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Doctors day: कोरोना काल में दी बेहतरीन सेवाएं, संक्रमण से जीतकर फिर ड्यूटी पर जुटे

डॉक्टर्स डे चिकित्सकों के महान योगदान के प्रति अपनी भावनाएं प्रकट करने का भी दिन है. कोविड काल में चिकित्सकों की इसी सेवा और ड्यूटी को याद करते हुए उनके योगदान को सराहा जा रहा है.

डॉक्टरों ने दी बेहतरीन सेवाएं
डॉक्टरों ने दी बेहतरीन सेवाएं
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Published : Jul 1, 2021, 5:12 PM IST

Updated : Jul 1, 2021, 5:48 PM IST

देहरादून: कोविड काल (covid period) में चिकित्सकों ने यह साबित कर दिया कि आखिरकार उन्हें धरती का भगवान (god of earth) क्यों कहा जाता है. कोरोना महामारी (corona pandemic) के दौर में जिस तरह इन डॉक्टरों ने मरीजों की सेवा की, उसने साबित कर दिया की वह किसी देवदूत से कम नहीं हैं.

कई डॉक्टर्स हुए कोरोना संक्रमित

देश भर की तरह उत्तराखंड में भी सैकड़ों चिकित्सक मरीजों की सेवा (service to patients) के दौरान संक्रमित हुए और कुछ ने अपनी जान भी गंवाई. इसके बावजूद दूसरी लहर में भी चिकित्सकों का मनोबल नहीं टूटा और वह इस जन सेवा में जुटे रहे.

समाज का अभिन्न अंग हैं डॉक्टर्स

आज डॉक्टर्स डे (doctors day) है. ऐसे में समाज के चिकित्सक वर्ग की बात करनी अहम हो जाती है. आम दिनों में जिस तरह डॉक्टर दिन-रात एक कर मरीजों की जान बचाने में लगे रहते हैं वहीं, कोरोना काल में जब कई मरीजों का अपनों तक ने साथ छोड़ दिया था, उस दौर में भी इन डॉक्टरों ने मरीजों का साथ नहीं छोड़ा.

डॉक्टरों ने दी बेहतरीन सेवाएं

धरती के भगवान

अपनी और अपने परिवार की जान की परवाह किए बिना ये धरती के भगवान मरीजों की जिंदगी बचाने के लिए कोरोना वायरस (corona virus) से दो-दो हाथ करते रहे और आगे भी इस जंग से लड़ने को तैयार हैं. चिकित्सकों का हमारे समाज में अहम योगदान है. हर साल डॉक्टर्स डे पर हम उनके योगदान को याद करते हैं.

ये भी पढ़ें: अस्पतालों ने छिपाए कोरोना से 218 मौत के आंकड़े, CMO और CMS को नोटिस

डॉक्टर्स डे पर याद किया गया योगदान

डॉक्टर्स डे चिकित्सकों के महान योगदान के प्रति अपनी भावनाएं प्रकट करने का भी दिन है. कोविड काल में चिकित्सकों की इसी सेवा और ड्यूटी को याद करते हुए उनके योगदान को सराहा जा रहा है. उत्तराखंड की बात करें तो प्रदेश की एक करोड़ से ज्यादा की जनसंख्या को स्वास्थ्य सेवा दे रहे करीब ढाई हजार चिकित्सकों ने कभी भी चिकित्सीय परामर्श को लेकर कमी नहीं महसूस होने दी.

कोरोना वॉरियर्स बन कोरोना की लड़ी जंग

प्रदेश में एक लाख से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित हुए और इन्हें देखने के लिए महज ढाई हजार चिकित्सक सरकारी अस्पतालों में मौजूद थे. इसके बावजूद ना तो इन्होंने कोरोना के डर से अपनी ड्यूटी को छोड़ा और ना ही मरीजों को स्वास्थ्य लाभ देने में कोई कोताही की. यही कारण है कि आज डॉक्टर्स डे पर चिकित्सकों के योगदान को याद किया जा रहा है.

कोरोना काल में कई डॉक्टरों ने गंवाई जान

उत्तराखंड की बात करें तो कोरोना की पहली लहर में ही देहरादून में करीब 150 से ज्यादा चिकित्सक संक्रमित हो गए थे. जबकि दूसरी लहर में यह आंकड़ा 200 के करीब था. प्रदेश में करीब 5 चिकित्सक कोरोना के चलते अपनी जान गंवा चुके हैं. देशभर में 1327 चिकित्सकों की अब तक कोरोना से मौत हो चुकी है. उत्तराखंड में चिकित्सकों की कोरोना के दौरान भारी कमी रही. वहीं, कोरोना काल में 500 से ज्यादा स्वास्थ्य कर्मियों की भर्ती की गई.

