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चारधाम यात्रा को लेकर राज्य सरकार ने जारी की एडवाइजरी, जानें क्या है खास

प्रदेश सरकार ने चारधाम यात्रा शुरू कर दी है. इसके साथ ही सरकार ने सभी राज्यों के लिए एक एडवाइजरी भी जारी की है, जिसमें यह बताया गया है कि यात्रा के दौरान क्या किया जाए और क्या नहीं.

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Published : Sep 22, 2021, 8:48 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड चारधाम यात्रा की शुरुआत 18 सितंबर से हो गई है. लेकिन अगर आप चारधाम यात्रा में आ रहे है तो आपको कोरोना काल में राज्य सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी को जानना जरूरी है. आइए हम आपको बताते हैं. चारधाम यात्रा पर आने वाले व्यवसायिक वाहनों को ग्रीन कार्ड ट्रिप रिकॉर्ड रखना अनिवार्य कर दिया गया है. एडवाइजरी के मुताबिक वाहनों की आवाजाही केवल सुबह 5 बजे से रात्रि 8 बजे तक ही रखी गई है. इसके उपरांत वाहनों के संचालन में प्रतिबंधित है.

राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुसार चारधाम यात्री अपने आवाजाही के समय यानी दोनों तरफ के आवागमन के समय अपने ग्रीन कार्ड को अपडेट कराना न भूलें. ताकि इससे यह पता चल सके कि कौन यात्रा पर जा रहा है और किसने अपनी यात्रा पूरी कर ली है.

यात्रा के पहले दिन 19 हजार ई-पास जारी: चारधाम यात्रा शुरू होने से संबंधित जानकारी के अनुसार पहले दिन लगभग 19 हजार ई-पास जारी किए गए. जबकि, यात्रा में भारी संख्या आने के दृष्टिगत वर्तमान में 15 अक्टूबर तक की बुकिंग पूरी हो चुकी है.

ये है एडवाइजरी: चारधाम यात्रा गाइडलाइन के मुताबिक, राज्य के पहाड़ी मार्गों पर 4300 मिलीमीटर से अधिक व्हीलबेस बस जैसे बड़े वाहन आवाजाही में प्रतिबंधित है. राज्य में बाहरी प्रदेशों से आवागमन करने वाले किसी भी प्रकार के वाहनों में सायरन, हूटर, लाल, पीली व नीली जैसी ब के अलावा किसी भी तरह का पद नाम वाले बोर्ड को प्रतिबंधित किया गया है.

वहीं, यात्रा पर आने वाले वाहन चालक प्रतिदिन 8 घंटे से अधिक वाहन नहीं चला सकेंगे. वाहन चालकों को ड्राइविंग के समय चप्पल पहनना प्रतिबंधित किया गया है. ताकि मॉनसून जैसे सीजन में पहाड़ी मार्गों में संतुलन बिगड़ने से दुर्घटना के खतरे को कम किया जा सके. चारधाम यात्रा के दौरान किसी भी तरह के निजी वनों का संचालन व्यवसायिक रूप से प्रतिबंधित किया गया है. बाहरी राज्यों में केवल वहीं व्यवसायिक वाहन चालक की आवाजाही कर सकता है, जिसके पास पर्वतीय क्षेत्रों में वाहन चलाने का लाइसेंस उपलब्ध हो.

चारधाम यात्रा के दौरान वाहनों में प्राथमिक चिकित्सा से संबंधित फर्स्ट एड बॉक्स, अग्निशमन का यंत्र और वाहन को किसी जगह रुकते समय लोहे का गुटका जैसे टूल के सामान अनिवार्य किए गए हैं. वाहन संचालक के पास यात्रा के समय रस्सी, पंचर किट, हवा भरने का पंप, टॉर्च और टूलचेन जैसे सामान रखने को भी एडवाइजरी के तहत अनिवार्य किया गया है.

पढ़ें: चारधाम यात्रा: 69 हजार से ज्यादा लोगों ने कराया रजिस्ट्रेशन, 6059 श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

वहीं, चारधाम यात्रा के लिए अक्सर आने वाले यात्रियों को अपने साथ बरसाती, खाने का समान, गर्म पानी, छाता और आपातकाल स्थिति में काम आने वाले सामान को रखना भी जरूरी है. ताकि यात्रियों को मॉनसून के मौसम में काम आने वाली वस्तुओं के लिए समस्या न हो.

ऐसे करें रजिस्ट्रेशन: केदारनाथ धाम में प्रतिदिन 800 श्रद्धालु, बदरीनाथ धाम में 1000, गंगोत्री में 600, यमुनोत्री धाम में 400 श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति दी की गई है. चारधाम यात्रा पर बाहरी राज्यों से उत्तराखंड आने वाले श्रद्धालुओं के लिए देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल http://smartcitydehradun.uk.gov.in पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है.

पुलिस बल तैनात: चारधाम यात्रा को लेकर चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिले में पुलिस बल तैनात किए गए हैं. साथ ही मुनिकीरेती, देवप्रयाग, टिहरी, उत्तरकाशी, बड़कोट, रुद्रप्रयाग, सोनप्रयाग, जोशीमठ, पांडुकेश्वर, सहित चारों धामों के प्रवेश मार्गों पर पुलिस द्वारा नजर रखी जा रही है. धामों में‌ श्रद्धालु किसी भी कुंड में स्नान नहीं कर रहे हैं. कोरोना प्रोटोकॉल एवं सामाजिक दूरी का पालन अनिवार्य किया गया है.

