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अलविदा 2019: पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण रहा साल, अपराध में भी हुई बढ़ोत्तरी

उत्तराखंड की शांत वादियों में 2019 की तुलना में अपराध बढ़े हैं. पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार का कहना है कि अपराधों की संख्या भले ही बढ़ी हो लेकिन उत्तराखंड पुलिस ने अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर पुलिसिंग की है. पेश है खास रिपोर्ट...

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Published : Dec 31, 2019, 12:02 PM IST

Uttarakhand Crime 2019
Uttarakhand Crime 2019

देहरादून: उत्तराखंड पुलिस के लिए साल 2019 विगत वर्षों की तुलना में अपराध व कानून व्यवस्था के आंकड़ों को देखते हुए काफी चुनौतीपूर्ण रहा. इस साल पुलिस ने ज्यादातर अपराधिक मामलों का निस्तारण और घटना के बाद प्रॉपर्टी रिकवरी में पिछले सालों की तुलना में बेहतर परफॉर्मेंस देते हुए अग्रिम राज्यों की सूची में खुद को बनाए रखा. हालांकि, प्रदेश में महिलाओं के प्रति अपराध, साइबर क्राइम व मादक पदार्थों की तस्करी जैसे मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है. इसके साथ ही पुलिस के कई सराहनीय कार्य भी इस साल चर्चा में रहे.

उत्तराखंड पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण रहा साल 2019.

गौर हो कि प्रदेश में बढ़ते अपराध पुलिस के चुनौती बने हुए हैं. साल दर साल ये आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. वहीं कई मामलों में पुलिस ने तत्पर्ता दिखाते हुए मामले का खुलासा किया लेकिन बढ़ते आंकड़े पुलिस के लिए सिर दर्द बनते जा रहे हैं.

जनवरी 2017-18 के मुकाबले 30 नवंबर 2019 का अधिकारिक अपराध आंकड़ा

अपराध 2017 2018 2019 (नवंबर 30)
बलात्कार 390 505 516
लूट 179 125 122
वाहन लूट 16 24 16
चेन स्नैचिंग 36 36 41
गृह भेदन 410 270 349
वाहन चोरी 1081 922 838
चोरी 1012 1049 838
हत्या 160 189 175
महिला अपराध 236 263 273
अपहरण 122 157 66
दहेज हत्या 60 62 52


2019 में जनवरी से लेकर 30 नवंबर तक साइबर क्राइम व IT एक्ट के तहत दर्ज मुकदमों का आंकड़ा

जनपद का नाम अपराध संख्या
उधम सिंह नगर 102
देहरादून 28
हरिद्वार 25
रुद्रयाग 14
नैनीताल 13
टिहरी 3
उत्तरकाशी 2
चमोली 3
अल्मोड़ा 4
बागेश्वर 7
पिथौरागढ़ 4
चंपावत 2
जीआरपी मुकदमा 1
साइबर थाने 19
कुल 227

साल 2019 जनवरी से 30 नवंबर माह तक राज्य भर में नशा तस्करी के तहत दर्ज मुकदमे

जिले का नाम अपराध संख्या
देहरादून 511
उधम सिंह नगर 233
हरिद्वार 138
नैनीताल 170
चंपावत 62
अल्मोड़ा 29
टिहरी 29
पौड़ी 24
पिथौरागढ़ 18
चमोली 10
बागेश्वर 15
उत्तरकाशी 22
जीआरपी 9

पढ़ें- अलविदा 2019: उत्तराखंड के इन सपूतों ने दी शहादत, पहाड़ों में आज भी गूंज रहे वीरता के किस्से

जनवरी 2019 से 30 नवंबर 2019 तक सबसे ज्यादा देहरादून में 513 नशा तस्कर गिरफ्तार हुए हैं. जबकि उधम सिंह नगर 262, नैनीताल 185, हरिद्वार 139 में हुई हैं. पूरे राज्य में साल 30 नवंबर 2019 तक नशा तस्करी करने वाले 1362 अभियुक्त गिरफ्तार कर जेल भेजे गए हैं.

