ऋषिकेश: जापान की जायका कंपनी के साथ उत्तराखंड वन विभाग भूस्खलन रोकने की दिशा में कार्य कर रही है.जायका कंपनी द्वारा भारत सरकार के निर्देश पर उत्तराखंड वन विभाग द्वारा उत्तराखंड में 132 करोड़ों रुपए से कार्य गतिमान हैं. वहीं नरेंद्र नगर वन प्रभाग में 9.5 करोड़ की लागत से पहाड़ों में हो रहे भूस्खलन के साथ ही पानी की निकासी के लिए बनाए जा रहे चेक डैमों का वन विभाग की टीम ने संयुक्त रूप से स्थलीय निरीक्षण किया.
उत्तराखंड सरकार के चीफ इंजीनियर जय कुमार शर्मा ने बताया कि यह योजना साल 2018 में प्रारंभ हो गई थी, जिसका 2 वर्ष में सर्वे किया गया. इसके उपरांत अभी तक 50% कार्य पूर्ण हो चुका है और यह कार्य मार्च 2024 तक 90% पूरा हो जाएगा. उन्हें उम्मीद है कि वर्षा काल से पूर्व इस कार्य को पूर्ण कर लिया जाएगा, जिस पर तेजी के साथ कार्य किया जा रहा है. इस योजना के पूर्ण होने के बाद पहाड़ों से बड़े-बड़े पत्थरों का गिरना रुक जाएगा. साथ ही पानी का रिसाव भी कम होगा. जिसके लिए चेक डैम बनाए जा रहे हैं. जय कुमार शर्मा ने बताया कि इस प्रकार की परियोजना पूरे उत्तराखंड में चल रही है, जिसमें 7 स्थानों पर कार्य हो रहा है, जिसके अंतर्गत ऋषिकेश के समीप नरेंद्र नगर वन प्रभाग के नीरगढ़, रुद्रप्रयाग के जवाड़ी, कुमाऊं मंडल के भवाली के पास पाडली (रायपुर ), जोखला (कालसी), उत्तरकाशी के पास मल्ला (लखनपुर के पास परियोजना चल रही है.
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उन्होंने बताया कि पहाड़ों से होने वाले भूस्खलन को रोकने के लिए जापान की तकनीकी के आधार पर ईरोजन कंट्रोल मैट भी लगाई जा रही है. इसके बाद बड़े पत्थर सड़क पर नहीं आएंगे और दुर्घटनाओं से भी बचा जा सकेगा. इस योजना के अंतर्गत ग्रुप 15 से अधिक चेक डैम बनाए जाएंगे, जो पूरी तरह जापानी तकनीक के आधार पर होंगे. स्थलीय निरीक्षण के दौरान जापानी टीम के प्रमुख ईजीमा, होताका ओकी, डैम प्रोजेक्ट मैनेजर के अतिरिक्त नरेंद्र नगर कंजरवेटर धर्म सिंह मीणा, डीएफओ अमित कंवर, डिप्टी प्रोजेक्ट डायरेक्टर कोको रोजे, विवेक जोशी, वन अधिकारी वीर बहादुर सिंह, सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे.