हरिद्वार/ऋषिकेश/काशीपुर: बिहार और पूर्वांचल की लोक आस्था का महापर्व छठ पर भी कोरोना संक्रमण का खतरा मंडराने लगा है. कोरोना संक्रमण को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने सार्वजनिक स्थलों और घाटों पर छठ पर्व के आयोजन पर रोक लगा दी है. ऐसे में छठ पर्व करने वाले व्रतियों में असमंजस की स्थिति है. वहीं सरकार ने इसको लकेर गाइडलाइन भी जारी कर दी है, जिसको लेकर जिला प्रशासन और पुलिस व्यवस्था बनाने में जुट गई है. जहां पूरे प्रदेश में घाटों पर छठ करने की मनाही है, वहीं, काशीपुर में छठ कार्यक्रम के दौरान दो सौ लोगों के जाने की अनुमति दी गई है.
इस बार हरिद्वार के गंगा घाटों पर नहीं होगा छठ
हरिद्वार में भी हर साल गंगा घाटों पर मनाए जाने वाला छठ महापर्व का रंग इस बार कोरोना की वजह से फीका नजर आ रहा है. धर्मनगरी में भी छठ पूजा इस बार कोरोना के चलते प्रतिबंधों के साथ मनाया जाएगा. जिला प्रशासन द्वारा छठ मनाने के लिए गाइडलाइन जारी की गई है, जिसके तहत हरकी पैड़ी समेत सभी सार्वजनिक गंगा घाटों पर छठ पूजा करने पर रोक लगाई गई है. जिलाधिकारी सी रविशंकर का कहना है कि भारत सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ जमा होने से रोकने के लिए निर्देश दिए गए हैं. क्योंकि कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ रहा है. हमारे द्वारा गंगा घाटों पर स्नान और पूजा करने पर रोक लगाई गई है. लोग अपने घरों में ही छठ पूजा को मनाए. किसी भी स्थान पर भीड़ एकत्र ना हो, इसको लेकर प्रशासन द्वारा प्रतिबंध लगाया गया है.
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छठ पर पाबंदी से श्रद्धालुओं में निराशा
वहीं, हरिद्वार के घाटों पर छठ पूजा करने पर रोक लगाने से श्रद्धालुओं में निराशा है. श्रद्धालुओं का कहना है कि भारी भीड़ गंगा घाटों पर ना आए, इसके लिए जिला प्रशासन को रोक लगानी चाहिए. मगर एक दो लोगों के गंगा घाट पर आने पर प्रतिबंध नहीं लगना चाहिए. सब लोग सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का प्रयोग करेंगे. गंगा में आधे घंटे की बजाय 5 मिनट ही खड़े होकर पूजा पाठ करेंगे.
ऋषिकेश में भी घाटों पर छठ मनाने की मनाही
ऋषिकेश में त्रिवेणी घाट सहित अन्य गंगा घाटों पर धूमधाम से की जाने वाली छठ पूजा इस बार नहीं होगी. कोरोना की वजह से प्रशासन ने घाटों पर छठ पूजा करने पर रोक लगा दी है. श्रद्धालुओं को गंगा तट पर जाने से रोकने के लिए बैरिकेडिंग भी बनाई जा रही है. मौके पर पुलिस फोर्स भी तैनात कर दी गई है. सार्वजनिक रूप से छठ पूजा करने वाली समितियों को भी इस बाबत एसडीएम ने नोटिस जारी कर दिए हैं. साथ ही आदेशों का उल्लंघन करने वालो पर कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है. एसडीएम ने लोगों से निर्देशों का पालन करते हुए घरों पर ही छठ पूजा मनाने की अपील की है. वहीं, सार्वजनिक छठ पूजा समिति ने अपना सांस्कृतिक कार्यक्रम कोरोना के चलते स्थगित कर दिया है, लेकिन समिति ने गंगा घाट पर पूजा अर्चना के लिए श्रद्धालुओं को न रोके जाने की मांग प्रशासन से की है.
काशीपुर घाटों पर होगा छठ का आयोजन
छठ पूजा के मौके पर काशीपुर प्रशासन ने भले ही कोविड-19 गाइडलाइन अनुसार पूजा की अनुमति दे है, लेकिन सरकारी तंत्र की लापरवाही साफ उजागर हो रही है. लापरवाही का आलम यह है कि सिंचाई विभाग द्वारा न तो महादेव नहर की सफाई करवाई गई और ना ही महादेव नहर में साफ पानी छोड़ा गया. पूर्वांचल छठ सेवा एवं जन कल्याण समिति के अध्यक्ष दिनेश प्रसाद ने कहा कि बीते रोज नहाए खाए के साथ छठ महापर्व शुरू हो चुका है. आज खरना हैं. प्रशासन द्वारा कोरोना को लेकर जारी गाइडलाइन के तहत 200 लोगों को कार्यक्रम में भाग लेने की अनुमति दी गई है. इसी वजह से उन्होंने इस बार कार्यक्रम के किसी तरह के भी आमंत्रण कार्ड नहीं वितरित किए हैं.
अब तक नहीं हुई नहर की सफाई
दिनेश प्रसाद ने कहा कि महज 2 दिन पहले ही सिंचाई विभाग के कर्मचारी यहां आए हैं. वहीं, नहर में गंदगी बरकरार है. यह अभी तक पूरी तरह से साफ नहीं हुई है. जिस वजह से व्रत करने वाले श्रद्धालुओं को साफ घाट उपलब्ध कराने में परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं से निवेदन है कि वह कम से कम संख्या में घाटों पर पूजा करने के लिए आए. साथ ही अपने साथ किसी तरह की भीड़ ना लाएं.