ETV Bharat / state

वन विकास निगम ने दी आउटसोर्स कर्मियों को राहत, वापस लिया पुराना फैसला

Uttarakhand Outsourcing Employees उत्तराखंड वन विकास निगम ने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाने वाले फैसले पर यूटर्न ले लिया है. वन विकास निगम ने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को राहत देते हुए अपने पूर्व के आदेश को निरस्त करने का फैसला लिया है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 1, 2023, 6:52 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड वन विकास निगम में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को राहत देने का निर्णय लिया गया है. दरअसल, 17 दिसंबर 2022 के बाद आउटसोर्सिंग पर रखे गए कर्मचारियों की सेवाओं को 1 सितंबर से समाप्त किए जाने का निर्णय लिया गया था, जिसे अब वापस ले लिया गया है.

उत्तराखंड में जहां एक तरफ आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की शासन के एक पत्र से परेशानियां बड़ी हुई है. वहीं उत्तराखंड वन विकास निगम ने भी अपने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाने का फैसला लेकर उनकी मुसीबत को बढ़ा दिया. हालांकि एक दिन बाद ही निगम के प्रबंध निदेशक के एम राव ने आदेश जारी करते हुए पूर्व में लिए गए फैसले को निरस्त करने का निर्णय ले लिया है. दरअसल, 1 दिन पहले ही आदेश जारी करते हुए 17 दिसंबर 2022 के बाद आउटसोर्स के माध्यम से रखे गए कर्मचारियों की सेवाओं को 1 सितंबर 2023 से समाप्त किए जाने का आदेश निर्गत किया गया था.
पढ़ें-हरे पेड़ों के अवैध कटान से गिरी वन विभाग की साख, अब ठेकेदारों पर FIR की तैयारी

इसके बाद उत्तराखंड वन विकास निगम में हड़कंप की स्थिति बन गई थी और इस स्थिति के बाद रखे गए आउटसोर्सिंग कर्मचारी की भी चिंताएं बढ़ गई थी. हालांकि इसके बाद बीते दिन एक नया आदेश जारी किया गया है, जिसमें पूर्व में किए गए आदेश को निरस्त करने का फैसला लिया गया है. इस आदेश को निरस्त करने के पीछे वन विकास निगम की तरफ से अपना तर्क भी पेश किया गया है. उत्तराखंड वन विकास निगम की तरफ से बताया गया है कि इस साल बड़ी संख्या में स्थायी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति होना है. जिसके कारण आउटसोर्सिंग कर्मचारी की वन विकास निगम में आवश्यकता होगी. इसके अलावा यदि इन कर्मचारियों को इस तरह हटाया जाता है तो उससे निगम के कार्य पर असर पड़ेगा. लिहाजा अन्य बातों को ध्यान में रखते हुए इन कर्मचारियों को हटाए जाने के फैसले को वापस लिया गया है.

देहरादून: उत्तराखंड वन विकास निगम में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को राहत देने का निर्णय लिया गया है. दरअसल, 17 दिसंबर 2022 के बाद आउटसोर्सिंग पर रखे गए कर्मचारियों की सेवाओं को 1 सितंबर से समाप्त किए जाने का निर्णय लिया गया था, जिसे अब वापस ले लिया गया है.

उत्तराखंड में जहां एक तरफ आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की शासन के एक पत्र से परेशानियां बड़ी हुई है. वहीं उत्तराखंड वन विकास निगम ने भी अपने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाने का फैसला लेकर उनकी मुसीबत को बढ़ा दिया. हालांकि एक दिन बाद ही निगम के प्रबंध निदेशक के एम राव ने आदेश जारी करते हुए पूर्व में लिए गए फैसले को निरस्त करने का निर्णय ले लिया है. दरअसल, 1 दिन पहले ही आदेश जारी करते हुए 17 दिसंबर 2022 के बाद आउटसोर्स के माध्यम से रखे गए कर्मचारियों की सेवाओं को 1 सितंबर 2023 से समाप्त किए जाने का आदेश निर्गत किया गया था.
पढ़ें-हरे पेड़ों के अवैध कटान से गिरी वन विभाग की साख, अब ठेकेदारों पर FIR की तैयारी

इसके बाद उत्तराखंड वन विकास निगम में हड़कंप की स्थिति बन गई थी और इस स्थिति के बाद रखे गए आउटसोर्सिंग कर्मचारी की भी चिंताएं बढ़ गई थी. हालांकि इसके बाद बीते दिन एक नया आदेश जारी किया गया है, जिसमें पूर्व में किए गए आदेश को निरस्त करने का फैसला लिया गया है. इस आदेश को निरस्त करने के पीछे वन विकास निगम की तरफ से अपना तर्क भी पेश किया गया है. उत्तराखंड वन विकास निगम की तरफ से बताया गया है कि इस साल बड़ी संख्या में स्थायी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति होना है. जिसके कारण आउटसोर्सिंग कर्मचारी की वन विकास निगम में आवश्यकता होगी. इसके अलावा यदि इन कर्मचारियों को इस तरह हटाया जाता है तो उससे निगम के कार्य पर असर पड़ेगा. लिहाजा अन्य बातों को ध्यान में रखते हुए इन कर्मचारियों को हटाए जाने के फैसले को वापस लिया गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.