पिछले 11 महीनों में नशा तस्करों से बरामद किए गये मादक पदार्थ

मादक पदार्थ बरामदगी (किलो में)
चरस 191.89
स्मैक 12.732
डोडा अफीम 367.263
गांजा 1159.78
भांग 15
अफीम 17.78
कोकीन 1.55
नशीली गोलियां 174013
नशीले कैप्सूल 26774
नशीले इंजेक्शन 9877
कुल बाजारी मूल्य 10,42,14,944/- रुपये

पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी साल 2019 की खास उपलब्धियां-

  • राष्‍ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्‍यूरो के अनुसार लूट चोरी संपत्ति बरामद का राष्ट्रीय औसत 25.9% है, जबकि उत्तराखंड 52.7% हैं.
  • राष्‍ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्‍यूरो की साल 2017 में रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड राज्य का देश के 28 प्रदेशों में अपराध कार्य होने मामलों में संपत्ति बरामदगी में दूसरा स्थान है.
  • इंडिया जस्टिस रिपोर्ट के मानव संसाधन उपयोग में उत्तराखंड पुलिस देश में दूसरे स्थान पर है.
  • प्रदेश में अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के दृष्टिगत अभियान के तहत कई वर्षों से 27 गैंग शांत चल रहे हैं.
  • राज्य में मौजूद मुख्यत 330 अपराधिक लोगों में से केवल 130 अभियुक्त अपराधिक घटनाओं में सक्रिय चल रहे हैं.
  • अभियान के तहत इस साल 2019 में कुल 45 इनामी और 8390 वांटेड अपराधियों की गिरफ्तारी की गई है.
  • साल 2015 से अब तक संगठित अपराध करने वाले 107 अपराधियों के विरुद्ध गैंगस्टर में कार्रवाई की गई है, इसके अलावा 73 अपराधियों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई प्रचलित है.
  • साल 2019 में अपराध पर अंकुश लगाने के लिए अपराधियों के खिलाफ धरपकड़ के चलते 1742 स्थानों पर सीसीटीवी कवरेज के लिए चिन्हित किए गए थे, जिसके चलते पिछले 2 माह में 1207 अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं.
  • पिछले 11 महीनों में कच्ची शराब की 277 भाटियों को नष्ट करने के साथ ही 4 लाख लीटर शराब का कच्चा माल नष्ट किया गया.
  • अंग्रेजी और देसी शराब की धरपकड़ में 2019 जनवरी से लेकर 30 नवंबर 2019 तक प्रदेशभर में 69 हजार अंग्रेजी शराब की बोतल और 12 हजार देसी शराब सहित 200 लीटर अवैध कच्ची शराब बरामद की गई.
  • शराब नशा तस्करी जैसे अन्य मामलों में अभियान के तहत 436 तस्करों के खिलाफ गुंडा एक्ट की कार्रवाई की गई.

उत्तराखंड पुलिस ने हाईकोर्ट के निर्देश अनुसार जुलाई 2019 से सितंबर माह तक चलाए गए अभियान में 48646 लोगों के खिलाफ कोर्ट से जारी समन व वारंट की तामील कराई, जबकि IPC के अन्य मामलों में 21423, एमवी एक्ट के तहत 40817, पुलिस एक्ट के तहत 4732, आबकारी अधिनियम के तहत 14736, जुआ खेलने वाले 2360, शस्त्र अधिनियम के तहत 1845 लोगों के खिलाफ कोर्ट के समन तामील किए गये. जिसके हिसाब से राज्य में कुल 1 लाख 34 हजार 559 समन तामील कराए गए.

ऑपरेशन स्माइल का आंकड़ा

  • भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए ऑपरेशन मुक्ति चलाया गया. जिसके तहत अब तक 1490 बच्चों को भिक्षावृत्ति से निकालकर उनके परिवार जन या बाल संरक्षण गृह में दाखिल कराया गया है. इसके अलावा 438 बच्चों को अलग-अलग स्कूलों में डे केयर के रूप में दाखिला दिलाया गया. वहीं, 1 दिसंबर 2019 से अब तक 257 गुमशुदा बच्चों को बरामद किया गया है.
  • इस साल 2019 में नवंबर माह तक 1468 मोबाइल चोरी हुए. उनकी बरामदगी कर संबंधित लोगों को सौंपा गया.

