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नीति आयोग: 10 से 14वें पायदान पर पहुंची उत्तराखंड की स्कूली शिक्षा, पहले नंबर पर काबिज केरल

देशभर के सभी राज्यों के स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के मामले में नीति आयोग ने "स्कूल एजुकेशन क्वालिटी इंडेस्क" जारी कर दिया है. जिसमें देशभर के सभी राज्यों के सत्र 2016-2017 में स्कूली शिक्षा के प्रदर्शन के अनुसार उनको अलग-अलग पायदान पर रखा गया है. इस रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड राज्य को स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के मामले में 14वें पायदान पर रखा गया है.

नीती आयोग की शिक्षा पर आई रिपोर्ट.
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Published : Oct 1, 2019, 8:54 PM IST

Updated : Oct 1, 2019, 11:50 PM IST

देहरादून: यूं तो उत्तराखंड राज्य अपने प्राकृतिक सौंदर्य और मंदिरों के लिए विश्वविख्यात है. लेकिन इस प्रदेश की विकट भौगोलिक परिस्थितियां यहां के जन-जीवन को संघर्षशील बना देती हैं. इन्हीं संघर्षों को आसान बनाने का सपना दिखाकर चुनाव लड़े और जीते जाते हैं. लेकिन जब बारी इन सपनों के साकार होने की आती है तो जनता खुद को ठगा सा महसूस करती है. इसी का ताजा उदाहरण नीति आयोग की वो रपट है, जिसमें उत्तराखंड में स्कूली शिक्षा का स्तर निचले पायदान पर लुढ़क गया है.

उत्तराखंड की स्कूली शिक्षा

नीति आयोग द्वारा जारी किए गए 'स्कूल एजुकेशन क्वालिटी इंडेक्स-2019' के अनुसार सत्र 2016-2017 की रिपोर्ट में उत्तराखंड राज्य 48.1 प्रतिशत अंक पाकर 14वें पायदान पर है. उत्तराखंड राज्य के स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन मामले में सत्र 2015-16 के रिपोर्ट की बात करें तो उत्तराखंड का परफॉर्मेंस बेहतर था. इस सत्र में प्रदेश 49.5% अंक पाकर दसवें पायदान पर था. लेकिन एक साल में ही दसवें पायदान से उत्तराखंड राज्य 14 वें पायदान पर आ गया है. जिससे उत्तराखंड में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता पर कई सवाल खड़े हो गये हैं.

