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Cow Dung Purchase: डेयरी विकास विभाग पशु पालकों से खरीदेगा गोबर, एक किलो के मिलेंगे इतने दाम - new scheme launch

डेयरी विकास विभाग जल्द नई योजना शुरू करने जा रहा है. जिससे पशुपालकों को दूध के साथ ही अब गोबर के दाम भी मिल सकेंगे. योजना परवान चढ़ी तो पशुपालकों की आय में इजाफा होगा. इसके लिए विभाग प्राइवेट पार्टनरशिप करने की तैयारी भी कर रहा है.

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Published : Feb 13, 2023, 7:22 AM IST

पशु पालकों को मिलेंगे गोबर के दाम

देहरादून: अब पशुपालकों को गोबर के दाम भी मिलेंगे. सब कुछ ठीक ठाक चला तो इस योजना का लाभ प्रदेश के पशु पालकों को मिलेगा, जिससे उन्हें गोबर से भी आय प्राप्त होगी. प्रदेश में पशुपालकों को दुग्ध विक्रय के साथ अतिरिक्त लाभ देने के लिए डेयरी विकास विभाग एक नई स्कीम लॉन्च करने जा रहा है. प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत शुरू होने वाली इस स्कीम के जरिए पशुपालकों से गोबर खरीद के जरिए बायोगैस, पेंट और खाद निर्माण पर काम किया जाएगा.

प्राइवेट पार्टनरशिप से चलेगी योजना: दूध उत्पादन के जरिए लाभ कमाने वाले किसानों को अब डेयरी विकास विभाग अतिरिक्त लाभ देने जा रहा है. इसके तहत प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए नई स्कीम शुरू की जा रही है. डेयरी विकास विभाग की तरफ से शुरू किए जाने वाली नई योजना के तहत पशुपालकों को ₹2 किलो गोबर के लिहाज से मुनाफा लेने का मौका दिया जाएगा. इसके तहत डेयरी विकास विभाग प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए पशुपालकों के घर से ही ₹2 किलो गोबर की खरीद करेगा. जिससे दूध उत्पादन और विक्रय के साथ गोबर विक्रय के जरिए भी किसान अतिरिक्त लाभ ले पाएंगे. फिलहाल इस योजना को लेकर जरूरी औपचारिकताओं को पूरा किया जा रहा है. इसमें निजी पार्टनरशिप को इन्वॉल्व किया जाएगा.
पढ़ें-CM Dhami on Home Stay: पहाड़ी शैली में बने होम स्टे के मुरीद हुए सीएम धामी, रात्रि विश्राम भी करेंगे

घर से लिया जाएगा गोबर: जिसमें किसानों के घर से गोबर की खरीद की जाएगी. इसमें खरीद से लेकर इसके इस्तेमाल तक की पूरी जिम्मेदारी प्राइवेट पार्टनरशिप करने वाली संस्था की होगी. दरअसल, डेयरी विकास विभाग से जुड़े तमाम किसानों को इसका लाभ मिलेगा और प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए गोबर के जरिए बायोगैस बनाने के अलावा पेंट निर्माण और खाद का भी निर्माण किया जाएगा. इस तरह एक तरफ किसानों को उनके घरों से ही गोबर खरीद के जरिए लाभ दिया जाएगा तो दूसरी तरफ इसके इस्तेमाल के जरिए रेवेन्यू भी जनरेट किया जाएगा.

इस तरह डेयरी विकास विभाग गोबर खरीद की इस नई स्कीम के जरिए किसानों को लाभ देगा और राजस्व बढ़ाकर ऊर्जा निर्माण में भी अपना अहम योगदान दे पाएगा. फिलहाल इस योजना के लिए औपचारिकताओं को पूरा किया जा रहा है. जिसमें निजी कंपनियों की अहम भूमिका होगी, हालांकि ऐसी कई संस्थाएं हैं जो इस काम में डेयरी विकास विभाग से जुड़ने का प्रयास कर रही हैं.

पशु पालकों को मिलेंगे गोबर के दाम

देहरादून: अब पशुपालकों को गोबर के दाम भी मिलेंगे. सब कुछ ठीक ठाक चला तो इस योजना का लाभ प्रदेश के पशु पालकों को मिलेगा, जिससे उन्हें गोबर से भी आय प्राप्त होगी. प्रदेश में पशुपालकों को दुग्ध विक्रय के साथ अतिरिक्त लाभ देने के लिए डेयरी विकास विभाग एक नई स्कीम लॉन्च करने जा रहा है. प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत शुरू होने वाली इस स्कीम के जरिए पशुपालकों से गोबर खरीद के जरिए बायोगैस, पेंट और खाद निर्माण पर काम किया जाएगा.

प्राइवेट पार्टनरशिप से चलेगी योजना: दूध उत्पादन के जरिए लाभ कमाने वाले किसानों को अब डेयरी विकास विभाग अतिरिक्त लाभ देने जा रहा है. इसके तहत प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए नई स्कीम शुरू की जा रही है. डेयरी विकास विभाग की तरफ से शुरू किए जाने वाली नई योजना के तहत पशुपालकों को ₹2 किलो गोबर के लिहाज से मुनाफा लेने का मौका दिया जाएगा. इसके तहत डेयरी विकास विभाग प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए पशुपालकों के घर से ही ₹2 किलो गोबर की खरीद करेगा. जिससे दूध उत्पादन और विक्रय के साथ गोबर विक्रय के जरिए भी किसान अतिरिक्त लाभ ले पाएंगे. फिलहाल इस योजना को लेकर जरूरी औपचारिकताओं को पूरा किया जा रहा है. इसमें निजी पार्टनरशिप को इन्वॉल्व किया जाएगा.
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घर से लिया जाएगा गोबर: जिसमें किसानों के घर से गोबर की खरीद की जाएगी. इसमें खरीद से लेकर इसके इस्तेमाल तक की पूरी जिम्मेदारी प्राइवेट पार्टनरशिप करने वाली संस्था की होगी. दरअसल, डेयरी विकास विभाग से जुड़े तमाम किसानों को इसका लाभ मिलेगा और प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए गोबर के जरिए बायोगैस बनाने के अलावा पेंट निर्माण और खाद का भी निर्माण किया जाएगा. इस तरह एक तरफ किसानों को उनके घरों से ही गोबर खरीद के जरिए लाभ दिया जाएगा तो दूसरी तरफ इसके इस्तेमाल के जरिए रेवेन्यू भी जनरेट किया जाएगा.

इस तरह डेयरी विकास विभाग गोबर खरीद की इस नई स्कीम के जरिए किसानों को लाभ देगा और राजस्व बढ़ाकर ऊर्जा निर्माण में भी अपना अहम योगदान दे पाएगा. फिलहाल इस योजना के लिए औपचारिकताओं को पूरा किया जा रहा है. जिसमें निजी कंपनियों की अहम भूमिका होगी, हालांकि ऐसी कई संस्थाएं हैं जो इस काम में डेयरी विकास विभाग से जुड़ने का प्रयास कर रही हैं.

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