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बड़ी राहत: मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों में 50 फीसदी की छूट

उत्तराखंड राज्य के लोगों के लिए राहत भरी खबर है. उत्तराखंड राज्य सरकार ने मोटर वाहन अधिनियम 1988 संशोधन में करते हुए जुर्माने में 50 फीसदी तक की छूट की है.

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Published : Sep 12, 2019, 9:15 AM IST

देहरादून

देहरादून: उत्तराखंड राज्य सरकार ने लोगों को राहत देते हुए मोटर वाहन अधिनियम 1988 संशोधन के कई प्रावधानों के दंड में छूट दी है. साथ ही तमाम अपराधों पर राज्य सरकार ने जुर्माना राशि को करीब 50 फीसदी तक घटा दिया है. लेकिन बिना हेलमेट, ड्राइविंग लाइसेंस, निषेध क्षेत्रों में भारी मोटर वाहन चलाने, बिना अनुमति के अनाधिकृत रेसिंग, तेज गति से वाहन चलाने, निषेध क्षेत्रों में हॉर्न का उपयोग करने जैसे अपराधों में राज्य सरकार ने कोई ढील नहीं दी है.

मदन कौशिश, प्रवक्ता उत्तराखंड सरकार.

वहीं, शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने कहा कि लोगों के जान से बड़ीं कोई चीज नहीं होती है. हर साल एक्सीडेंट में सैकड़ों लोगों की मौत होती है. लिहाजा, लोगो में जागरूकता रहे इसका सहयोग इस रूप में होना चाहिए.

मोटर वाहन अधिनियम 1988 'संशोधन'

  • धारा 177, 178, 178 (2), 178 (3)(क), 112 के नियम में दिए गए जुर्माने को यथावत रखा है.
  • धारा 180 में जुर्माना को ₹5000/- से घटाकर ₹2500/- किया गया.
  • धारा 7 में यानी गाड़ी के मोडिफिकेशन पर एक लाख से घटाकर ₹50 हजार किया गया.
  • धारा 182 (ख)में 10 हजार जुर्माने को घटाकर ₹5000/- किया गया.
  • ध्वनि प्रदूषण और वायु प्रदूषण के लिए ₹10 हजार की जगह ₹2500/- जुर्माना.
  • वाहन में क्षमता से अधिक सवारी ले जाने पर ₹200 प्रति सवारी जुर्माना वसूला जाएगा.
  • सीट बेल्ट न लगने पर ₹1000 रुपए जुर्माना.
  • अग्निशमन, एंबुलेंस को रास्ता ना देने पर ₹10 हजार से घटाकर ₹5000/- रुपये जुर्माने का प्रावधान.
  • गलत नंबर प्लेट लगाने पर ₹5000/- का जुर्माना देय होगा.
  • वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग करते समय पहली बार में ₹1000 का चालान होगा दूसरी बार में ₹2000 रुपये का होगा चालान.
  • खतरनाक ढंग से वाहन चलाने पर ₹2000 का जुर्माना.
  • ओवर स्पीड चलने पर ₹2000 का जुर्माना.
  • बिना लाइसेंस के ड्राइविंग पर ₹2500/- का प्रावधान.

बिना वाहन इंश्योरेंस के वाहन चलाने पर केंद्र सरकार ने संशोधित मोटर वाहन अधिनियम में ₹2000 और पहले और दूसरे अपराध पर ₹4000 का जुर्माना लगाया है. तो वहीं, उत्तराखंड राज्य सरकार ने पहले और दूसरे अपराध में ₹1000 और ₹2000 के दंड का प्रावधान किया है.

देहरादून: उत्तराखंड राज्य सरकार ने लोगों को राहत देते हुए मोटर वाहन अधिनियम 1988 संशोधन के कई प्रावधानों के दंड में छूट दी है. साथ ही तमाम अपराधों पर राज्य सरकार ने जुर्माना राशि को करीब 50 फीसदी तक घटा दिया है. लेकिन बिना हेलमेट, ड्राइविंग लाइसेंस, निषेध क्षेत्रों में भारी मोटर वाहन चलाने, बिना अनुमति के अनाधिकृत रेसिंग, तेज गति से वाहन चलाने, निषेध क्षेत्रों में हॉर्न का उपयोग करने जैसे अपराधों में राज्य सरकार ने कोई ढील नहीं दी है.

मदन कौशिश, प्रवक्ता उत्तराखंड सरकार.

वहीं, शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने कहा कि लोगों के जान से बड़ीं कोई चीज नहीं होती है. हर साल एक्सीडेंट में सैकड़ों लोगों की मौत होती है. लिहाजा, लोगो में जागरूकता रहे इसका सहयोग इस रूप में होना चाहिए.