पढे़ं- KBC की हॉट सीट पर पहुंची ऋषकेश की शिवानी, कई सवालों का दिया जवाब

स्कूली शिक्षा मामले में देश के बड़े राज्यों की स्थिति

  1. केरल राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 82.2 प्रतिशत अंक प्राप्त कर पहले पायदान पर है. वहीं, सत्र 2015-16 में भी केरल राज्य 77.6% अंक प्राप्त कर पहले पायदान पर ही था.
  2. तमिलनाडु राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 73.4% अंक प्राप्त कर दूसरे पायदान पर रहा. वहीं सत्र 2015-16 में भी तमिलनाडु राज्य 63.2% अंक प्राप्त कर दूसरे पायदान पर ही था.
  3. हरियाणा राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 69.5% अंक प्राप्त कर तीसरे पायदान पर आ गया है. जबकि, सत्र 2015-16 में हरियाणा राज्य 51.0 प्रतिशत अंक प्राप्त कर आठवें पायदान पर था.
  4. वहीं गुजरात सत्र 2016-17 में 63.0% अंक प्राप्त कर चौथे पायदान पर आ गया है. सत्र 2015-16 में गुजरात राज्य 52.4% प्राप्त कर छठें पायदान पर था.
  5. हिमाचल प्रदेश सत्र 2016-17 में 62.8% अंक प्राप्त कर पांचवे पायदान पर है. जबकि सत्र 2015-16 में 58.1% अंक प्राप्त कर हिमाचल चौथे पायदान पर था.
  6. महाराष्ट्र सत्र 2016-17 में 62.5% अंक प्राप्त कर छठे पायदान पर है. जबकि सत्र 2015-16 में 58.6 प्रतिशत अंक प्राप्त कर तीसरे पायदान पर था.
  7. उड़ीसा सत्र 2016-17 में 60.2% अंक प्राप्त कर सातवें पायदान पर है. जबकि सत्र 2015-16 में उड़ीसा राज्य 43.8% अंक प्राप्त कर 13वें पायदान पर था.
  8. वहीं राजस्थान सत्र 2016-17 में 59.4 प्रतिशत अंक प्राप्त कर आठवें पायदान पर है. जबकि सत्र 2015-16 में राजस्थान 51.2 प्रतिशत अंक प्राप्त कर सातवे पायदान पर था.
  9. पंजाब राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 59.1 अंक प्राप्त कर 9वें पायदान पर है. वहीं सत्र 2015-16 में पंजाब राज्य 50.7% अंक प्राप्त कर 9वें पायदान पर ही था.
  10. वहीं असम राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 56.1% अंक प्राप्त कर दसवें पायदान पर आ गया है. जबकि सत्र 2015-16 में 39.3% अंक प्राप्त कर 15वे पायदान पर था.
  11. आंध्र प्रदेश स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 56.1% अंक प्राप्त कर 11वे पायदान पर है. वहीं, सत्र 2015-16 में भी 48.4% अंक प्राप्त कर आंध्र प्रदेश राज्य 11वे पायदान पर था.
  12. छत्तीसगढ़ राज्य सत्र 2016-17 में 54.9% अंक प्राप्त कर 12वे पायदान पर है,. वहीं सत्र 2015-16 में भी 48.4% अंक प्राप्त कर छत्तीसगढ़ राज्य 12वे पायदान पर था.
  13. कर्नाटक सत्र 2016-17 में 52.9 प्रतिशत अंक प्राप्त कर 13वे पायदान पर है. जबकि, सत्र 2015-16 में कर्नाटक राज्य 56.6% अंक प्राप्त कर 5वे पायदान पर था.
  14. उत्तराखंड राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 मैं 48% अंक प्राप्त कर 14वें पायदान पर है, जबकि सत्र 2015-16 में उत्तराखंड राज्य 49.5 फ़ीसदी अंक प्राप्त कर 10वें पायदान पर था.
  15. मध्यप्रदेश राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 45.2% अंक प्राप्त कर 15वे पायदान पर है, जबकि सत्र 2015-16 में मध्यप्रदेश राज्य 44.4% अंक प्राप्त कर 14वे पायदान पर था.
  16. जम्मू-कश्मीर राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 47.1% अंक प्राप्त कर 16वें पायदान पर है. वहीं सत्र 2015-16 में भी जम्मू-कश्मीर राज्य 34.8% अंक प्राप्त कर 16वें पायदान पर ही था.
  17. उत्तरप्रदेश सत्र 2016-17 में 46.5% अंक प्राप्त कर 17वें पायदान पर है. जबकि सत्र 2015-16 में उत्तरप्रदेश राज्य 32.8% अंक प्राप्त कर 17वें पायदान पर था.
  18. तेलंगाना राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 39.0% अंक प्राप्त कर 18वें पायदान पर है. जबकि सत्र 2015-16 में तेलंगाना राज्य 34.7% अंक प्राप्त कर 17वें पायदान पर था.
  19. बिहार राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 37.3% अंक प्राप्त कर 19वें पायदान पर है. वहीं, सत्र 2015-16 में भी बिहार राज्य 30.0% अंक प्राप्त कर 19वें पायदान पर ही था.
  20. वहीं झारखंड राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 30.6% अंक प्राप्त कर 20वें पायदान पर है. सत्र 2015-16 में भी झारखंड राज्य 28.5% अंक प्राप्त कर 20वें पायदान पर था.

पढे़ं- अभिमन्यु क्रिकेट एकेडमी मालिक के घर लूट का खुलासा, बीएसएफ से बर्खास्त अधिकारी निकला मास्टरमाइंड

