देहरादून: इन दिनों उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव पार्टी की खोई हुई जमीन को वापस पाने की कोशिश में लगे हुए हैं. ताकि आने वाले 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्हें इसका फायदा भी मिल सके. यही कारण है कि बीजेपी सरकार ने भले ही अपने चार साल का कार्यकाल पूरा होने पर कोई कार्यक्रम न रखा हो, लेकिन कांग्रेस पीछे हटने वाली नहीं है. कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी यादव बीजेपी सरकार के चार साल के कार्यकाल पर जमकर निशाना साध रहे हैं. शनिवार को उन्होंने देहरादून में बीजेपी सरकार के चार साल के कार्यकाल को विफल बताया है.
उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने शनिवार को पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ चर्चा की. प्रदेश प्रभारी यादव ने अपनी चर्चा की शुरुआत भाजपा सरकार की 4 साल की विफलताएं गिनाकर की. उन्होंने कहा कि जिस तरीके हालात आज प्रदेश में है, उसे देखकर लगता है कि भ्रष्टाचार और नाकामियों के कारण तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र रावत को 4 साल पूरा करने से 9 दिन पहले ही इस्तीफा देना पड़ा. यह कदम भाजपा सरकार की नाकामियों और विफलताओं को दर्शाता है.
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उन्होंने कहा कि भाजपा नेतृत्व ने त्रिवेंद्र रावत को भ्रष्टाचार के चलते इस्तीफा देने पर मजबूर किया. इन 4 सालों में प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर रहा और हाईकोर्ट को भी तत्कालीन सीएम के खिलाफ सीबीआई जांच के निर्देश देने पड़े. देवेंद्र यादव का कहना है कि जिस प्रदेश के मुख्यमंत्री के खिलाफ हाईकोर्ट को इंक्वायरी का आदेश देना पड़ा, यह इस बात को दर्शाता है कि जिस उम्मीद के साथ भाजपा को लोगों ने चुना, उन उम्मीदों पर भाजपा खरा नहीं उतरी.
उन्होंने चर्चा के दौरान बेरोजगारी को लेकर भी भाजपा पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में बेरोजगारी दर सबसे ऊपर 26% है. उन्होंने पर्यटन, कोरोना, महंगाई, महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे उत्पीड़न के मामले और चारधाम देवस्थानम बोर्ड के गठन को लेकर भी भाजपा को आड़े हाथों लिया.
देवेंद्र यादव का कहना है कि सत्ता में आने से पूर्व भाजपा ने किसानों से कर्ज माफी का वादा किया था, लेकिन भाजपा शासनकाल में किसान आत्महत्या कर रहे हैं. उन्होंने लोकायुक्त की नियुक्ति के मुद्दे पर भी भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा अपने नेताओं के भ्रष्टाचार को दबा रही है. जिस कारण प्रदेश लगातार पिछड़ रहा है.