देहरादून: उत्तराखंड में आगामी 2022 विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Assembly Election 2022) की सुरक्षा को लेकर पुलिस तंत्र की तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं. गुरुवार शाम पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने प्रदेश के सभी जनपदों के पुलिस प्रभारियों और संबंधित आलाधिकारियों के साथ आगामी विधानसभा चुनाव की सुरक्षा व्यवस्था, संवेदनशील और अतिसंवेदनशील चुनाव पोलिंग बूथ को लेकर समीक्षा की. शुक्रवार 24 दिसंबर को केंद्रीय मुख्य चुनाव आयुक्त टीम के समक्ष चुनावी तैयारियों को लेकर रिपोर्ट पेश करने के साथ ही निष्पक्ष और पारदर्शी विधानसभा चुनाव सुरक्षा से जुड़ी अन्य विषयों पर विस्तृत चर्चा की जाएगी.
पुलिस मुख्यालय के मुताबिक इस बार 2022 के आगामी चुनाव में संवेदनशील और अतिसंवेदनशील पोलिंग स्टेशनों की संख्या में खासा बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. दोनों ही तरह के दायरे में आने वाले पोलिंग स्टेशनों में शांति और कानून व्यवस्था को और बेहतर कर इनकी संख्या घटाने की भी पुलिस पुरजोर तैयारी में जुटी है. वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव के बाद अब आगामी चुनाव के संबंध में प्रारंभिक आंकलन के मुताबिक प्रदेश भर में 329 पोलिंग स्टेशनों का इजाफा देखा जा है. वहीं, 276 संवेदनशील और 178 अतिसंवेदनशील पोलिंग स्टेशनों में भी बढ़ोतरी आंकी गई है. 2022 चुनाव को देखते हुए राज्यभर कुल 8,664 पोलिंग स्टेशनों में से कुल 839 संवेदनशील और 1147 पोलिंग स्टेशनों को अति संवेदनशील दायरे में रखा गया है. हालांकि, संवेदनशील और अति संवेदनशील पोलिंग स्टेशनों को कम करने की कवायद भी पुलिस द्वारा की जा रही है.
पढे़ं- देहरादून पहुंचे मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा, उत्तराखंड की चुनावी तैयारियों का लेंगे जायजा
साल | कुल पोलिंग स्टेशन | कुल पोलिंग बूथ | संवेदनशील पोलिंग बूथ | अतिसंवेदनशील पोलिंग बूथ |
2017 | 8065 | 10843 | 642 | 906 |
2019 | 8335 | 11229 | 563 | 969 |
2022 | 8664 | 11647 | 839 | 1147 |
संवेदनशील और अतिसंवेदनशील पोलिंग स्टेशनों को लेकर जानकारी देते हुए पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया फिलहाल प्रारंभिक आंकलन के हिसाब से यह आंकड़ा सामने आया है. अभी निर्वाचन आयोग द्वारा एग्जैक्ट डिक्लेअर पोलिंग स्टेशनों की संख्या सामने आने के बाद ही इसकी स्पष्ट स्थिति सामने आएगी. प्रारंभिक आंकलन के मुताबिक विधानसभा 2022 चुनाव के मद्देनजर 1,000 संवेदनशील और 800 अतिसंवेदनशील पोलिंग स्टेशनों की स्थिति सामने आई है. यह फिलहाल पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है. इनको घटाने के लिए पुलिस लगातार प्रयास कर रही है.
कई कारणों से दायरे में आते हैं संवेदनशील और अति संवेदनशील चुनाव पोलिंग स्टेशन: डीजीपी अशोक कुमार के मुताबिक संवेदनशील और अतिसंवेदनशील पोलिंग स्टेशनों को दायरे में रखने की स्थिति कई कारणों से सामने आते हैं. इसमें अधिकांश बार चुनाव के उम्मीदवार नाम का फैक्टर भी सामने आता है. बड़े नाम वाला चेहरा जब चुनाव मैदान में होता है तो संवेदनशीलता बढ़ती है. वहीं दूसरी तरफ सांप्रदायिक तनाव का माहौल भी इस कैटेगरी को बढ़ाता है. तीसरी मुख्य वजह विधानसभा क्षेत्र में जाति समुदाय के मामले भी संवेदनशील और अतिसंवेदनशील पोलिंग स्टेशनों की स्थिति तय करते हैं. डीजीपी अशोक कुमार के मुताबिक पुलिस की ओर से लगातार इन दोनों तरह के दायरे में आने वाले पोलिंग स्टेशनों की संख्या कम करने के लिए लगातार प्रयास जारी है.