देहरादून: कोविड काल (covid period) में चिकित्सकों ने यह साबित कर दिया कि आखिरकार उन्हें धरती का भगवान (god of earth) क्यों कहा जाता है. कोरोना महामारी (corona pandemic) के दौर में जिस तरह इन डॉक्टरों ने मरीजों की सेवा की, उसने साबित कर दिया की वह किसी देवदूत से कम नहीं हैं.

कई डॉक्टर्स हुए कोरोना संक्रमित

देश भर की तरह उत्तराखंड में भी सैकड़ों चिकित्सक मरीजों की सेवा (service to patients) के दौरान संक्रमित हुए और कुछ ने अपनी जान भी गंवाई. इसके बावजूद दूसरी लहर में भी चिकित्सकों का मनोबल नहीं टूटा और वह इस जन सेवा में जुटे रहे.

समाज का अभिन्न अंग हैं डॉक्टर्स

आज डॉक्टर्स डे (doctors day) है. ऐसे में समाज के चिकित्सक वर्ग की बात करनी अहम हो जाती है. आम दिनों में जिस तरह डॉक्टर दिन-रात एक कर मरीजों की जान बचाने में लगे रहते हैं वहीं, कोरोना काल में जब कई मरीजों का अपनों तक ने साथ छोड़ दिया था, उस दौर में भी इन डॉक्टरों ने मरीजों का साथ नहीं छोड़ा.

डॉक्टरों ने दी बेहतरीन सेवाएं

धरती के भगवान

अपनी और अपने परिवार की जान की परवाह किए बिना ये धरती के भगवान मरीजों की जिंदगी बचाने के लिए कोरोना वायरस (corona virus) से दो-दो हाथ करते रहे और आगे भी इस जंग से लड़ने को तैयार हैं. चिकित्सकों का हमारे समाज में अहम योगदान है. हर साल डॉक्टर्स डे पर हम उनके योगदान को याद करते हैं.

ये भी पढ़ें: अस्पतालों ने छिपाए कोरोना से 218 मौत के आंकड़े, CMO और CMS को नोटिस

डॉक्टर्स डे पर याद किया गया योगदान

डॉक्टर्स डे चिकित्सकों के महान योगदान के प्रति अपनी भावनाएं प्रकट करने का भी दिन है. कोविड काल में चिकित्सकों की इसी सेवा और ड्यूटी को याद करते हुए उनके योगदान को सराहा जा रहा है. उत्तराखंड की बात करें तो प्रदेश की एक करोड़ से ज्यादा की जनसंख्या को स्वास्थ्य सेवा दे रहे करीब ढाई हजार चिकित्सकों ने कभी भी चिकित्सीय परामर्श को लेकर कमी नहीं महसूस होने दी.

कोरोना वॉरियर्स बन कोरोना की लड़ी जंग

प्रदेश में एक लाख से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित हुए और इन्हें देखने के लिए महज ढाई हजार चिकित्सक सरकारी अस्पतालों में मौजूद थे. इसके बावजूद ना तो इन्होंने कोरोना के डर से अपनी ड्यूटी को छोड़ा और ना ही मरीजों को स्वास्थ्य लाभ देने में कोई कोताही की. यही कारण है कि आज डॉक्टर्स डे पर चिकित्सकों के योगदान को याद किया जा रहा है.

कोरोना काल में कई डॉक्टरों ने गंवाई जान

उत्तराखंड की बात करें तो कोरोना की पहली लहर में ही देहरादून में करीब 150 से ज्यादा चिकित्सक संक्रमित हो गए थे. जबकि दूसरी लहर में यह आंकड़ा 200 के करीब था. प्रदेश में करीब 5 चिकित्सक कोरोना के चलते अपनी जान गंवा चुके हैं. देशभर में 1327 चिकित्सकों की अब तक कोरोना से मौत हो चुकी है. उत्तराखंड में चिकित्सकों की कोरोना के दौरान भारी कमी रही. वहीं, कोरोना काल में 500 से ज्यादा स्वास्थ्य कर्मियों की भर्ती की गई.

Last Updated : Jul 1, 2021, 5:48 PM IST
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