साल 2019 चुनौतीपूर्ण रहा

अपराध व कानून व्यवस्था के संबंध में महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि साल 2019 विगत वर्षों की तुलना काफी चुनौतीपूर्ण था, लेकिन उसके बावजूद देश के अन्य राज्यों की तुलना पुलिसिंग बेहतरी स्तर से की गई है. जिसका परिणाम बड़े-बड़े मामलों को वर्कआउट करने के साथ प्रॉपर्टी रिकवरी करने में उत्तराखंड तमिलनाडु के बाद दूसरे पायदान का राज्य है. अशोक कुमार के मुताबिक चारधाम यात्रा वीवीआईपी मूवमेंट, प्रधानमंत्री की महत्वपूर्ण केदारनाथ यात्रा के साथ-साथ राज्य में अपराध व कानून व्यवस्था को लेकर बेहतर साबित हुआ है. प्रयास है कि 2020 में भी उत्तराखंड देश के अग्रिम राज्यों की सूची में होगा.

देहरादून: उत्तराखंड पुलिस के लिए साल 2019 विगत वर्षों की तुलना में अपराध व कानून व्यवस्था के आंकड़ों को देखते हुए काफी चुनौतीपूर्ण रहा. इस साल पुलिस ने ज्यादातर अपराधिक मामलों का निस्तारण और घटना के बाद प्रॉपर्टी रिकवरी में पिछले सालों की तुलना में बेहतर परफॉर्मेंस देते हुए अग्रिम राज्यों की सूची में खुद को बनाए रखा. हालांकि, प्रदेश में महिलाओं के प्रति अपराध, साइबर क्राइम व मादक पदार्थों की तस्करी जैसे मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है. इसके साथ ही पुलिस के कई सराहनीय कार्य भी इस साल चर्चा में रहे.

उत्तराखंड पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण रहा साल 2019.

गौर हो कि प्रदेश में बढ़ते अपराध पुलिस के चुनौती बने हुए हैं. साल दर साल ये आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. वहीं कई मामलों में पुलिस ने तत्पर्ता दिखाते हुए मामले का खुलासा किया लेकिन बढ़ते आंकड़े पुलिस के लिए सिर दर्द बनते जा रहे हैं.

जनवरी 2017-18 के मुकाबले 30 नवंबर 2019 का अधिकारिक अपराध आंकड़ा

अपराध 2017 2018 2019 (नवंबर 30)
बलात्कार 390 505 516
लूट 179 125 122
वाहन लूट 16 24 16
चेन स्नैचिंग 36 36 41
गृह भेदन 410 270 349
वाहन चोरी 1081 922 838
चोरी 1012 1049 838
हत्या 160 189 175
महिला अपराध 236 263 273
अपहरण 122 157 66
दहेज हत्या 60 62 52


2019 में जनवरी से लेकर 30 नवंबर तक साइबर क्राइम व IT एक्ट के तहत दर्ज मुकदमों का आंकड़ा

जनपद का नाम अपराध संख्या
उधम सिंह नगर 102
देहरादून 28
हरिद्वार 25
रुद्रयाग 14
नैनीताल 13
टिहरी 3
उत्तरकाशी 2
चमोली 3
अल्मोड़ा 4
बागेश्वर 7
पिथौरागढ़ 4
चंपावत 2
जीआरपी मुकदमा 1
साइबर थाने 19
कुल 227

साल 2019 जनवरी से 30 नवंबर माह तक राज्य भर में नशा तस्करी के तहत दर्ज मुकदमे

जिले का नाम अपराध संख्या
देहरादून 511
उधम सिंह नगर 233
हरिद्वार 138
नैनीताल 170
चंपावत 62
अल्मोड़ा 29
टिहरी 29
पौड़ी 24
पिथौरागढ़ 18
चमोली 10
बागेश्वर 15
उत्तरकाशी 22
जीआरपी 9

पढ़ें- अलविदा 2019: उत्तराखंड के इन सपूतों ने दी शहादत, पहाड़ों में आज भी गूंज रहे वीरता के किस्से

जनवरी 2019 से 30 नवंबर 2019 तक सबसे ज्यादा देहरादून में 513 नशा तस्कर गिरफ्तार हुए हैं. जबकि उधम सिंह नगर 262, नैनीताल 185, हरिद्वार 139 में हुई हैं. पूरे राज्य में साल 30 नवंबर 2019 तक नशा तस्करी करने वाले 1362 अभियुक्त गिरफ्तार कर जेल भेजे गए हैं.

पिछले 11 महीनों में नशा तस्करों से बरामद किए गये मादक पदार्थ

मादक पदार्थ बरामदगी (किलो में)
चरस 191.89
स्मैक 12.732
डोडा अफीम 367.263
गांजा 1159.78
भांग 15
अफीम 17.78
कोकीन 1.55
नशीली गोलियां 174013
नशीले कैप्सूल 26774
नशीले इंजेक्शन 9877
कुल बाजारी मूल्य 10,42,14,944/- रुपये

पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी साल 2019 की खास उपलब्धियां-

  • राष्‍ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्‍यूरो के अनुसार लूट चोरी संपत्ति बरामद का राष्ट्रीय औसत 25.9% है, जबकि उत्तराखंड 52.7% हैं.
  • राष्‍ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्‍यूरो की साल 2017 में रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड राज्य का देश के 28 प्रदेशों में अपराध कार्य होने मामलों में संपत्ति बरामदगी में दूसरा स्थान है.
  • इंडिया जस्टिस रिपोर्ट के मानव संसाधन उपयोग में उत्तराखंड पुलिस देश में दूसरे स्थान पर है.
  • प्रदेश में अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के दृष्टिगत अभियान के तहत कई वर्षों से 27 गैंग शांत चल रहे हैं.
  • राज्य में मौजूद मुख्यत 330 अपराधिक लोगों में से केवल 130 अभियुक्त अपराधिक घटनाओं में सक्रिय चल रहे हैं.
  • अभियान के तहत इस साल 2019 में कुल 45 इनामी और 8390 वांटेड अपराधियों की गिरफ्तारी की गई है.
  • साल 2015 से अब तक संगठित अपराध करने वाले 107 अपराधियों के विरुद्ध गैंगस्टर में कार्रवाई की गई है, इसके अलावा 73 अपराधियों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई प्रचलित है.
  • साल 2019 में अपराध पर अंकुश लगाने के लिए अपराधियों के खिलाफ धरपकड़ के चलते 1742 स्थानों पर सीसीटीवी कवरेज के लिए चिन्हित किए गए थे, जिसके चलते पिछले 2 माह में 1207 अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं.
  • पिछले 11 महीनों में कच्ची शराब की 277 भाटियों को नष्ट करने के साथ ही 4 लाख लीटर शराब का कच्चा माल नष्ट किया गया.
  • अंग्रेजी और देसी शराब की धरपकड़ में 2019 जनवरी से लेकर 30 नवंबर 2019 तक प्रदेशभर में 69 हजार अंग्रेजी शराब की बोतल और 12 हजार देसी शराब सहित 200 लीटर अवैध कच्ची शराब बरामद की गई.
  • शराब नशा तस्करी जैसे अन्य मामलों में अभियान के तहत 436 तस्करों के खिलाफ गुंडा एक्ट की कार्रवाई की गई.

उत्तराखंड पुलिस ने हाईकोर्ट के निर्देश अनुसार जुलाई 2019 से सितंबर माह तक चलाए गए अभियान में 48646 लोगों के खिलाफ कोर्ट से जारी समन व वारंट की तामील कराई, जबकि IPC के अन्य मामलों में 21423, एमवी एक्ट के तहत 40817, पुलिस एक्ट के तहत 4732, आबकारी अधिनियम के तहत 14736, जुआ खेलने वाले 2360, शस्त्र अधिनियम के तहत 1845 लोगों के खिलाफ कोर्ट के समन तामील किए गये. जिसके हिसाब से राज्य में कुल 1 लाख 34 हजार 559 समन तामील कराए गए.

