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PCCF हॉफ के पत्र का दिखा असर, उत्तराखंड वन विकास निगम ने DLM समेत 8 लोगों पर की कार्रवाई

Uttarakhand Forest Development Corporation उत्तराखंड वन विभाग के पीसीसीएफ हॉफ की नाराजगी का असर अब दिखने लगा है. दरअसल प्रमुख वन संरक्षक के सख्त पत्र के बाद उत्तराखंड वन विकास निगम ने DLM समेत कुल आठ लोगों पर कार्रवाई की है. विभाग के सात लोगों को निलंबित किया गया है, जबकि आउटसोर्स कर्मचारी को बर्खास्त कर दिया गया है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 25, 2023, 4:50 PM IST

Updated : Aug 25, 2023, 5:09 PM IST

PCCF हॉफ के पत्र का दिखा असर

देहरादून: पुरोला के टोंस वन विभाग क्षेत्र में पेड़ों के अवैध कटान मामले पर अब उत्तराखंड वन विकास निगम ने कार्रवाई कर दी है. प्रारंभिक जांच रिपोर्ट आने के बाद वन विकास निगम ने DLM पुरोला रहे राजकुमार को निलंबित कर दिया है. साथ ही तीन लॉगिंग सहायक, 2 वन उपज रक्षक और एक स्केलर को भी निलंबित किया है. एक आउटसोर्स के कर्मचारी को बर्खास्त करने के आदेश दिए गए हैं. कुल मिलाकर 8 लोगों पर कार्रवाई की गई है.

DLM पुरोला को किया गया निलंबित: निलंबित होने वालों में DLM पुरोला रहे राजकुमार, नरेंद्र रावत, पदम दास, सतेश्वर प्रसाद शामिल हैं. इससे पहले उत्तराखंड वन विभाग ने भी अपने डीएफओ समेत तीन रेंजर के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया था. वन विभाग की कार्रवाई के बाद पीसीसीएफ ने वन विकास निगम को पत्र लिखकर वन विकास निगम के जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई करने के लिए कहा था. पत्र लिखने के एक दिन बाद ही वन विकास निगम ने आठ लोगों पर कार्रवाई की है.

कार्रवाई करने के बाद सवाल हो रहे खड़े: कार्रवाई करने के बाद एक सवाल यह खड़ा होता है कि निगम को लॉट देने के बाद वन विकास निगम की तरफ से वन विभाग को काम खत्म करने के बाद अंतिम पत्र देना होता है. जिसके 120 दिनों तक वन विभाग आपत्ति या वनों के पातन की जांच करता है. लेकिन 6 महीने बाद भी वन विभाग की तरफ से इसमें उन्हें कोई ऐसी जानकारी नहीं दी गई और अब जब यह मामला सामने आया है, तो वन विकास निगम ने नियम के अनुसार कार्रवाई की गई है.
ये भी पढ़ें: वन विकास निगम के स्केलर संवर्ग के कर्मचारियों की रिपोर्ट तैयार, उपसमिति लेगी फैसला

वन विकास निगम के प्रबंध निदेशक ने बात करने से किया मना: टोंस वन विभाग में 108 पेड़ अवैध रूप से काटे जाने के मामले में वन विकास निगम के प्रबंध निदेशक ने बात करने से इनकार कर दिया. खास बात यह है कि वन विकास निगम ने यह कार्रवाई तब की जब वन विभाग ने निगम को सख्त पत्र लिखकर कार्रवाई करने के लिए कहा. हालांकि इस पर वन विकास निगम का कहना है कि निगम की तरफ से ऐसे कर्मचारियों और अधिकारियों को कारण बताओं नोटिस दे दिया गया था और जवाब आने के बाद ही कार्रवाई की गई है. उधर दूसरी तरफ लालकुआं डिपो में बिल बनाने में गड़बड़ी को लेकर अब तक हुई जांच में 9 लाख की हेराफेरी सामने आई है. हालांकि इसमें अभी बड़ा खेल होने की आशंका है.
ये भी पढ़ें: खनन चुगान को लेकर उत्तराखंड वन विकास निगम की कवायद तेज

PCCF हॉफ के पत्र का दिखा असर

देहरादून: पुरोला के टोंस वन विभाग क्षेत्र में पेड़ों के अवैध कटान मामले पर अब उत्तराखंड वन विकास निगम ने कार्रवाई कर दी है. प्रारंभिक जांच रिपोर्ट आने के बाद वन विकास निगम ने DLM पुरोला रहे राजकुमार को निलंबित कर दिया है. साथ ही तीन लॉगिंग सहायक, 2 वन उपज रक्षक और एक स्केलर को भी निलंबित किया है. एक आउटसोर्स के कर्मचारी को बर्खास्त करने के आदेश दिए गए हैं. कुल मिलाकर 8 लोगों पर कार्रवाई की गई है.

DLM पुरोला को किया गया निलंबित: निलंबित होने वालों में DLM पुरोला रहे राजकुमार, नरेंद्र रावत, पदम दास, सतेश्वर प्रसाद शामिल हैं. इससे पहले उत्तराखंड वन विभाग ने भी अपने डीएफओ समेत तीन रेंजर के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया था. वन विभाग की कार्रवाई के बाद पीसीसीएफ ने वन विकास निगम को पत्र लिखकर वन विकास निगम के जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई करने के लिए कहा था. पत्र लिखने के एक दिन बाद ही वन विकास निगम ने आठ लोगों पर कार्रवाई की है.

कार्रवाई करने के बाद सवाल हो रहे खड़े: कार्रवाई करने के बाद एक सवाल यह खड़ा होता है कि निगम को लॉट देने के बाद वन विकास निगम की तरफ से वन विभाग को काम खत्म करने के बाद अंतिम पत्र देना होता है. जिसके 120 दिनों तक वन विभाग आपत्ति या वनों के पातन की जांच करता है. लेकिन 6 महीने बाद भी वन विभाग की तरफ से इसमें उन्हें कोई ऐसी जानकारी नहीं दी गई और अब जब यह मामला सामने आया है, तो वन विकास निगम ने नियम के अनुसार कार्रवाई की गई है.
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वन विकास निगम के प्रबंध निदेशक ने बात करने से किया मना: टोंस वन विभाग में 108 पेड़ अवैध रूप से काटे जाने के मामले में वन विकास निगम के प्रबंध निदेशक ने बात करने से इनकार कर दिया. खास बात यह है कि वन विकास निगम ने यह कार्रवाई तब की जब वन विभाग ने निगम को सख्त पत्र लिखकर कार्रवाई करने के लिए कहा. हालांकि इस पर वन विकास निगम का कहना है कि निगम की तरफ से ऐसे कर्मचारियों और अधिकारियों को कारण बताओं नोटिस दे दिया गया था और जवाब आने के बाद ही कार्रवाई की गई है. उधर दूसरी तरफ लालकुआं डिपो में बिल बनाने में गड़बड़ी को लेकर अब तक हुई जांच में 9 लाख की हेराफेरी सामने आई है. हालांकि इसमें अभी बड़ा खेल होने की आशंका है.
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Last Updated : Aug 25, 2023, 5:09 PM IST
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