स्कूली शिक्षा मामले में देश के छोटे राज्यों की स्थिति

  1. त्रिपुरा राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 56.1% अंक प्राप्त कर पहले पायदान पर है. वहीं, सत्र 2015-16 में भी 48.5% अंक प्राप्त कर त्रिपुरा राज्य पहले पायदान पर ही था.
  2. गोवा राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 53.8% अंक प्राप्त कर दूसरे पायदान पर है. वहीं, सत्र 2015-16 में 45.6% अंक प्राप्त कर तीसरे पायदान पर था.
  3. मणिपुर राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 46.9% अंक प्राप्त कर तीसरे पायदान पर है. जबकि सत्र 2015-16 में मणिपुर राज्य 45.3 प्रतिशत अंक प्राप्त कर चौथे पायदान पर था.
  4. मिजोरम राज्य स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 46.5% अंक प्राप्त कर चौथे पायदान पर है. जबकि सत्र 2015-16 में मिजोरम राज्य 47.7% अंक प्राप्त कर दूसरे पायदान पर था.
  5. सिक्किम राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 46.0% अंक प्राप्त कर पांचवें पायदान पर है. वहीं सत्र 2015-16 में भी सिक्किम राज्य 43.10% अंक प्राप्त कर पांचवें पायदान पर ही था.
  6. मेघालय राज्य स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 38.4% अंक प्राप्त कर छठें पायदान पर है. जबकि सत्र 2015-16 में 24.3% अंक प्राप्त कर सातवे पायदान पर था.
  7. नागालैंड राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 35.9% अंक प्राप्त कर सातवें पायदान पर है. जबकि सत्र 2015-16 में नागालैंड राज्य 22.4 प्रतिशत अंक प्राप्त कर आठवे पायदान पर था.
  8. अरुणाचल प्रदेश स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 28.4% अंक प्राप्त कर 8वें पायदान पर है. जबकि सत्र 2015-16 में अरुणाचल प्रदेश 30.4% अंक प्राप्त कर छठे पायदान पर था.

स्कूली शिक्षा मामले में देश के केंद्र शासित प्रदेशों की स्थिति

  1. चंडीगढ़ स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 73.9% अंक प्राप्त कर पहले पायदान पर है. वहीं, सत्र 2015-16 में भी चंडीगढ़ 70% अंक प्राप्त कर पहले पायदान पर ही था.
  2. दिल्ली स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 69.9 प्रतिशत अंक प्राप्त कर दूसरे पायदान पर है. वहीं, सत्र 2015-16 में भी दिल्ली 60% अंक प्राप्त कर दूसरे पायदान पर ही था.
  3. वहीं, पुडुचेरी स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 55.1% अंक प्राप्त कर तीसरे पायदान पर है. जबकि सत्र 2015-16 में पुडुचेरी 40.8% अंक प्राप्त कर चौथे पायदान पर था.
  4. दमन और दीव केंद्र शासित राज्य, स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 50.5% अंक प्राप्त कर चौथे पायदान पर है. जबकि सत्र 2015-17 में दमन और दीव 34.0% अंक प्राप्त कर छठें पायदान पर था.
  5. दादर एंड नगर हवेली केंद्र शासित राज्य, स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 44% अंक प्राप्त कर पांचवें पायदान पर है. जबकि सत्र 2015-16 में दादर एंड नगर हवेली 29.9% अंक प्राप्त कर सातवें पायदान पर था.
  6. अंडमान निकोबार आइसलैंड केंद्र शासित राज्य, स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 42.2% अंक प्राप्त कर 6वें पायदान पर है. जबकि सत्र 2015-16 में 42.8% अंक प्राप्त कर तीसरे पायदान पर था.
  7. लक्ष्यदीप सत्र 2016-17 में 42.8% अंक प्राप्त कर सातवे पायदान पर है, जबकि, सत्र 2015-16 में लक्ष्यदीप 37.5% अंक प्राप्त कर पांचवें पायदान पर था.

देहरादून: यूं तो उत्तराखंड राज्य अपने प्राकृतिक सौंदर्य और मंदिरों के लिए विश्वविख्यात है. लेकिन इस प्रदेश की विकट भौगोलिक परिस्थितियां यहां के जन-जीवन को संघर्षशील बना देती हैं. इन्हीं संघर्षों को आसान बनाने का सपना दिखाकर चुनाव लड़े और जीते जाते हैं. लेकिन जब बारी इन सपनों के साकार होने की आती है तो जनता खुद को ठगा सा महसूस करती है. इसी का ताजा उदाहरण नीति आयोग की वो रपट है, जिसमें उत्तराखंड में स्कूली शिक्षा का स्तर निचले पायदान पर लुढ़क गया है.

