देहरादून: उत्तराखंड सहकारी विभाग पूरी तरह से ऑनलाइन होने जा रहा है. भारत सरकार के सहकारिता विभाग की ओर से इस दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं. केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह भी सहकारी बैंकों को सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का जिम्मा सौंपने से जुड़ी बात कह चुके हैं. उत्तराखंड सरकार ने 100 दिन के कार्यकाल के दौरान 100 समितियों को ऑनलाइन करने का लक्ष्य तय किया है.
केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने भी सहकारी बैंकों को जल्द ही सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन का जिम्मा सौंपा की घोषणा की. केंद्रीय सहकारिता मंत्री के इस फैसले को उत्तराखंड के सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने ऐतिहासिक बताया है. उन्होंने कहा केंद्रीय मंत्री अमित शाह का यह फैसला बहुत ही सकारात्मक और सरकारी बैंकों के लिए लाभकारी परिणामों वाला होगा.
डॉ धन सिंह रावत ने कहा इस फैसले के बाद आम आदमी से हमारा सीधा संपर्क बढ़ेगा. वर्तमान में कई जिलों के सहकारिता बैंक के माध्यम से किसान सम्मान निधि और गैस सब्सिडी DBT के माध्यम से लाभार्थी को पहुंचाई भी जाती है. मंत्रालयों की ओर से संचालित सभी योजनाओं का लाभ सहकारिता बैंक के माध्यम से DBT के जरिए पहुंचाए जाने से निश्चित ही सहकारिता बैंकों को भी इससे लाभ पहुंचेगा.
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में मॉनसून की दस्तक, सीएम ने की आपदा प्रबंधन की समीक्षा, 3 महीने तक छुट्टियां कैंसिल
डॉ धन सिंह रावत ने कहा सहकारिता की रीढ़ कही जाने वाली बहुउद्देशीय प्रारंभिक कृषि ऋण सरकारी समितियां (एमपैक्स) भी अब समय के साथ कदमताल करती नजर आएगी. कामकाज में पारदर्शिता और आमजन को बेहतर सुविधा देने के उद्देश्य से इन समितियों को ऑनलाइन करने की मुहिम तेजी से आगे बढ़ रही है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार के 100 दिन का कार्यकाल पूर्ण होने पर सहकारिता विभाग 100 समितियों को ऑनलाइन करने का लक्ष्य हासिल कर चुका है. जल्द ही इसका उद्घाटन भी किया जाएगा. साथ ही राज्य की शेष 547 समितियों को भी ऑनलाइन करने की दिशा में प्रयास तेजी से चल रहे हैं.
बता दें कि बहुउद्देशीय प्रारंभिक कृषि ऋण सहकारी समितियां किसानों को खाद बीज उपलब्ध कराने के साथ ही मिनी बैंक के रूप में भी कार्य करती हैं, इन माध्यम से किसानों को ऋण की उपलब्धता समेत विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से लाभांवित किया जाता है. सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने पूर्व में राज्य की सभी 647 समितियों को कंप्यूटरीकृत करने के निर्देश दिए थे यह कार्य पूर्ण होने के साथ ही अब समितियों को ऑनलाइन किया जा रहा है.