देहरादूनः उत्तराखंड में धामी सरकार पिछली त्रिवेंद्र सरकार की तरह एक और इन्वेस्टर समिट का आयोजन कराने जा रही है. इस बार सरकार अपने टारगेट को एमओयू (MoU) तक ही नहीं, बल्कि प्रोजेक्ट की ग्राउंड पर शिफ्ट करने की बात कह रही है. यह समिट लोकसभा चुनाव से ठीक पहले आयोजित किया जा रहा है. जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हो सकते हैं. आज कैबिनेट बैठक में इन्वेस्टर समिट के प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई.
दरअसल, शुक्रवार को धामी कैबिनेट बैठक में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. बैठक के बाद उद्योग सचिव विनय शंकर पांडे ने ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उद्योग सचिव पांडे ने बताया कि आगामी दिसंबर महीने में सरकार एक बड़ा ग्लोबल इन्वेस्टर समिट करने जा रही है. जिसे आज कैबिनेट ने मंजूरी मिल गई है. उद्योग विभाग की ओर से अगस्त से ही इस इन्वेस्टर समिट की शुरुआत कर दी जाएगी. जबकि, दिसंबर में मेगा इवेंट किया जाएगा. जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे.
देश और प्रदेश में होंगे 9 रोड़ शोः उद्योग सचिव विनय शंकर पांडे ने बताया कि इस इवेंट के तहत देश और प्रदेश में मिलाकर 9 जगहों पर रोड शो आयोजित किए जाएंगे. इसके तहत उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में रुद्रपुर-काशीपुर और गढ़वाल क्षेत्र में हरिद्वार में रोड शो आयोजित किए जाएंगे. इसके अलावा मेट्रो सिटी मुंबई, अहमदाबाद, दिल्ली, चंडीगढ़ आदि जगहों पर रोड शो आयोजित होगा. जहां पर तमाम राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर के इन्वेस्टर्स को आमंत्रित किया जाएगा. इन रोड शो में तमाम बड़े अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री भी शामिल हो सकते हैं.
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ग्लोबल समिट में दो विदेश यात्राएं भी प्रस्तावितः धानी सरकार की ओर से करवाए जाने वाले इस ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में देश और प्रदेश में तो रोड शो होंगे ही, इसके अलावा समिट के दौरान दो विदेश यात्राएं भी प्रस्तावित हैं. उद्योग सचिव विनय शंकर पांडे ने बताया कि ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के तहत देश के बाहर भी 2 जगहों पर रोड शो होने हैं, जिनमें उत्तराखंड में इन्वेस्टमेंट लाने के लिए इन्वेस्टर्स से चर्चा की जाएगी.
हालांकि, यह दो जगह विदेश में कौन सी होगीं? इस पर अभी फाइनल निर्णय नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि इस आयोजन को लेकर एक हाई पावर कमेटी का गठन मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कर दिया गया है. जिसमें अलग-अलग विभागों के सचिव भी मौजूद रहेंगे. इस पूरे इवेंट की रणनीति तैयार की जाएगी.
केवल MOU करना नाकाफी, 30 हजार करोड़ की योजनाओं की ग्राउंडिंग का लक्ष्यः उद्योग सचिव विनय शंकर पांडे ने बताया कि दिसंबर में होने वाले मेगा इवेंट से पहले राज्य सरकार की यह कोशिश है कि करीब 25 से 30 हजार करोड़ के योजनाओं की ग्राउंडिंग पूरी कर ली जाए. इसे लक्ष्य मानते हुए उद्योग विभाग काम करेगा. उन्होंने कहा कि लक्ष्य दिसंबर तक 25 से 30 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट की ग्राउंडिंग करने का है न कि केवल एमओयू करने का.
विनय शंकर पांडे का साफ कहना है कि एमओयू करना इन्वेस्टर समिट के लिए बड़ी उपलब्धि नहीं है, बल्कि प्रोजेक्ट को ग्राउंडिंग करना इन्वेस्टर समिट का एक सफल मानक माना जाता है. पिछले इन्वेस्टर समिट में हजारों करोड़ों के एमओयू से बेहतर है कि कम लक्ष्य लेकर प्रोजेक्ट की ग्राउंडिंग करें. उन्होंने कहा कि आने वाले सालों में इसका असर देखने को मिलेगा. आगामी 3 से 4 साल में 70 हजार करोड़ तक का इन्वेस्टमेंट उत्तराखंड में आएगा.
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इन क्षेत्रों को किया जाएगा टारगेट, इतना मिलेगा रोजगारः उत्तराखंड में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट को लेकर उद्योग सचिव विनय शंकर पांडे ने कहा कि इसमें अलग-अलग सेक्टर के लोगों को आमंत्रित किया जाएगा. मिसाल के तौर पर हायर एजुकेशन में तमाम प्राइवेट यूनिवर्सिटीज, स्कूल एजुकेशन में रेजिडेंशियल और प्राइमरी स्कूल, हेल्थ केयर में हॉस्पिटैलिटी, आयुष पावर, फिल्म, सिविलाइजेशन,ट्रांसपोर्ट जैसे तमाम सेक्टर में बड़े इन्वेस्टर्स को आमंत्रित किया जाएगा.
वहीं, इस पूरे इवेंट का सबसे बड़ा मकसद उत्तराखंड में रोजगार सृजन करना है. उद्योग सचिव विनय शंकर पांडे ने बताया कि यदि प्रदेश में आगामी 3 से 4 सालों में 70 से 80 हजार करोड़ रुपए तक का इन्वेस्टमेंट आता है तो निश्चित तौर से इससे 2 से ढाई लाख तक का रोजगार उत्तराखंड को मिलेगा. इसके अलावा प्रत्यक्ष रोजगार के अलावा अप्रत्यक्ष रूप से भी हजारों लोगों के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे.