ETV Bharat / state

उत्तराखंड में 6 महीने में 47 हजार लोगों को कुत्तों ने काटा, विधानसभा में हुआ सवाल-जवाब - Health Minister Dr Dhan Singh Rawat

मौसम की बेरुखी ने इंसानों को तो परेशान कर ही दिया है, साथ ही बेजुबान भी पारा चढ़ने से कई बीमारियों के खतरे में आ गए हैं. स्थिति यह है कि मौजूदा हालात जानवरों में स्ट्रेस पैदा कर रहे हैं. खास तौर पर स्ट्रीट डॉग स्ट्रेस (street dog stress) से आक्रामक होकर लोगों पर हमला बोल रहे हैं.

Uttarakhand news
स्ट्रीट डॉग्स
author img

By

Published : Jun 18, 2022, 7:28 AM IST

देहरादून: गर्मी के मौसम में कुत्ते आक्रामक (Street Dogs Aggressive From Heat) होते हुए दिखाई दे रहे हैं, जिसके चलते लोगों की परेशानियां काफी बढ़ी हैं. ईटीवी भारत के खबर को प्रमुखता से उठाने के बाद उत्तराखंड विधानसभा में भी यह मामला जोर-शोर से उठता हुआ दिखाई दिया. कांग्रेस के विधायक ने कुत्तों (Street Dog) के काटने के बाद लगने वाले एंटी रेबीज इंजेक्शन की उपलब्धता का सवाल पूछा तो सरकार ने जो आंकड़ा दिया वह सुनकर हर कोई हैरान रह गया.

उत्तराखंड में आवारा कुत्ते कितनी बड़ी मुसीबत बने हैं, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले छह महीने में कुत्तों के काटे जाने के बाद 47 हजार एंटी रेबीज इंजेक्शन केवल सरकारी अस्पताल में प्रयोग कर लिए गए हैं. इसका खुलासा विधानसभा सेशन के दौरान एक सवाल के जवाब में दिए गए स्वास्थ्य मंत्री के बयान से हुआ. कांग्रेस विधायक वीरेंद्र कुमार के सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने सदन में जानकारी दी कि पिछले छह महीने में सरकारी अस्पतालों में कुत्तों के काटने के चलते 47 हजार 701 एंटी रेबीज इंजेक्शन प्रयोग हुए हैं.

पढ़ें-गर्मी में आक्रामक हुए गली-मोहल्ले के कुत्ते, जानिए काटने का कारण

इनमें 12 हजार से अधिक महिलाएं, 22 हजार से अधिक पुरुष और करीब 13 हजार बच्चे शामिल थे. इन्हीं आंकड़ों की गंभीरता को समझते हुए कांग्रेस के विधायक ने सदन में अपना पक्ष रखा और सरकार ने जो जवाब दिया उससे विधायक संतुष्ट नजर नहीं आए. सरकार की तरफ से जानकारी दी गई कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रदेश भर के सभी अस्पतालों में 50 हजार नए एंटी रेबीज इंजेक्शन भिजवाएं हैं. उत्तराखंड में हर साल एक लाख एंटी रेबीज इंजेक्शन की खपत होती है. जाहिर है कि इतना बड़ा आंकड़ा सबको चौंकाने वाला है. यही नहीं इस आंकड़े ने प्रदेश में आवारा कुत्तों से लोगों को हो रहे खतरे का भी आभास करा दिया है.

गर्मी से कुत्तों के स्वभाव में बदलाव: देहरादून शहर में कोरोनेशन से लेकर सैकड़ों निजी अस्पताल मौजूद हैं, जहां कुत्तों के काटे जाने के बाद मरीज पहुंच रहे हैं. वेटनरी ऑफिसर बताते हैं कि जिस तरह तमाम लोग गर्मी से परेशान हैं, उसी तरह से जानवर भी बढ़ती गर्मी के कारण दिक्कत में हैं. खास तौर पर स्ट्रीट डॉग में ऐसे हालातों में डिहाइड्रेशन की शिकायत बनती है और इससे यह कुत्ते अपने स्वभाव को बदलते हुए आक्रामक हो सकते हैं.

पढ़ें-CM पुष्कर सिंह धामी ने पुस्तक 'द लीजेंड ऑफ भगत दा' का किया विमोचन

कुत्ते के काटने पर क्या करना चाहिए: यदि कुत्ता किसी भी इंसान को काटता है तो काटे गए घाव को 15 मिनट तक साफ पानी से, साबुन-पानी से अच्छी तरह धो लें. कुत्ते के काटने पर फौरन चिकित्सक को दिखाएं और एंटीसेप्टिक क्रीम का प्रयोग करें. वहीं कुत्ते के काटने पर 72 घंटे के अंतराल में एंटी रेबीज वैक्सीन का इंजेक्शन अवश्य ही लगवा लेना चाहिए.

देहरादून: गर्मी के मौसम में कुत्ते आक्रामक (Street Dogs Aggressive From Heat) होते हुए दिखाई दे रहे हैं, जिसके चलते लोगों की परेशानियां काफी बढ़ी हैं. ईटीवी भारत के खबर को प्रमुखता से उठाने के बाद उत्तराखंड विधानसभा में भी यह मामला जोर-शोर से उठता हुआ दिखाई दिया. कांग्रेस के विधायक ने कुत्तों (Street Dog) के काटने के बाद लगने वाले एंटी रेबीज इंजेक्शन की उपलब्धता का सवाल पूछा तो सरकार ने जो आंकड़ा दिया वह सुनकर हर कोई हैरान रह गया.

उत्तराखंड में आवारा कुत्ते कितनी बड़ी मुसीबत बने हैं, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले छह महीने में कुत्तों के काटे जाने के बाद 47 हजार एंटी रेबीज इंजेक्शन केवल सरकारी अस्पताल में प्रयोग कर लिए गए हैं. इसका खुलासा विधानसभा सेशन के दौरान एक सवाल के जवाब में दिए गए स्वास्थ्य मंत्री के बयान से हुआ. कांग्रेस विधायक वीरेंद्र कुमार के सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने सदन में जानकारी दी कि पिछले छह महीने में सरकारी अस्पतालों में कुत्तों के काटने के चलते 47 हजार 701 एंटी रेबीज इंजेक्शन प्रयोग हुए हैं.

पढ़ें-गर्मी में आक्रामक हुए गली-मोहल्ले के कुत्ते, जानिए काटने का कारण

इनमें 12 हजार से अधिक महिलाएं, 22 हजार से अधिक पुरुष और करीब 13 हजार बच्चे शामिल थे. इन्हीं आंकड़ों की गंभीरता को समझते हुए कांग्रेस के विधायक ने सदन में अपना पक्ष रखा और सरकार ने जो जवाब दिया उससे विधायक संतुष्ट नजर नहीं आए. सरकार की तरफ से जानकारी दी गई कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रदेश भर के सभी अस्पतालों में 50 हजार नए एंटी रेबीज इंजेक्शन भिजवाएं हैं. उत्तराखंड में हर साल एक लाख एंटी रेबीज इंजेक्शन की खपत होती है. जाहिर है कि इतना बड़ा आंकड़ा सबको चौंकाने वाला है. यही नहीं इस आंकड़े ने प्रदेश में आवारा कुत्तों से लोगों को हो रहे खतरे का भी आभास करा दिया है.

गर्मी से कुत्तों के स्वभाव में बदलाव: देहरादून शहर में कोरोनेशन से लेकर सैकड़ों निजी अस्पताल मौजूद हैं, जहां कुत्तों के काटे जाने के बाद मरीज पहुंच रहे हैं. वेटनरी ऑफिसर बताते हैं कि जिस तरह तमाम लोग गर्मी से परेशान हैं, उसी तरह से जानवर भी बढ़ती गर्मी के कारण दिक्कत में हैं. खास तौर पर स्ट्रीट डॉग में ऐसे हालातों में डिहाइड्रेशन की शिकायत बनती है और इससे यह कुत्ते अपने स्वभाव को बदलते हुए आक्रामक हो सकते हैं.

पढ़ें-CM पुष्कर सिंह धामी ने पुस्तक 'द लीजेंड ऑफ भगत दा' का किया विमोचन

कुत्ते के काटने पर क्या करना चाहिए: यदि कुत्ता किसी भी इंसान को काटता है तो काटे गए घाव को 15 मिनट तक साफ पानी से, साबुन-पानी से अच्छी तरह धो लें. कुत्ते के काटने पर फौरन चिकित्सक को दिखाएं और एंटीसेप्टिक क्रीम का प्रयोग करें. वहीं कुत्ते के काटने पर 72 घंटे के अंतराल में एंटी रेबीज वैक्सीन का इंजेक्शन अवश्य ही लगवा लेना चाहिए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.