देहरादून: उत्तराखंड चारधाम यात्रा की शुरुआत 18 सितंबर से हो गई है. लेकिन अगर आप चारधाम यात्रा में आ रहे है तो आपको कोरोना काल में राज्य सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी को जानना जरूरी है. आइए हम आपको बताते हैं. चारधाम यात्रा पर आने वाले व्यवसायिक वाहनों को ग्रीन कार्ड ट्रिप रिकॉर्ड रखना अनिवार्य कर दिया गया है. एडवाइजरी के मुताबिक वाहनों की आवाजाही केवल सुबह 5 बजे से रात्रि 8 बजे तक ही रखी गई है. इसके उपरांत वाहनों के संचालन में प्रतिबंधित है.

राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुसार चारधाम यात्री अपने आवाजाही के समय यानी दोनों तरफ के आवागमन के समय अपने ग्रीन कार्ड को अपडेट कराना न भूलें. ताकि इससे यह पता चल सके कि कौन यात्रा पर जा रहा है और किसने अपनी यात्रा पूरी कर ली है.

यात्रा के पहले दिन 19 हजार ई-पास जारी: चारधाम यात्रा शुरू होने से संबंधित जानकारी के अनुसार पहले दिन लगभग 19 हजार ई-पास जारी किए गए. जबकि, यात्रा में भारी संख्या आने के दृष्टिगत वर्तमान में 15 अक्टूबर तक की बुकिंग पूरी हो चुकी है.

ये है एडवाइजरी: चारधाम यात्रा गाइडलाइन के मुताबिक, राज्य के पहाड़ी मार्गों पर 4300 मिलीमीटर से अधिक व्हीलबेस बस जैसे बड़े वाहन आवाजाही में प्रतिबंधित है. राज्य में बाहरी प्रदेशों से आवागमन करने वाले किसी भी प्रकार के वाहनों में सायरन, हूटर, लाल, पीली व नीली जैसी ब के अलावा किसी भी तरह का पद नाम वाले बोर्ड को प्रतिबंधित किया गया है.

वहीं, यात्रा पर आने वाले वाहन चालक प्रतिदिन 8 घंटे से अधिक वाहन नहीं चला सकेंगे. वाहन चालकों को ड्राइविंग के समय चप्पल पहनना प्रतिबंधित किया गया है. ताकि मॉनसून जैसे सीजन में पहाड़ी मार्गों में संतुलन बिगड़ने से दुर्घटना के खतरे को कम किया जा सके. चारधाम यात्रा के दौरान किसी भी तरह के निजी वनों का संचालन व्यवसायिक रूप से प्रतिबंधित किया गया है. बाहरी राज्यों में केवल वहीं व्यवसायिक वाहन चालक की आवाजाही कर सकता है, जिसके पास पर्वतीय क्षेत्रों में वाहन चलाने का लाइसेंस उपलब्ध हो.

चारधाम यात्रा के दौरान वाहनों में प्राथमिक चिकित्सा से संबंधित फर्स्ट एड बॉक्स, अग्निशमन का यंत्र और वाहन को किसी जगह रुकते समय लोहे का गुटका जैसे टूल के सामान अनिवार्य किए गए हैं. वाहन संचालक के पास यात्रा के समय रस्सी, पंचर किट, हवा भरने का पंप, टॉर्च और टूलचेन जैसे सामान रखने को भी एडवाइजरी के तहत अनिवार्य किया गया है.

पढ़ें: चारधाम यात्रा: 69 हजार से ज्यादा लोगों ने कराया रजिस्ट्रेशन, 6059 श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

वहीं, चारधाम यात्रा के लिए अक्सर आने वाले यात्रियों को अपने साथ बरसाती, खाने का समान, गर्म पानी, छाता और आपातकाल स्थिति में काम आने वाले सामान को रखना भी जरूरी है. ताकि यात्रियों को मॉनसून के मौसम में काम आने वाली वस्तुओं के लिए समस्या न हो.

ऐसे करें रजिस्ट्रेशन: केदारनाथ धाम में प्रतिदिन 800 श्रद्धालु, बदरीनाथ धाम में 1000, गंगोत्री में 600, यमुनोत्री धाम में 400 श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति दी की गई है. चारधाम यात्रा पर बाहरी राज्यों से उत्तराखंड आने वाले श्रद्धालुओं के लिए देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल http://smartcitydehradun.uk.gov.in पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है.

पुलिस बल तैनात: चारधाम यात्रा को लेकर चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिले में पुलिस बल तैनात किए गए हैं. साथ ही मुनिकीरेती, देवप्रयाग, टिहरी, उत्तरकाशी, बड़कोट, रुद्रप्रयाग, सोनप्रयाग, जोशीमठ, पांडुकेश्वर, सहित चारों धामों के प्रवेश मार्गों पर पुलिस द्वारा नजर रखी जा रही है. धामों में‌ श्रद्धालु किसी भी कुंड में स्नान नहीं कर रहे हैं. कोरोना प्रोटोकॉल एवं सामाजिक दूरी का पालन अनिवार्य किया गया है.

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