देहरादून: उत्तराखंड में पशुओं के सूखे चारे के रूप में इस्तेमाल होने वाले भूसे को लेकर सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. सचिव पशुपालन की तरफ से भूसे की कीमतों में भारी उछाल को देखते हुए, अब भूसे के भंडारण और राज्य से बाहर परिवहन पर रोक लगा दी है.
राज्य में पशुओं के चारे के रूप में इस्तेमाल होने वाले भूसे की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है. सामान्य दिनों में भूसे का औसतन भाव 400 से ₹600 प्रति क्विंटल रहता है, जो इस समय बढ़कर 900 से 1300 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है. भूसे के बढ़ते दामों को देखते हुए सरकार ने इसके भंडारण और राज्य से बाहर जाने पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं.
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सचिव पशुपालन बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने सभी जिलाधिकारियों को राज्य में भूसे को ईंट-भट्टा और दूसरे उद्योगों में इस्तेमाल नहीं किए जाने के निर्देश दिए हैं. यही नहीं इन उद्योगों में भूसे की खरीद पर भी अगले 15 दिनों तक के लिए रोक लगाई गई है.
वहीं, भूसे के विक्रेताओं की तरफ से भूसे के गैर जरूरी भंडारण और कालाबाजारी पर भी रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा जिलों में उत्पादित भूसे को राज्य से बाहर भेजने पर भी तत्काल रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं. जबकि सभी जिलों में पुराल को जलाने पर भी तत्काल रोक लगाने के लिए भी कहा गया है