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स्वच्छ सर्वेक्षण-2020: उत्तराखंड को मिले तीन पुरस्कार, देखें पूरी लिस्ट

देशभर की स्वच्छता सर्वेक्षण रिपोर्ट में उत्तराखंड का प्रदर्शन भी अच्छा रहा है. पिछले साल 19वें पायदान पर मौजूद उत्तराखंड को इस बार देश के उत्तरी राज्यों में तीसरे स्थान मिला है. नगर पंचायत नंदप्रयाग को स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में पहला स्थान मिला है.

स्वच्छ सर्वेक्षण-2020
स्वच्छ सर्वेक्षण-2020
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Published : Aug 20, 2020, 10:03 PM IST

Updated : Aug 21, 2020, 10:14 AM IST

देहरादून: केंद्र सरकार ने गुरुवार को स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 की रैंकिंग जारी की है. स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 में उत्तराखंड को राष्ट्रीय स्तर पर तीन पुरस्कार मिले है. 100 से कम शहरी निकायों वाले राज्यों में उत्तराखंड को बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट में तीसरा खिताब दिया गया है. इसके अलावा एक लाख से कम आबादी वाली निकायों में नगर पंचायत नंदप्रयाग को नेशनल लेवल पर सिटिजन फीडबैक श्रेणी में पहला स्थान मिला है. वहीं, छावनी परिषद अल्मोड़ा ने सिटिजन फीडबैक श्रेणी में तीसरा स्थान हासिल किया है.

उत्तराखंड को मिले तीन पुरस्कार.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने ये तीनों पुरस्कार प्राप्त किए हैं. इस अवसर पर सीएम त्रिवेंद्र ने पुरस्कार प्राप्त करने वाले निकायों को बधाई देते हुए उन्हें इसी तरह आगे भी काम करने के लिए प्रेरित किया है और कहा कि स्वच्छता के क्षेत्र में अभी बहुत सुधार की गुंजाइश की आवश्यकता है. इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन अभियान को आगे बढ़ाने के लिए स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है.

पढ़ें- स्वच्छता सर्वेक्षण: नंदप्रयाग न.पंचायत को पहला स्थान, उत्तरी राज्यों में उत्तराखंड तीसरे पायदान पर

इस दौरान शहरी विकास मंत्री ने कहा कि सीएम त्रिवेंद्र ने नेतृत्व में राज्य सरकार नगरीय क्षेत्रों में काफी गंभीरता से काम कर रही है. नगर निकायों के अधिकारों और उनकी आय के नए स्रोत तलाशने के लिए राज्य सरकार लगातार काम कर रही है. 14वें और 15वें वित्त आयोग के तहत निकायों के दिए जाने वाले अनुदान को भी सबसे पहले स्वच्छता कार्यों में लगाया जाएगा. इसको लेकर निर्देश भी जारी कर दिए गये हैं, जिसका सीधा असर स्वच्छ सर्वेक्षण की रैंकिंग पर पड़ेगा.

बता दें कि सालभर चलने वाली स्वच्छ सर्वेक्षण की प्रकिया में 4242 नगरों और 62 कैंट बोर्ड ने हिस्ला लिया था. एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों की श्रेणी में उत्तराखंड का स्वच्छ सर्वेक्षण रैंकिंग में लगातार सुधार हुआ है.

2019 और 2020 की रैंकिंग

शहर 2019 2020
देहरादून384 124
रुड़की 281 131
काशीपुर304 139
हल्द्वानी 350 229
हरिद्वार 376 244
रुद्रपुर 403 316

ये भी रही उपलब्धि :-

  • 50 हजार से अधिक और एक लाख से कम जनसंख्या वाले नगरों में रामनगर को नार्थ जोन के शहरों में 18वां, जसपुर का 56वां और पिथौरागढ़ का 58वां स्थान आया है.
  • 25 से 50 हजार से तक की जनसंख्या वाले नगरों की श्रेणी में नार्थ जोन में नैनीताल का 68वां और सितारगंज को 106वां स्थान प्राप्त हुआ है.
  • 25 हजार से कम जनसंख्या वाले नगरों की श्रेणी में मुनिकी रेती का 12वां, उखीमठ का 41वां, भीमताल का 50वां और नरेन्द्रनगर का 58वां स्थान आया है.
  • देश भर के कुल 92 गंगा निकायों में उत्तराखंड से गौचर ने तीसरा, जोशीमठ ने चौथा, रूद्रप्रयाग ने पांचवा, श्रीनगर ने छटवां, गोपेश्वर ने आठवां, मुनिकी रेती ने 11वां, बड़कोट ने 12वां, कर्णप्रयाग ने 13वां, कीर्तिनगर ने 18वां, देवप्रयाग ने 20वां, नन्दप्रयाग ने 22वां और टिहरी ने 28वां स्थान प्राप्त किया.