ऑपरेशन स्माइल का आंकड़ा

  • भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए ऑपरेशन मुक्ति चलाया गया. जिसके तहत अब तक 1490 बच्चों को भिक्षावृत्ति से निकालकर उनके परिवार जन या बाल संरक्षण गृह में दाखिल कराया गया है. इसके अलावा 438 बच्चों को अलग-अलग स्कूलों में डे केयर के रूप में दाखिला दिलाया गया. वहीं, 1 दिसंबर 2019 से अब तक 257 गुमशुदा बच्चों को बरामद किया गया है.
  • इस साल 2019 में नवंबर माह तक 1468 मोबाइल चोरी हुए. उनकी बरामदगी कर संबंधित लोगों को सौंपा गया.

साल 2019 चुनौतीपूर्ण रहा

अपराध व कानून व्यवस्था के संबंध में महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि साल 2019 विगत वर्षों की तुलना काफी चुनौतीपूर्ण था, लेकिन उसके बावजूद देश के अन्य राज्यों की तुलना पुलिसिंग बेहतरी स्तर से की गई है. जिसका परिणाम बड़े-बड़े मामलों को वर्कआउट करने के साथ प्रॉपर्टी रिकवरी करने में उत्तराखंड तमिलनाडु के बाद दूसरे पायदान का राज्य है. अशोक कुमार के मुताबिक चारधाम यात्रा वीवीआईपी मूवमेंट, प्रधानमंत्री की महत्वपूर्ण केदारनाथ यात्रा के साथ-साथ राज्य में अपराध व कानून व्यवस्था को लेकर बेहतर साबित हुआ है. प्रयास है कि 2020 में भी उत्तराखंड देश के अग्रिम राज्यों की सूची में होगा.

Intro:summary-उत्तराखंड पुलिस के लिए 2019 का साल, विगत वर्षों की तुलना कुछ ऐसे रहा चुनौतीपूर्ण.


उत्तराखंड पुलिस के लिए साल 2019 विगत वर्षों के तुलना अपराध व कानून व्यवस्था के आंकड़ों को देखते हुए काफी चुनौतीपूर्ण रहा, हालांकि उसके बावजूद पुलिस इस 2019 में घटित होने वाले ज्यादातर गंभीर अपराधिक मामलों का निस्तारण व घटना के बाद प्रॉपर्टी रिकवरी में पूर्व की वर्षों की तुलना बेहतर परफारमेंस देते हुए एक बार फिर देश अग्रिम राज्यों की सूची में खुद को बनाए रखा। लेकिन प्रदेश में महिलाओं के प्रति अपराध, साइबर क्राइम व मादक पदार्थों की तस्करी जैसे मामले पूर्व की वर्षों की तुलना बढ़ते ही नजर आ रहे हैं। इसके अलावा उत्तराखंड पुलिस द्वारा किए गए कई सराहनीय कार्य भी इस वर्ष चर्चाओं में रहे।


एक नजर जनवरी 2017-18 के मुकाबले 30 नवंबर 2019 का अधिकारिक अपराध आंकड़ा:


अपराध 2017 2018 2019
बलात्कार 390 505 516
लूट 179 125 122
वाहन लूट 16 24 16
चेन स्नैचिंग 36 36 41
गृह भेदन 410 270 349
वाहन चोरी 1081 922 838
चोरी 1012 1049 838
हत्या 160 189 175
महिला अपराध 236 263 273
अपहरण 122 157 66
दहेज हत्या 60 62 52



Body: जनवरी 2019 से लेकर 30 नवंबर 2019 तक साइबर क्राइम व आईटी एक्ट के तहत राज्य भर में दर्ज मुकदमों का आधिकारिक आंकड़ा