उत्तराखंड की स्कूली शिक्षा

नीति आयोग द्वारा जारी किए गए 'स्कूल एजुकेशन क्वालिटी इंडेक्स-2019' के अनुसार सत्र 2016-2017 की रिपोर्ट में उत्तराखंड राज्य 48.1 प्रतिशत अंक पाकर 14वें पायदान पर है. उत्तराखंड राज्य के स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन मामले में सत्र 2015-16 के रिपोर्ट की बात करें तो उत्तराखंड का परफॉर्मेंस बेहतर था. इस सत्र में प्रदेश 49.5% अंक पाकर दसवें पायदान पर था. लेकिन एक साल में ही दसवें पायदान से उत्तराखंड राज्य 14 वें पायदान पर आ गया है. जिससे उत्तराखंड में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता पर कई सवाल खड़े हो गये हैं.

पढे़ं- KBC की हॉट सीट पर पहुंची ऋषकेश की शिवानी, कई सवालों का दिया जवाब

स्कूली शिक्षा मामले में देश के बड़े राज्यों की स्थिति

  1. केरल राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 82.2 प्रतिशत अंक प्राप्त कर पहले पायदान पर है. वहीं, सत्र 2015-16 में भी केरल राज्य 77.6% अंक प्राप्त कर पहले पायदान पर ही था.
  2. तमिलनाडु राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 73.4% अंक प्राप्त कर दूसरे पायदान पर रहा. वहीं सत्र 2015-16 में भी तमिलनाडु राज्य 63.2% अंक प्राप्त कर दूसरे पायदान पर ही था.
  3. हरियाणा राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 69.5% अंक प्राप्त कर तीसरे पायदान पर आ गया है. जबकि, सत्र 2015-16 में हरियाणा राज्य 51.0 प्रतिशत अंक प्राप्त कर आठवें पायदान पर था.
  4. वहीं गुजरात सत्र 2016-17 में 63.0% अंक प्राप्त कर चौथे पायदान पर आ गया है. सत्र 2015-16 में गुजरात राज्य 52.4% प्राप्त कर छठें पायदान पर था.
  5. हिमाचल प्रदेश सत्र 2016-17 में 62.8% अंक प्राप्त कर पांचवे पायदान पर है. जबकि सत्र 2015-16 में 58.1% अंक प्राप्त कर हिमाचल चौथे पायदान पर था.
  6. महाराष्ट्र सत्र 2016-17 में 62.5% अंक प्राप्त कर छठे पायदान पर है. जबकि सत्र 2015-16 में 58.6 प्रतिशत अंक प्राप्त कर तीसरे पायदान पर था.
  7. उड़ीसा सत्र 2016-17 में 60.2% अंक प्राप्त कर सातवें पायदान पर है. जबकि सत्र 2015-16 में उड़ीसा राज्य 43.8% अंक प्राप्त कर 13वें पायदान पर था.
  8. वहीं राजस्थान सत्र 2016-17 में 59.4 प्रतिशत अंक प्राप्त कर आठवें पायदान पर है. जबकि सत्र 2015-16 में राजस्थान 51.2 प्रतिशत अंक प्राप्त कर सातवे पायदान पर था.
  9. पंजाब राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 59.1 अंक प्राप्त कर 9वें पायदान पर है. वहीं सत्र 2015-16 में पंजाब राज्य 50.7% अंक प्राप्त कर 9वें पायदान पर ही था.
  10. वहीं असम राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 56.1% अंक प्राप्त कर दसवें पायदान पर आ गया है. जबकि सत्र 2015-16 में 39.3% अंक प्राप्त कर 15वे पायदान पर था.
  11. आंध्र प्रदेश स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 56.1% अंक प्राप्त कर 11वे पायदान पर है. वहीं, सत्र 2015-16 में भी 48.4% अंक प्राप्त कर आंध्र प्रदेश राज्य 11वे पायदान पर था.
  12. छत्तीसगढ़ राज्य सत्र 2016-17 में 54.9% अंक प्राप्त कर 12वे पायदान पर है,. वहीं सत्र 2015-16 में भी 48.4% अंक प्राप्त कर छत्तीसगढ़ राज्य 12वे पायदान पर था.
  13. कर्नाटक सत्र 2016-17 में 52.9 प्रतिशत अंक प्राप्त कर 13वे पायदान पर है. जबकि, सत्र 2015-16 में कर्नाटक राज्य 56.6% अंक प्राप्त कर 5वे पायदान पर था.
  14. उत्तराखंड राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 मैं 48% अंक प्राप्त कर 14वें पायदान पर है, जबकि सत्र 2015-16 में उत्तराखंड राज्य 49.5 फ़ीसदी अंक प्राप्त कर 10वें पायदान पर था.
  15. मध्यप्रदेश राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 45.2% अंक प्राप्त कर 15वे पायदान पर है, जबकि सत्र 2015-16 में मध्यप्रदेश राज्य 44.4% अंक प्राप्त कर 14वे पायदान पर था.
  16. जम्मू-कश्मीर राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 47.1% अंक प्राप्त कर 16वें पायदान पर है. वहीं सत्र 2015-16 में भी जम्मू-कश्मीर राज्य 34.8% अंक प्राप्त कर 16वें पायदान पर ही था.
  17. उत्तरप्रदेश सत्र 2016-17 में 46.5% अंक प्राप्त कर 17वें पायदान पर है. जबकि सत्र 2015-16 में उत्तरप्रदेश राज्य 32.8% अंक प्राप्त कर 17वें पायदान पर था.
  18. तेलंगाना राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 39.0% अंक प्राप्त कर 18वें पायदान पर है. जबकि सत्र 2015-16 में तेलंगाना राज्य 34.7% अंक प्राप्त कर 17वें पायदान पर था.
  19. बिहार राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 37.3% अंक प्राप्त कर 19वें पायदान पर है. वहीं, सत्र 2015-16 में भी बिहार राज्य 30.0% अंक प्राप्त कर 19वें पायदान पर ही था.
  20. वहीं झारखंड राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 30.6% अंक प्राप्त कर 20वें पायदान पर है. सत्र 2015-16 में भी झारखंड राज्य 28.5% अंक प्राप्त कर 20वें पायदान पर था.

