यालयों का संचालन शुरू कर दिया जाएगा.