उधम सिंह नगर- 102,देहरादून- 28,हरिद्वार 25, रूद्रप्रयाग- 14, नैनीताल -13, टिहरी -3, उत्तरकाशी-2, चमोली -3, अल्मोड़ा- 4, बागेश्वर-7,पिथौरागढ़-4,चंपावत-2, जीआरपी मुकदमा-1 और साइबर थाने में 19 मुकदमे साइबर क्राइम से संबंधित ही दर्ज हुए..कुल 228 मुकदमे दर्ज हुए.
राज्य के सभी जिलों में लगभग साइबर क्राइम पांव पसार चुका है, ऐसे में साल 2019 में सभी जिलों में कुल 228 मामले साइबर क्राइम के दर्ज हुए हैं।

साल 2019 जनवरी से 30 नवंबर माह तक राज्य भर के 13 जिलों में मादक पदार्थ (नशा तस्करी) में हुए दर्ज मुकदमों का आधिकारिक आंकड़ा..

देहरादून -511, उधम सिंह नगर -233, हरिद्वार -138,नैनीताल- 170, चंपावत -62,अल्मोड़ा -29, टिहरी गढ़वाल-29, पौड़ी गढ़वाल- 24, पिथौरागढ़-18,चमोली-10, बागेश्वर-15, जीआरपी द्वारा दर्ज मुकदमे -9...

पिछले 11 महीनों में करोड़ों रुपए के मादक पदार्थ बरामद

मादक पदार्थों में संलिप्त सबसे ज्यादा नशा तस्करों की गिरफ्तारी जनवरी 2019 से 30 नवंबर 2019 तक 513 तस्करों की देहरादून में हुई है। जबकि 262 उधम सिंह नगर,185 नैनीताल, 139 हरिद्वार मैं हुई है। पूरे राज्य में इस वर्ष 30 नवंबर 2019 तक नशा तस्करी करने वाले 1362 अभियुक्त गिरफ्तार कर जेल भेजे गए हैं।
नशा तस्करों द्वारा पिछले 11 महीनों में 191.89 किलो चरस, 12.732 किलो स्मैक, 367.263 किलो डोडा अफीम, 1159.78 किलो गांजा, 15 किलो भांग, 17.78किलो अफीम,1.55 किलो कोकीन, 174013 नशीली गोलियां, 26774 नशीली कैप्सूल,9877 नशीले इंजेक्शन बरामद हुए हैं, जिनका कुल बाजारी मूल्य- 104214944 आंकी गई है।





Conclusion:एक नजर पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी साल 2019 में कुछ खास उपलब्धियां

क्राइम इन इंडिया के अनुसार लूट चोरी संपत्ति बरामद की का राष्ट्रीय औसत 25.9% है जबकि उत्तराखंड 52.7% हैं।

वर्ष 2017 में उत्तराखंड राज्य का देश के 29 प्रदेशों में अपराध कार्य होने मामलों में संपत्ति बरामदगी में दूसरा स्थान है।

इंडिया जस्टिस रिपोर्ट के मानव संसाधन उपयोग में उत्तराखंड पुलिस देश में दूसरे स्थान पर है।

प्रदेश में अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के दृष्टिगत अभियान के तहत कई वर्षों से 27 गैंग शांत चल रहे हैं। राज्य में मौजूद मुख्यतः 330 अपराधिक लोगों में से केवल 130 अभियुक्त अपराधिक घटनाओं में सक्रिय चल रहे हैं।

अभियान के तहत इस साल 2019 में कुल 45 इनामी और 8390 वांटेड अपराधियों के गिरफ्तारी की गई है।

वर्ष 2015 से अब तक संगठित अपराध करने वाले 107 अपराधियों के विरुद्ध गैंगस्टर में कार्रवाई की गई है,इसके अलावा 73 अपराधियों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई प्रचलित है।

वर्ष 2019 में अपराध पर अंकुश लगाने अपराधियों के खिलाफ धरपकड़ के चलते 1742 स्थानों पर सीसीटीवी कवरेज के लिए चिन्हित किए गए थे, जिसके चलते पिछले 2 माह में 1207 सीसीटीवी कैमरे अतिरिक्त रूप से लगाए गए हैं।