मोटर वाहन अधिनियम 1988 'संशोधन'

  • धारा 177, 178, 178 (2), 178 (3)(क), 112 के नियम में दिए गए जुर्माने को यथावत रखा है.
  • धारा 180 में जुर्माना को ₹5000/- से घटाकर ₹2500/- किया गया.
  • धारा 7 में यानी गाड़ी के मोडिफिकेशन पर एक लाख से घटाकर ₹50 हजार किया गया.
  • धारा 182 (ख)में 10 हजार जुर्माने को घटाकर ₹5000/- किया गया.
  • ध्वनि प्रदूषण और वायु प्रदूषण के लिए ₹10 हजार की जगह ₹2500/- जुर्माना.
  • वाहन में क्षमता से अधिक सवारी ले जाने पर ₹200 प्रति सवारी जुर्माना वसूला जाएगा.
  • सीट बेल्ट न लगने पर ₹1000 रुपए जुर्माना.
  • अग्निशमन, एंबुलेंस को रास्ता ना देने पर ₹10 हजार से घटाकर ₹5000/- रुपये जुर्माने का प्रावधान.
  • गलत नंबर प्लेट लगाने पर ₹5000/- का जुर्माना देय होगा.
  • वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग करते समय पहली बार में ₹1000 का चालान होगा दूसरी बार में ₹2000 रुपये का होगा चालान.
  • खतरनाक ढंग से वाहन चलाने पर ₹2000 का जुर्माना.
  • ओवर स्पीड चलने पर ₹2000 का जुर्माना.
  • बिना लाइसेंस के ड्राइविंग पर ₹2500/- का प्रावधान.

बिना वाहन इंश्योरेंस के वाहन चलाने पर केंद्र सरकार ने संशोधित मोटर वाहन अधिनियम में ₹2000 और पहले और दूसरे अपराध पर ₹4000 का जुर्माना लगाया है. तो वहीं, उत्तराखंड राज्य सरकार ने पहले और दूसरे अपराध में ₹1000 और ₹2000 के दंड का प्रावधान किया है.

Intro:उत्तराखंड राज्य सरकार ने लोगों को राहत देते हुए मोटर वाहन अधिनियम, 1988 'संसोधन' के कई प्रावधानों के दंड में छूट दी है। यही नही बल्कि तमाम अपराधों पर राज्य सरकार ने जुर्माना राशि को करीब 50 फीसदी तक घटा दिया है। तो वही बिना हेलमेट ड्राइविंग, निषेध क्षेत्रों में भारी मोटर वाहन चलाने, बिना अनुमति के अनधिकृत रेसिंग, तेज गति से वाहन चलाने, निषेध क्षेत्रों में हॉर्न का उपयोग करने जैसे अपराधों में राज्य सरकार ने कोई ढील नहीं दी है।



Body:वही शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि मोटर वाहन अधिनियम, 1988 'संसोधन' के कई प्रावधानों में लोगो को काफी छूट दी है। और इस छूट से काफी समस्याओं का समाधान हो गया है। लेकिन लोगो के जान से बड़ी कोई चीज नही होती है। हर साल एक्सीडेंट में सैकड़ो लोगो की मौत होती है। लिहाजा लोगो मे जागरूकता रहे इसका सहयोग इस रूप में होना चाहिए। 

बाइट - मदन कौशिक, शासकीय प्रवक्ता


          -:मोटर वाहन अधिनियम -1988 'संशोधन':-


- धारा 177, 178, 178 (2), 178 (3)(क), 112 के नियम में दिए गए जुर्माने को यथावत रखा है। 
- धारा 180 में जुर्माना को 5,000 से घटाकर 2,500 किया गया।
- धारा 7 में यानी गाड़ी के मोडिफिकेशन पर एक लाख से घटाकर 50 हज़ार किया गया।
- धारा 182 (ख)में 10,000 जुर्माने को घटाकर 5,000 किया गया।
- ध्वनि प्रदूषण और वायु प्रदूषण के लिए 10,000 की जगह 2500 का जुर्माना
- वाहन में क्षमता से अधिक सवारी ले जाने पर 200 रुपये प्रति सवारी जुर्माना वसूला जाएगा।
- सीट बेल्ट न लगने पर 1000 रुपए के जुर्माने का प्रावधान।
- अग्निशमन, एंबुलेंस को रास्ता ना देने पर 10,000 से घटाकर 5,000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान।
- गलत नंबर प्लेट लगाने पर 5000 का जुर्माना देय होगा।
- वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग करते समय पहली बार में ₹1000 का चालान होगा दूसरी बार में 2000 रुपये का होगा चालान।
- खतरनाक ढंग से वाहन चलाने पर 2000 रुपये का जुर्माना
- ओवर स्पीड चलने पर 2000 रुपये का किया जुर्माना
- बिना लाइसेंस के ड्राइविंग पर 2,500 रुपये का प्रावधान किया गया।
- बिना वाहन इंसोरेंस के वाहन चलाने पर केंद्र सरकार ने संशोधित, मोटर वाहन अधिनियम में 2000 रुपये और पहले और दूसरे अपराध पर 4000 रुपये का जुर्माना लगाया है। तो वही उत्तराखंड राज्य सरकार ने पहले और दूसरे अपराध में 1000 और 2000 रुपये के दंड का प्रावधान किया है। 




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