ऋषिकेश: श्रद्धालुओं के दबाब मे आकर त्रिवेंद्र सरकार ने अन्य प्रदेश के यात्रियों को भी चारधाम यात्रा पर आने की इजाजत दे दी है. इस निर्णय से जहां तीर्थ पुरोहित परेशान हैं, तो वहीं परिवहन व्यवसाय से जुडे़ लोगों की आस जग गई. जैसा कि हम जानते हैं कि उत्तराखंड के 50 प्रतिशत से ज्यादा लोगों की आय पर्यटन से जुड़ी है और वह अपना पूरे साल भर का खर्चा छह महीने तक चलने वाली चारधाम यात्रा से निकालते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार भी अपने परिवहन से जुड़ी बस और स्वास्थ्य से जुड़े लोगों को इन रूटों पर डायवर्ट करती है.
उतराखंड़ सरकार के इस छूट के बाद अब परिवहन व्यवसायियों में खुशी की लहर है. परिवहन व्यवसायियों का कहना है कि अब अन्य प्रदेशों के यात्रियों के आने पर परिवहन व्यवसाय को फायदा हो सकता है. हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया है कि यात्री को अपने साथ कोरोना निगेटिव की रिपोर्ट अपने साथ लानी होगी वो भी केवल 72 घंटे पुरानी होनी चाहिए.
राज्य सरकार की ओर से बाहरी प्रदेशों के तीर्थ यात्रियों को चारधाम यात्रा के लिए कुछ शर्तों के साथ अनुमति देने पर चारधाम यात्रा से जुड़े परिवहन कारोबारियों ने बताया कि तीर्थ यात्रियों ने संयुक्त रोटेशन यातायात व्यवस्था समिति से संपर्क करना शुरू कर दिया है. समिति के अध्यक्ष मनोज ध्यानी का कहना है कि समिति द्वारा चारधाम यात्रा को लेकर पूरी तरह से तैयारी कर ली गई है. उनकी बसें यात्रियों को चारधाम के दर्शन कराने के लिए पहले से ही तैयार है.
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बता दें कि, चारधाम यात्रा पर कोरोना की वजह से रोक लगाई गई थी. जिस कारण परिवहन व्यवसायियों के साथ-साथ चारधाम यात्रा से जुड़े अन्य व्यवसायियों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा था. अब सरकार के द्वारा यात्रा में छूट दी गई है. तो ऐसे में अब उनको व्यवसाय में कुछ फायदा होने की उम्मीद जगी है.