पिछले 11 महीनों में कच्ची शराब की 277 भाटियों को नष्ट करने के साथ ही 4 लाख लीटर शराब का कच्चा माल नष्ट किया गया।

अंग्रेजी और देसी शराब की धरपकड़ में 2019 जनवरी से लेकर 30 नवंबर 2019 तक प्रदेश भर में 69 हजार अंग्रेजी शराब की बोतल और 12 हजार देसी शराब सहित 200 लीटर अवैध कच्ची शराब बरामद की गई।
शराब नशा तस्करी जैसे अन्य मामलों में अभियान के तहत 436 तस्करों के खिलाफ गुंडा एक्ट की कार्रवाई की गई।

हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक राज्य भर में 1लाख 35 हज़ार कोर्ट के समन आरोपियों के खिलाफ तामील कराए।


उत्तराखंड पुलिस ने हाईकोर्ट के निर्देश अनुसार जुलाई 2019 से सितंबर माह तक चलाए गए अभियान में 48646 लोगों के खिलाफ कोर्ट से जारी सम्मन व वारंट की तामील कराए। जबकि IPC के अन्य मामलों में 21423, एमवी एक्ट के तहत 40817, पुलिस एक्ट के तहत 4732, आबकारी अधिनियम के तहत 14736, जुआ खेलने वाले 2360, शस्त्र अधिनियम के तहत 1845 लोगों के खिलाफ कोर्ट का सम्मन तामील (अमल)करने के साथ ही पूरे राज्य भर में 1लाख 35 हज़ार कोर्ट के समन संबंधित लोगों के खिलाफ तामील कराए।

ऑपरेशन स्माइल का आंकड़ा

भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए ऑपरेशन मुक्ति चलाया गया जिसके तहत अब तक 1490 बच्चों को भिक्षावृत्ति से निकालकर उनके परिवार जन या बाल संरक्षण गृह में दाखिल कराया गया है। इसके अलावा 438 बच्चों को अलग-अलग स्कूलों में डे केयर के रूप में दाखिला दिलाया गया।
1 दिसंबर 2019 से अब तक 257 गुमशुदा बच्चों को बरामद किया गया है ।

स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा इस वर्ष 2019 में नवंबर माह तक 1468 मोबाइल जो चोरिया खोए हुए थे उनकी बरामदगी कर संबंधित लोगों को सौंपा गया.

इस वर्ष 2019 में चारधाम और हेमकुंड यात्रा में अब तक की सबसे रिकॉर्ड तोड़ 34 लाख 79 हजार श्रद्धालुओं का आगमन हुआ।


वर्ष 2019 चुनौतीपूर्ण था लेकिन पुलिस ने बेहतर परफॉर्मेंस दिया, उम्मीद है 2020 में भी उत्तराखंड पुलिस बेहतर होगी:DG, LO

वहीं साल 2019 उत्तराखंड में अपराध व कानून व्यवस्था के संबंध में महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि साल विगत वर्षों की तुलना काफी चुनौतीपूर्ण था, लेकिन उसके बावजूद देश के अन्य राज्यों की तुलना पुलिसिंग बेहतरी स्तर से की गई है जिसका परिणाम बड़े-बड़े मामलों को वर्कआउट करने के साथ प्रॉपर्टी रिकवरी करने में उत्तराखंड तमिलनाडु के बाद दूसरे पायदान का राज्य है। अशोक कुमार के मुताबिक चार धाम यात्रा वीवीआईपी मूवमेंट,प्रधानमंत्री की महत्वपूर्ण केदारनाथ यात्रा यात्रा के साथ-साथ राज्य में अपराध व कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में जिस तरह से 2019 में कार्य हुआ है,उसी प्रयास है कि 2020 में भी उत्तराखंड देश के अग्रिम राज्यों की सूची में होगा।

बाईट -अशोक कुमार , महानिदेशक अपराध व कानून व्यवस्था
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