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गोसेवा आयोग ने सभी जिलाधिकारियों को लिखा पत्र, पशुओं के चारे की व्यवस्था की मांग - उत्तराखंड गो सेवा आयोग ने सभी जिलों के डीएम को लिखा पत्र

उत्तराखंड में जहां कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच लोग डर के माहौल में जीने को मजबूर हैं. वहीं कोरोना का असर बेजुबान जानवरों पर भी साफ देखा जा सकता है.

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Published : Apr 30, 2021, 9:50 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है. कोरोना से मरने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. जहां एक कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच लोगों में खौफ है. वहीं दूसरी ओर कोरोनकाल का असर बेजुबान जानवरों पर भी साफ देखा जा सकता है. उत्तराखंड गोसेवा आयोग की ओर से प्रदेश के समस्त जिलों के जिला अधिकारियों के नाम एक पत्र भेजा गया है. जिसमें आयोग के उपाध्यक्ष की ओर से पशु चारे में कमी को पूरा करने की मांग की गई है.

पढ़ें: कमाल के डॉक्टर ! PPE किट पहनकर कोरोना संक्रमित दो महिलाओं की कराई डिलीवरी

उत्तराखंड गोसेवा आयोग के उपाध्यक्ष पं. राजेन्द्र अणथ्वाल की ओर से जिला अधिकारियों को लिखे गए पत्र में इस बात का जिक्र किया गया है कि कोरोनाकाल मे जिस तरह आम जनमानस के सामने रोजी-रोटी का संकट गहराने लगा है, इसका सीधा असर गोवंश के चारे पर पड़ रहा है. ऐसे में गोवंश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए समस्त जिलों में जिलाधिकारी के माध्यम से दो से तीन महीने के पशु चारे की व्यवस्था की जानी चाहिए.

देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है. कोरोना से मरने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. जहां एक कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच लोगों में खौफ है. वहीं दूसरी ओर कोरोनकाल का असर बेजुबान जानवरों पर भी साफ देखा जा सकता है. उत्तराखंड गोसेवा आयोग की ओर से प्रदेश के समस्त जिलों के जिला अधिकारियों के नाम एक पत्र भेजा गया है. जिसमें आयोग के उपाध्यक्ष की ओर से पशु चारे में कमी को पूरा करने की मांग की गई है.

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उत्तराखंड गोसेवा आयोग के उपाध्यक्ष पं. राजेन्द्र अणथ्वाल की ओर से जिला अधिकारियों को लिखे गए पत्र में इस बात का जिक्र किया गया है कि कोरोनाकाल मे जिस तरह आम जनमानस के सामने रोजी-रोटी का संकट गहराने लगा है, इसका सीधा असर गोवंश के चारे पर पड़ रहा है. ऐसे में गोवंश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए समस्त जिलों में जिलाधिकारी के माध्यम से दो से तीन महीने के पशु चारे की व्यवस्था की जानी चाहिए.

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