देहरादून: कांग्रेस में लगातार उपेक्षित होने के बाद अब पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय सपा प्रमुख अखिलेश यादव से लखनऊ में मिले हैं. किशोर उपाध्याय की यह मुलाकात कल लखनऊ में हुई है. जिसके बाद प्रदेश में चर्चाएं हैं कि क्या किशोर उपाध्याय अब अखिलेश की साइकिल पहाड़ पर चढ़ाना चाहते हैं.
बता दें कि उत्तराखंड कांग्रेस में लगातार किशोर उपाध्याय की अनदेखी की जा रही है. ऐसे में चुनाव नजदीक आते ही वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत और किशोर उपाध्याय के बीच अब तल्खियां भी बढ़ गई हैं. दोनों नेता एक-दूसरे पर फब्तियां कसते भी नजर आ रहे हैं. वहीं, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात को लेकर जब ईटीवी भारत ने किशोर उपाध्याय से बात की तो उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव कोई अछूत नहीं हैं, उनसे मुलाकात हो सकती है.
किशोर ने आगे कहा कि उनकी मुलाकात अखिलेश के साथ-साथ ममता बनर्जी से भी हुई है. यह मुलाकात राजनीतिक नहीं है बल्कि इन नेताओं से वह इसलिए मुलाकात कर रहे हैं क्योंकि इनकी पार्टी के विधायक विधानसभा और सांसद लोकसभा में बैठे हुए हैं. ऐसे में जंगल, पहाड़ और गंगा को बचाने का दायित्व भी इन लोगों का ही है और वह अपने इसी मुद्दों को लेकर वह अखिलेश यादव से मिले हैं.
किशोर उपाध्याय ने कहा कि अगर नदियां सूख जाएंगी तो सब जगह रेगिस्तान हो जाएगा और राष्ट्रपति ने भी बीते दिनों इस पर गहरी चिंता जताई है. ऐसे में जिन-जिन राज्यों से होकर गंगा सहित अन्य नदियां निकल रही हैं, वह उन-उन राज्यों के बड़े नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. साथ ही वह उनसे मुलाकात में अपनी एक ही बात रख रहे हैं कि जो कानून इन नदियों और जंगलों के लिए बने हुए हैं उनका पालन होना चाहिए और साथ ही इसके लिए लोकसभा में आवाज उठनी चाहिए.
किशोर का सफरनामा: कांग्रेस नेता किशोर उपाध्याय उत्तराखंड राज्य विधानसभा चुनाव, 2007 में टिहरी विधानसभा सीट से चुने गए थे. उत्तराखंड विधानसभा चुनाव, 2012 में, वे एक स्वतंत्र उम्मीदवार दिनेश धनै से हार गए. किशोर उपाध्याय 2014 से 2017 तक कांग्रेस पार्टी की उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी या उत्तराखंड पीसीसी के अध्यक्ष रहे. किशोर उपाध्याय ने यशपाल आर्य से पदभार संभाला था. उनके कार्यकाल के दौरान, पार्टी में एक विद्रोह भी हुआ. इस दौरान 9 विधायक बीजेपी में चले गए थे और प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लग गया था.