देहरादून: उत्तराखंड में स्कूलों की छात्र संख्या बढ़ाना हमेशा शिक्षा विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती रहा है. अब महकमे ने शायद इस मामले पर हाथ खड़े कर लिये हैं. शायद इसीलिए राज्य के 2000 स्कूलों को जल्द ही बंद करने की तैयारी (Preparing to close thousands of schools) की जा रही है. यह वह स्कूल है जहां पर लगातार छात्र संख्या कम हुई है. बेहद कम छात्र संख्या के चलते यह स्कूल अब शिक्षा विभाग को बोझ लगने लगे हैं.
उत्तराखंड शिक्षा विभाग (Uttarakhand Education Department) में करोड़ों का बजट और लोक लुभावनी स्कीम भी सरकारी स्कूलों में बच्चों को लाने के लिए नहीं लुभा पा रही है. स्थिति यह है कि शिक्षा विभाग ने अब ऐसे स्कूलों को एक बार फिर बंद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जहां विद्यालयों में बच्चों की संख्या कम हो रही है. अब बजट के लिहाज से विभाग को यह स्कूल बोझ लग रहे हैं. इसी को लेकर शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने पत्र जारी कर विभाग में ऐसे स्कूलों को चिन्हित किए जाने के निर्देश दे दिए हैं, जहां बच्चों की संख्या बेहद कम है.
पढे़ं- प्रेम प्रसंग के चलते पत्नी ने कराई पति की हत्या, महिला समेत पांच आरोपी गिरफ्तार
माना जा रहा है कि ऐसे करीब 2000 स्कूल हैं जिनमें छात्र संख्या कम होने के कारण शिक्षा विभाग इन्हें बंद करने जा रहा है. शिक्षा विभाग के महानिदेशक बंशीधर तिवारी(Education Department Director Banshidhar Tiwari) ने यह साफ किया है कि यदि इन विद्यालयों में छात्रों की संख्या बढ़ती है तो एक बार फिर इन विद्यालयों को खोला जा सकता है, लेकिन फिलहाल इसमें पढ़ने वाले बच्चों को आसपास के स्कूल में शिफ्ट करने का प्रयास किया जा रहा है. खास बात यह है कि इन बच्चों को जिन विद्यालयों में शिफ्ट किया जाएगा वहां तक पहुंचने के लिए न केवल इन्हें किराया दिया जाएगा बल्कि ऐसे विद्यालयों को स्मार्ट स्कूल के रूप में भी विकसित किया जाएगा.