पढे़ं- अभिमन्यु क्रिकेट एकेडमी मालिक के घर लूट का खुलासा, बीएसएफ से बर्खास्त अधिकारी निकला मास्टरमाइंड

स्कूली शिक्षा मामले में देश के छोटे राज्यों की स्थिति

  1. त्रिपुरा राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 56.1% अंक प्राप्त कर पहले पायदान पर है. वहीं, सत्र 2015-16 में भी 48.5% अंक प्राप्त कर त्रिपुरा राज्य पहले पायदान पर ही था.
  2. गोवा राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 53.8% अंक प्राप्त कर दूसरे पायदान पर है. वहीं, सत्र 2015-16 में 45.6% अंक प्राप्त कर तीसरे पायदान पर था.
  3. मणिपुर राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 46.9% अंक प्राप्त कर तीसरे पायदान पर है. जबकि सत्र 2015-16 में मणिपुर राज्य 45.3 प्रतिशत अंक प्राप्त कर चौथे पायदान पर था.
  4. मिजोरम राज्य स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 46.5% अंक प्राप्त कर चौथे पायदान पर है. जबकि सत्र 2015-16 में मिजोरम राज्य 47.7% अंक प्राप्त कर दूसरे पायदान पर था.
  5. सिक्किम राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 46.0% अंक प्राप्त कर पांचवें पायदान पर है. वहीं सत्र 2015-16 में भी सिक्किम राज्य 43.10% अंक प्राप्त कर पांचवें पायदान पर ही था.
  6. मेघालय राज्य स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 38.4% अंक प्राप्त कर छठें पायदान पर है. जबकि सत्र 2015-16 में 24.3% अंक प्राप्त कर सातवे पायदान पर था.
  7. नागालैंड राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 35.9% अंक प्राप्त कर सातवें पायदान पर है. जबकि सत्र 2015-16 में नागालैंड राज्य 22.4 प्रतिशत अंक प्राप्त कर आठवे पायदान पर था.
  8. अरुणाचल प्रदेश स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 28.4% अंक प्राप्त कर 8वें पायदान पर है. जबकि सत्र 2015-16 में अरुणाचल प्रदेश 30.4% अंक प्राप्त कर छठे पायदान पर था.

स्कूली शिक्षा मामले में देश के केंद्र शासित प्रदेशों की स्थिति

  1. चंडीगढ़ स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 73.9% अंक प्राप्त कर पहले पायदान पर है. वहीं, सत्र 2015-16 में भी चंडीगढ़ 70% अंक प्राप्त कर पहले पायदान पर ही था.
  2. दिल्ली स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 69.9 प्रतिशत अंक प्राप्त कर दूसरे पायदान पर है. वहीं, सत्र 2015-16 में भी दिल्ली 60% अंक प्राप्त कर दूसरे पायदान पर ही था.
  3. वहीं, पुडुचेरी स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 55.1% अंक प्राप्त कर तीसरे पायदान पर है. जबकि सत्र 2015-16 में पुडुचेरी 40.8% अंक प्राप्त कर चौथे पायदान पर था.
  4. दमन और दीव केंद्र शासित राज्य, स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 50.5% अंक प्राप्त कर चौथे पायदान पर है. जबकि सत्र 2015-17 में दमन और दीव 34.0% अंक प्राप्त कर छठें पायदान पर था.
  5. दादर एंड नगर हवेली केंद्र शासित राज्य, स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 44% अंक प्राप्त कर पांचवें पायदान पर है. जबकि सत्र 2015-16 में दादर एंड नगर हवेली 29.9% अंक प्राप्त कर सातवें पायदान पर था.
  6. अंडमान निकोबार आइसलैंड केंद्र शासित राज्य, स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 42.2% अंक प्राप्त कर 6वें पायदान पर है. जबकि सत्र 2015-16 में 42.8% अंक प्राप्त कर तीसरे पायदान पर था.
  7. लक्ष्यदीप सत्र 2016-17 में 42.8% अंक प्राप्त कर सातवे पायदान पर है, जबकि, सत्र 2015-16 में लक्ष्यदीप 37.5% अंक प्राप्त कर पांचवें पायदान पर था.
Intro:note - फ़ाइल विसुअल्स ftp से भेजी गई है....
uk_deh_04_education_riport_card_vis_7205803

देशभर के सभी राज्यों के स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के मामले में निति आयोग ने "स्कूल एजुकेशन क़्वालिटी इंडेस्क" जारी कर दिया है। निति आयोग द्वारा जारी किये गए "स्कूल एजुकेशन क़्वालिटी इंडेस्क- 2019" में देशभर के सभी राज्यों के सत्र 2016-2017 में स्कूली शिक्षा के प्रदर्शन के अनुसार पायदान पर रखा गया है। तो वही अगर हिमालयी राज्य उत्तराखंड की बात करे तो इस रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड राज्य को स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के मामले में 14वें पायदान पर रखा गया है। तो वही केरल राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के मामले में पहले पायदान पर काबिज है। आखिर क्या है निति आयोग के "स्कूल एजुकेशन क़्वालिटी इंडेस्क- 2019" में, देखिये ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट में....... 


Body:यू तो उत्तराखंड राज्य अपने विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते तमाम दिक्कतों से जूझता रहता है तो वहीं पहाड़ी क्षेत्रों पर आज भी स्कूली शिक्षा की स्थिति बेहद गंभीर है। हालांकि साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में जीत कर सत्ता पर काबिज हुई भाजपा सरकार ने स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने को लेकर लाख कोशिशें तो की। लेकिन मौजूदा हालात अभी भी जस के तस बने हुए हैं। ऐसे में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखने और बेहतर प्रदर्शन करने को लेकर सभी सरकारें खूब दावे करती रही है। लेकिन नीति आयोग के इस आंकड़े ने पिछली राज्य सरकार की पोल-खोल कर रख दी है।

नीति आयोग द्वारा जारी किए गए 'स्कूल एजुकेशन क्वालिटी इंडेक्स-2019' के अनुसार सत्र 2016-2017 की रिपोर्ट में उत्तराखंड राज्य 48.1 प्रतिशत अंक पाकर 14वें पायदान पर है। यही नहीं अगर उत्तराखंड राज्य के स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के मामले में सत्र 2015-16 के रिपोर्ट की बात करें तो सत्र 2015-16 में उत्तराखंड का परफॉर्मेंस बेहतर था। हालांकि इस सत्र में 49.5% अंक पाकर दसवें पायदान पर था लेकिन एक साल में ही दसवें पायदान से उत्तराखंड राज्य 14 वें पायदान पर आ गया है। जो कहीं ना कहीं प्रदेश के स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन पर कई सवाल खड़े कर रहे हैं।


.........स्कूली शिक्षा मामले में देश के बड़े राज्यों की स्थिति.......

