देहरादून: उत्तराखंड की वादियां हमेशा से सभी को अपनी और आकर्षित करती रहती हैं. उत्तराखंड के पहाड़, यहां के झरने, यहां की नदियां इतनी खूबसूरत हैं कि एक बार जो यहां पर आ जाए उसका शायद यहां से जाने का मन नहीं करता. साल के 12 महीने यह पहाड़ जितनी खूबसूरत लगते हैं. उससे बहुत ज्यादा खूबसूरत बर्फबारी के दौरान दिखाई देते हैं. लेकिन अब उत्तराखंड में एक नया ट्रेंड शुरू हो रहा है. दिल्ली, गुड़गांव, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के युवा अब उत्तराखंड में बर्फबारी के बीच सात फेरे ले रहे हैं. उत्तराखंड में यह तेजी से स्नो वेडिंग (snow wedding in uttarakhand) का कल्चर बढ़ रहा है, जिससे ना केवल उत्तराखंड को एक नई पहचान मिल रही है, बल्कि यहां पर व्यवसाय करने वाले लोगों को भी यह कुछ अलग लग रहा है. राज्य सरकार भी इसको बढ़-चढ़कर प्रमोट करने में लगी हुई है.
कल्पना कीजिए बर्फबारी में हो सात फेरे: अगर आप शादी का प्लान कर रहे हैं तो आप कल्पना कीजिए कि आपकी शादी के तमाम कार्यक्रम और रीति-रिवाज एक ऐसी जगह पर हो रहे हैं. जहां पर चारों तरफ बड़े बड़े पहाड़ और पहाड़ों की चोटियों से आपके वेडिंग डेस्टिनेशन तक बर्फबारी हो रही हो. आप इस बात की कल्पना कर सकते हैं कि जब आप सात फेरे ले रहे हो तो बाहर हल्की हल्की बर्फबारी आपके इन पलों की दवा बन रही हो.
जी हां, उत्तराखंड में तेजी से ऐसे शादी करने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है, जो यह चाहते हैं कि वह इस खास पल को कुछ खास तरीके से सेलिब्रेट करें. उत्तराखंड के नैनीताल, अल्मोड़ा मसूरी और जोशीमठ के औली सहित त्रियुगीनारायण में शादी करने वाले लोग संपर्क कर रहे हैं और यह पूछ रहे हैं कि किस दिनों में इन जगहों पर बर्फबारी हो सकती है.
आ रही है ऐसी बुकिंग: नैनीताल में होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल जगाती बताते हैं कि अब तक नैनीताल और आसपास के इलाकों में होटल बुकिंग करने वालों की जो कॉल आती थी वह एक या दो दिन के लिए ही होती थी, यानी वह यहां पर अपने परिवार के साथ आकर घूमना चाहते हैं. यहां की वादियों का आनंद लेना चाहते हैं. लेकिन इस बार तेजी से एक नया ट्रेंड सामने आया है. लोग होटल बुकिंग के साथ-साथ वेडिंग प्वाइंट भी बुकिंग करवा रहे हैं और यह वेडिंग पॉइंट उन स्थानों पर चाहते हैं, जहां पर बर्फबारी अच्छी खासी हो और अगर वेडिंग प्वाइंट में भी उन्हें बुकिंग नहीं मिल रही है तो उन इलाकों में होटल बुक करवा रहे हैं. जहां पर दिसंबर के अंत में या जनवरी और फरवरी में बर्फबारी अच्छी खासी मिलेगी.
कमल जगाती कहते हैं कि उत्तराखंड के लिए एक सुखद और अच्छी खबर है कि लोग अब इस ओर भी ध्यान दे रहे हैं. आज से पहले शायद ही किसी ने इस बात के लिए सोचा होगा कि लोग इस तरह से भी अपनी शादी प्लान कर सकते हैं, लेकिन जब उनके पास कॉल आ रहे हैं और पूछताछ लोग करते हैं, तो उन्हें लगता है यह उत्तराखंड को एक नई पहचान दिला सकता है.
क्या कहते हैं इवेंट मैनेजमेंट वाले: वहीं, इवेंट मैनेजमेंट की कंपनी चला रहे कुंवर शाहिद कहते हैं कि वह 12 सालों से इस काम में है, लेकिन इस बार उत्तराखंड के लिए जिस तरह से शादी के लिए उनके पास बुकिंग आ रही हैं, वह बेहद चौंकाने वाला है. वह कहते हैं कि इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ कि चमोली नैनीताल और मसूरी जैसे इलाकों में लोग इस तरह की बड़ी वेडिंग के लिए उन्हें अप्रोच करें. उनका काम अब तक देश के अन्य अन्य राज्यों में ही होता था. लेकिन उत्तराखंड में भी उन्हें बड़े काम मिल रहे हैं. खासकर जनवरी और फरवरी में इस तरह की बुकिंग सामने आ रही हैं.
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शाहिद कहते हैं कि उत्तराखंड में बहुत कुछ हो सकता है. यहां पर लोग जयपुर और गोवा की तरह शादी करने आ सकते हैं, लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत यहां ठहरने की है. बड़े पर्यटक स्थल जैसे मसूरी और नैनीताल में भी किसी एक होटल में 50 से 60 कमरे उपलब्ध नहीं होते और अधिकतर होटलों में कमरों की संख्या ही 30 से 35 होती है, जो भी व्यक्ति बाहर से शादी करने आता है. वह अपने साथ 100 से 200 लोग लेकर आता है.
ऐसे में रुकने की व्यवस्था ना होने की वजह से वह अब तक यहां शादी का प्लान नहीं कर पाता है. हालांकि, अब सरकार को यह सोचना होगा की इस टूरिज्म को कैसे आगे बढ़ाया जाए? इसमें अपार संभावनाएं हैं और उत्तराखंड की भी नहीं पहचान इससे जुड़ेगी. वैसे भी कोविड ने शादियों का ट्रेंड काफी बदला है.
सरकार कर रही है प्रयास: उत्तराखंड में पर्यटन मंत्रालय संभाल रहे सतपाल महाराज कहते हैं कि उत्तराखंड में बीते कुछ सालों से इस तरह की शादियां हुई हैं और अब उत्तराखंड वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में नई पहचान भी ले रहा है. सतपाल महाराज कहते हैं कि उनका विभाग लगातार मौसम विभाग से समन्वय बनाकर उत्तराखंड में कब कहां कैसे बर्फबारी होगी? इस खबर को भी लगातार सर्कुलेट करवा रहे हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस बात की जानकारी मिल सके कि उत्तराखंड में कब बर्फबारी शुरू होगी. सतपाल महाराज भी उत्तराखंड में स्नो वेडिंग के कॉन्सेप्ट से काफी खुश नजर आ रहे हैं.
पहले भी होती रही हैं बड़ी शादियां: उत्तराखंड में इससे पहले भी कई बड़ी शादियां हो चुकी हैं. उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में त्रियुगीनारायण हो या फिर चमोली जिले के क्रीडा स्थल औली में शादी समारोह का होना. हां यह बात और है कि तमाम शादियों में बर्फबारी को नहीं बल्कि स्थान को महत्व दिया गया है, उम्मीद यही जताई जा रही है कि उत्तराखंड आने वाले दिनों में एक नई पहचान स्थापित करेगा.