देहरादून: केंद्र सरकार ने गुरुवार को स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 की रैंकिंग जारी की है. स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 में उत्तराखंड को राष्ट्रीय स्तर पर तीन पुरस्कार मिले है. 100 से कम शहरी निकायों वाले राज्यों में उत्तराखंड को बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट में तीसरा खिताब दिया गया है. इसके अलावा एक लाख से कम आबादी वाली निकायों में नगर पंचायत नंदप्रयाग को नेशनल लेवल पर सिटिजन फीडबैक श्रेणी में पहला स्थान मिला है. वहीं, छावनी परिषद अल्मोड़ा ने सिटिजन फीडबैक श्रेणी में तीसरा स्थान हासिल किया है.

उत्तराखंड को मिले तीन पुरस्कार.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने ये तीनों पुरस्कार प्राप्त किए हैं. इस अवसर पर सीएम त्रिवेंद्र ने पुरस्कार प्राप्त करने वाले निकायों को बधाई देते हुए उन्हें इसी तरह आगे भी काम करने के लिए प्रेरित किया है और कहा कि स्वच्छता के क्षेत्र में अभी बहुत सुधार की गुंजाइश की आवश्यकता है. इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन अभियान को आगे बढ़ाने के लिए स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है.

पढ़ें- स्वच्छता सर्वेक्षण: नंदप्रयाग न.पंचायत को पहला स्थान, उत्तरी राज्यों में उत्तराखंड तीसरे पायदान पर

इस दौरान शहरी विकास मंत्री ने कहा कि सीएम त्रिवेंद्र ने नेतृत्व में राज्य सरकार नगरीय क्षेत्रों में काफी गंभीरता से काम कर रही है. नगर निकायों के अधिकारों और उनकी आय के नए स्रोत तलाशने के लिए राज्य सरकार लगातार काम कर रही है. 14वें और 15वें वित्त आयोग के तहत निकायों के दिए जाने वाले अनुदान को भी सबसे पहले स्वच्छता कार्यों में लगाया जाएगा. इसको लेकर निर्देश भी जारी कर दिए गये हैं, जिसका सीधा असर स्वच्छ सर्वेक्षण की रैंकिंग पर पड़ेगा.

बता दें कि सालभर चलने वाली स्वच्छ सर्वेक्षण की प्रकिया में 4242 नगरों और 62 कैंट बोर्ड ने हिस्ला लिया था. एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों की श्रेणी में उत्तराखंड का स्वच्छ सर्वेक्षण रैंकिंग में लगातार सुधार हुआ है.

2019 और 2020 की रैंकिंग

शहर 2019 2020
देहरादून384 124
रुड़की 281 131
काशीपुर304 139
हल्द्वानी 350 229
हरिद्वार 376 244
रुद्रपुर 403 316

ये भी रही उपलब्धि :-

  • 50 हजार से अधिक और एक लाख से कम जनसंख्या वाले नगरों में रामनगर को नार्थ जोन के शहरों में 18वां, जसपुर का 56वां और पिथौरागढ़ का 58वां स्थान आया है.
  • 25 से 50 हजार से तक की जनसंख्या वाले नगरों की श्रेणी में नार्थ जोन में नैनीताल का 68वां और सितारगंज को 106वां स्थान प्राप्त हुआ है.
  • 25 हजार से कम जनसंख्या वाले नगरों की श्रेणी में मुनिकी रेती का 12वां, उखीमठ का 41वां, भीमताल का 50वां और नरेन्द्रनगर का 58वां स्थान आया है.
  • देश भर के कुल 92 गंगा निकायों में उत्तराखंड से गौचर ने तीसरा, जोशीमठ ने चौथा, रूद्रप्रयाग ने पांचवा, श्रीनगर ने छटवां, गोपेश्वर ने आठवां, मुनिकी रेती ने 11वां, बड़कोट ने 12वां, कर्णप्रयाग ने 13वां, कीर्तिनगर ने 18वां, देवप्रयाग ने 20वां, नन्दप्रयाग ने 22वां और टिहरी ने 28वां स्थान प्राप्त किया.
Last Updated : Aug 21, 2020, 10:14 AM IST
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