1 - केरल राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 82.2 प्रतिशत अंक प्राप्त कर पहले पायदान पर है, तो वही सत्र 2015-16 में भी केरल राज्य 77.6% अंक प्राप्त कर पहले पायदान पर ही था।

2 - तमिलनाडु राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 73.4% अंक प्राप्त कर दूसरे पायदान पर है, तो वहीं सत्र 2015-16 में भी तमिलनाडु राज्य 63.2% अंक प्राप्त कर दूसरे पायदान पर ही था।

3 - हरियाणा राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 69.5% अंक प्राप्त कर तीसरे पायदान पर आ गया है, तो वहीं सत्र 2015-16 में हरियाणा राज्य 51.0 प्रतिशत अंक प्राप्त कर आठवें पायदान पर था। 

4 - गुजरात राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 63.0% अंक प्राप्त कर चौथे पायदान पर आ गया है, तो वहीं सत्र 2015-16 में गुजरात राज्य 52.4% प्राप्त कर छठे पायदान पर था।

5 - हिमाचल प्रदेश स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 62.8% अंक प्राप्त कर पांचवें पायदान पर है, जबकि सत्र 2015-16 में 58.1% अंक प्राप्त कर चौथे पायदान पर था। 

6 - महाराष्ट्र स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 62.5% अंक प्राप्त कर छठे पायदान पर है, जबकि सत्र 2015-16 में 58.6 प्रतिशत अंक प्राप्त कर तीसरे पायदान पर था। 

7 - उड़ीसा राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 60.2% अंक प्राप्त कर सातवें पायदान पर है, जबकि सत्र 2015-16 में उड़ीसा राज्य 43.8% अंक प्राप्त कर 13वें पायदान पर था।

8 - राजस्थान स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 59.4 प्रतिशत अंक प्राप्त कर आठवें पायदान पर है, जबकि सत्र 2015-16 में राजस्थान 51.2 प्रतिशत अंक प्राप्त कर सातवे पायदान पर था।

9 - पंजाब राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 59.1 अंक प्राप्त कर 9वें पायदान पर है, तो वही सत्र 2015-16 में पंजाब राज्य 50.7% अंक प्राप्त कर 9वे पायदान पर ही था।

10 - असम राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 56.1% अंक प्राप्त कर दसवें पायदान पर आ गया है, जबकि सत्र 2015-16 में 39.3% अंक प्राप्त कर 15वे पायदान पर था।

11 - आंध्र प्रदेश स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 56.1% अंक प्राप्त कर 11वे पायदान पर है, तो वहीं सत्र 2015-16 में भी 48.4% अंक प्राप्त कर आंध्र प्रदेश राज्य 11वें पायदान पर था। 

12 - छत्तीसगढ़ राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 54.9% अंक प्राप्त कर 12वे पायदान पर है, तो वहीं सत्र 2015-16 में भी 48.4% अंक प्राप्त कर छत्तीसगढ़ राज्य 12वे पायदान पर था।

13 - कर्नाटक राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 52.9 प्रतिशत अंक प्राप्त कर 13वे पायदान पर है, जबकि सत्र 2015-16 में कर्नाटक राज्य 56.6% अंक प्राप्त कर 5वें पायदान पर था।

14 - उत्तराखंड राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 मैं 48% अंक प्राप्त कर 14वें पायदान पर है, जबकि सत्र 2015-16 में उत्तराखंड राज्य 49.5 फ़ीसदी अंक प्राप्त कर 10वें पायदान पर था।

15 - मध्यप्रदेश राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 45.2% अंक प्राप्त कर 15वे पायदान पर है, जबकि सत्र 2015-16 में मध्यप्रदेश राज्य 44.4% अंक प्राप्त कर 14वे पायदान पर था।

16 - जम्मू-कश्मीर राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 47.1% अंक प्राप्त कर 16वे पायदान पर है तो वही सत्र 2015-16 में भी जम्मू-कश्मीर राज्य 34.8% अंक प्राप्त कर 16वे पायदान पर ही था।

17 - उत्तरप्रदेश राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 46.5% अंक प्राप्त कर 17वे पायदान पर ,है जबकि सत्र 2015-16 में उत्तरप्रदेश राज्य 32.8% अंक प्राप्त कर 17वे पायदान पर था।

18 - तेलगाना राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 39.0% अंक प्राप्त कर 18वे पायदान पर है, जबकि सत्र 2015-16 में तेलंगाना राज्य 34.7% अंक प्राप्त कर 17वे पायदान पर था।

19 - बिहार राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 37.3% अंक प्राप्त कर 19वे पायदान पर है, तो वही सत्र 2015-16 में भी बिहार राज्य 30.0% अंक प्राप्त कर 19वें पायदान पर ही था। 

20 - झारखंड राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 30.6% अंक प्राप्त कर 20वे पायदान पर है, तो वही सत्र 2015-16 में भी झारखंड राज्य 28.5% अंक प्राप्त कर 20वें पायदान पर था।



........स्कूली शिक्षा मामले में देश के छोटे राज्यों की स्थिति.......

