देहरादून: राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NHRM) दवा वितरण घोटाला मामले में सीबीआई आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने का मन बना रही है. सीबीआई ने इस मामले में उत्तराखंड शासन को घोटाले में संलिप्त पूर्व सीएमओ सहित स्वास्थ्य विभाग के 7 आरोपित कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अनुमति का पत्र दूसरी बार रिमाइंडर के रूप में भेजा है. हालांकि, इस मामले में सीबीआई को अभी तक शासन से जवाब नहीं मिल सका है. जिसके चलते सीबीआई इस मामले में आगे की कार्रवाई नहीं कर सकी है.
रुड़की में साल 2010 में नाले में मिली थीं दवाइयां
बता दें, एनआरएचएम दवाई वितरण घोटाले का मामला वर्ष 2010 में तब सामने आया था, जब रुड़की के एक नाले में भारी मात्रा में दवाइयां बरामद हुईं. ऐसे में मामला घोटाले से जुड़े होने के चर्चाओं में आने के बाद स्वास्थ्य विभाग स्तर से कार्रवाई और जांच की बात सामने आई. हालांकि विभागीय स्तर की जांच किसी भी तरह के निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पायी. उधर, मामला दवाई वितरण घोटाले से जुड़ा होने के चलते सुर्खियों में रहा, जिसके बाद शासन स्तर पर एक जांच कराई गई. लेकिन उस समय भी निवर्तमान जांच अधिकारी द्वारा शासन को शिकायत दी गई कि स्वास्थ्य विभाग के आरोपित अधिकारी इस मामले में जांच को लेकर किसी भी तरह का कोई सहयोग नहीं कर रहे हैं.
सूचना आयोग ने सीबीआई जांच की थी संस्तुति
घोटाला दवाई वितरण का होने के कारण सूचना आयोग ने इसकी जांच सीबीआई से कराने की संस्तुति की थी. इसके साथ ही आयोग ने मामले में विभिन्न स्तरों पर करायी गई अलग-अलग जांच की रिपोर्ट मुख्य सचिव को उपलब्ध कराते हुए सीबीआई से आगे की जांच कराने का पत्र लिखा. ऐसे में साल 2014 में उत्तराखंड राज्य सरकार ने भी इस मामले की गंभीरता को समझते हुए सीबीआई को पूरे घोटाले की जांच के लिए पत्र भेजा.
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सीबीआई ने शासन को दो बार लिखा पत्र
सीबीआई ने शासन को एक महीने में दो बार आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति के लिए पत्र लिखा. सीबीआई ने घोटाले में लिप्त स्वास्थ्य अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ जांच पड़ताल करने का फैसला बीते सितंबर माह में लिया था. ऐसे में सीबीआई ने पिछले एक महीने में दो बार शासन को पत्र लिखा, लेकिन अभी तक शासन की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है.