शांति और कानून व्यवस्था का कड़ा दायरा बनाकर निष्पक्ष और पारदर्शिता तरीके से चुनाव कराने का एक बार फिर सबसे महत्वपूर्ण चुनौती सामने आ गई है. इसी के मध्यनजर में पुलिसिंग की तमाम व्यवस्थाओं का खाका तैयार करने के लिए डीजीपी अशोक कुमार ने गुरुवार शाम प्रदेश के सभी 13 जनपद पुलिस प्रभारियों और गढ़वाल कुमाऊं परिक्षेत्र डीआईजी और पुलिस बल की अन्य सैनिकों के साथ देहरादून स्थित पुलिस मुख्यालय सभागार में महत्वपूर्ण बैठक कर दिशा निर्देश दिये.
डीजीपी अशोक कुमार ने आगामी विधानसभा चुनाव के संबंध में प्रदेशभर के सभी पुलिस इकाइयों के प्रभारियों को आगामी 1 सप्ताह तक आवश्यक पुलिस बल का आकलन करने की साथ चुनाव आयोग के गाइडलाइन अनुसार पुलिसिंग कार्रवाई की जैसे व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने का समय दिया है, ताकि निर्वाचन आयोग निर्देश अनुसार कानून व्यवस्था के दायरे में रहकर शांति और निष्पक्ष पारदर्शी तरीके से उत्तराखंड राज्य में 2022 विधानसभा चुनाव संपन्न कराए जा सके.
अपराधिक गतिविधियों वाले अपराधियों पर शिकंजा कसेगा: आगामी चुनाव के दृष्टिगत राज्य में अपराधिक पृष्ठभूमि से जुड़ने वाले लोगों पर शिकंजा कसा जाएगा. सांप्रदायिक हिंसा भड़काने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई. वही 107/ 116 में पाबन्द और गुंडा व गैंगस्टर आदि जैसे कानूनी कार्रवाई को चुनाव के दृष्टिगत तेज करने के निर्देश दिये गये हैं.
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार द्वारा आगामी विधानसभा 2022 चुनाव के दृष्टिगत प्रदेश के सभी 13 जनपद पुलिस प्रभारियों और गढ़वाल व कुमाऊं परिक्षेत्र सहित पुलिस बल के अन्य इकाइयों के सेनानायकों को अगले एक सप्ताह में मुकम्मल करने के दिशा- निर्देश इस प्रकार है.
- समस्त जनपद प्रभारी एवं क्षेत्रीय अधिकारी चुनाव के मध्यनजर आवश्यक पुलिस बल का आकलन आगामी सप्ताह तक कर ले, ताकि सुरक्षा के दृष्टिगत व्यवस्थाएं पूर्व से ही सुनिश्चित कर ली जाए.
- सभी जनपद प्रभारी शांतिपूर्वक चुनाव संपन्न कराने के लिए निरोधात्मक कार्रवाई यथा - 107/116, गुंडा व गैंगस्टर आदि जैसी कार्यवाही अभी से सुनिश्चित कर लें.
- चुनाव ड्यूटी में तैनात पुलिस एवं केंद्रीय पुलिस बल की टुकड़ियों में नियत बल के अनुसार ही तैनाती के साथ साथ उनके वेलफेयर यथा ठहरने रहने आदि की व्यवस्थाएं पूर्व से ही सुनिश्चित की जाए।
- समस्त राज्य संवेदनशील एवं अतिसंवेदनशील चुनाव बूथों का निरीक्षण भ्रमण जनपद प्रभारी स्वयं करेंगे. ताकि उचित कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
- अंतरराष्ट्रीय व अंतर्जनपदीय सीमा चेकपोस्ट पर पुलिस बल की तैनाती चुनाव आयोग के नियमानुसार अनुसार की जाए.