1 - त्रिपुरा राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 56.1% अंक प्राप्त कर पहले पायदान पर है तो वहीं सत्र 2015-16 में भी 48.5% अंक प्राप्त कर त्रिपुरा राज्य पहले पायदान पर ही था। 

2 - गोवा राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 53.8% अंक प्राप्त कर दूसरे पायदान पर है तो वहीं सत्र 2015-16 में 45.6% अंक प्राप्त कर तीसरे पायदान पर था। 

3 - मणिपुर राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 46.9% अंक प्राप्त कर तीसरे पायदान पर है, जबकि सत्र 2015-16 में मणिपुर राज्य 45.3 प्रतिशत अंक प्राप्त कर चौथे पायदान पर था।

4 - मिजोरम राज्य स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 46.5% अंक प्राप्त कर चौथे पायदान पर है, जबकि सत्र 2015-16 में मिजोरम राज्य 47.7% अंक प्राप्त कर दूसरे पायदान पर था। 

5 - सिक्किम राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 46.0% अंक प्राप्त कर पांचवें पायदान पर है, तो वही सत्र 2015-16 में भी सिक्किम राज्य 43.10% अंक प्राप्त कर पांचवें पायदान पर ही था।

6 - मेघालय राज्य स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 38.4% अंक प्राप्त कर छठे पायदान पर है जबकि सत्र 2015-16 में 24.3% अंक प्राप्त कर सातवे पायदान पर था।

7 - नागालैंड राज्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 35.9% अंक प्राप्त कर सातवें पायदान पर हैं, जबकि सत्र 2015-16 में नागालैंड राज्य 22.4 प्रतिशत अंक प्राप्त कर आठवे पायदान पर था।

8 - अरुणाचल प्रदेश स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 28.4% अंक प्राप्त कर 8वे पायदान पर है, जबकि सत्र 2015-16 में अरुणचल प्रदेश 30.4% अंक प्राप्त कर छठे पायदान पर था।



........स्कूली शिक्षा मामले में देश के केंद्र शासित प्रदेशों की स्थिति.......

1 - चंडीगढ़ केंद्र शासित राज्य, स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 73.9% अंक प्राप्त कर पहले पायदान पर है तो वही सत्र 2015-16 में भी चंडीगढ़ 70% अंक प्राप्त कर पहले पायदान पर ही था।

2 - दिल्ली केंद्र शासित राज्य, स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 69.9 प्रतिशत अंक प्राप्त कर दूसरे पायदान पर है तो वहीं सत्र 2015-16 में भी दिल्ली 60% अंक प्राप्त कर दूसरे पायदान पर ही था।

3 - पुडुचेरी केंद्र शासित राज्य, स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 55.1% अंक प्राप्त कर तीसरे पायदान पर है जबकि सत्र 2015-16 में पुडुचेरी 40.8% अंक प्राप्त कर चौथे पायदान पर था।

4 - दमन और दीव केंद्र शासित राज्य, स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 50.5% अंक प्राप्त कर चौथे पायदान पर है जबकि सत्र 2015-17 में दमन और दीव 34.0% अंक प्राप्त कर छठे पायदान पर था।

5 - दादर एंड नगर हवेली केंद्र शासित राज्य, स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 44% अंक प्राप्त कर पांचवें पायदान पर है, जबकि सत्र 2015-16 में दादर एंड नगर हवेली 29.9% अंक प्राप्त कर सातवें पायदान पर था।

6 - अंडमान निकोबार आइसलैंड केंद्र शासित राज्य, स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 42.2% अंक प्राप्त कर 6वे पायदान पर है, जबकि सत्र 2015-16 में 42.8% अंक प्राप्त कर तीसरे पायदान पर था।

7 - लक्ष्यदीप केंद्र शासित राज्य, स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर सत्र 2016-17 में 42.8% अंक प्राप्त कर सातंवे पायदान पर है, जबकि सत्र 2015-16 में लक्ष्यदीप केंद्र शासित प्रदेश 37.5% अंक प्राप्त कर पांचवें पायदान पर था।




Conclusion:
Last Updated : Oct 1, 2019, 11:50 PM IST
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