देहरादून: वनाग्नि नियंत्रण को लेकर हाई कोर्ट के कृत्रिम वर्षा कराने के निर्देश के बाद इसके अन्य फायदों पर भी विचार किया जा रहा है, जिसमें बादल फटना और प्रदूषण नियंत्रण जैसे विषय भी शामिल है.
उत्तराखंड के जंगलों में फैली आग को लेकर वन विभाग भरसक प्रयास कर रहा है. 10,000 कर्मचारियों के साथ-साथ वन विभाग के तमाम संसाधन और केंद्र द्वारा भेजे गए हेलीकॉप्टर से भी वनाग्नि को रोकने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन सारे प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं. जिसके बाद हाईकोर्ट ने कृत्रिम वर्षा कराने पर सरकार को विचार करने के निर्देश दिए थे.
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वन मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि हाल ही में हुई कैबिनेट में कृत्रिम वर्षा के साथ-साथ अन्य विकल्पों पर भी विचार किया गया, जिससे वनों में लगी आग को बुझाने में सहायता मिल सके. बता दें कि कृत्रिम वर्षा से बादल फटने की घटनाओं को टाला जा सकता है और प्रदूषण नियंत्रण भी संभव है.