देहरादूनः उत्तराखंड कांग्रेस ने दो पत्रों को हवाला से दो अफसरों को घेरा है. कांग्रेस का आरोप है कि उत्तराखंड में जो अधिकारी सरकार के अधीन और जनता के लिए काम करते हैं, वो अधिकारी सरकारी कार्यक्रमों में बीजेपी को तवज्जो दे रहे हैं. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने इसे ब्यूरोक्रेटिक आपदा करार दिया है. साथ ही इसे प्रदेश के लिए विडंबना बताया है.
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी दो पत्रों का हवाला देते हुए कहा कि कोरोना और प्राकृतिक आपदा के बाद उत्तराखंड में एक और बड़ी आपदा आई है. जिसे ब्यूरोक्रेटिक आपदा कहा जा सकता है. उन्होंने कहा कि यह प्रदेश के लिए विडंबना की बात है कि शासन प्रशासन में बैठे हुए अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने अधिकार व कर्तव्यों से कोई लेना देना नहीं है.
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उत्तराखंड की ब्यूरोक्रेसी ने प्रदेश को अजायबघर बना रखा है pic.twitter.com/lmbZfaO43t
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दरअसल, मीडिया से वार्ता करते हुए गरिमा दसौनी ने दो वरिष्ठ अधिकारियों पर अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा के जिला पंचायत अधिकारी की ओर से एक पत्र जारी किया गया है. जिसमें जिला पंचायत राज अधिकारी सभी सहायक विकास अधिकारी समेत समस्त ग्राम पंचायत अधिकारियों को अपने पत्र में यह जिक्र कर रहे हैं कि वो 'मेरी माटी मेरा देश' की सूचना अल्मोड़ा जिले के बीजेपी जिलाध्यक्ष को उपलब्ध कराएं.
गरिमा का कहना है कि 15 अगस्त का यह एक सरकारी कार्यक्रम था, लेकिन इसमें बीजेपी जिलाध्यक्ष को रिपोर्ट उपलब्ध कराने की बात कही जा रही है. यह काम महेंद्र भट्ट को करना चाहिए था, लेकिन अधिकारी यह काम कर रहे हैं. अगर अधिकारियों को रिपोर्ट सौंपनी है तो वो अपने उच्चाधिकारियों को सौंपेंगे, लेकिन यहां बीजेपी जिलाध्यक्ष को रिपोर्ट सौंपने की बात कही जा रही है. ऐसे में संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाए.
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वहीं, गरिमा दसौनी ने एक और मामला उठाते हुए कहा कि दूसरा गंभीर पत्र ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की की ओर से जारी किया गया है. जिसमें वो कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र का भ्रमण कार्यक्रम जारी कर रहे हैं, लेकिन कार्यक्रम की सूचना प्रतिलिपि बीजेपी के मंडल अध्यक्षों, जिला अध्यक्षों, ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष, अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष को भी भेजी गई.
दसौनी ने इस मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि मंत्री और अधिकारी की जवाबदेही एक दल विशेष के प्रति नहीं, बल्कि जनता के प्रति होती है. उनका कहना है कि दोनों ही अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग किया है. फिलहाल, कांग्रेस ने दोनों मामले में मुख्य सचिव से तत्काल प्रभाव से दोनों अधिकारियों पर कार्रवाई किए जाने की मांग उठाई है. ताकि, भविष्य में कोई अधिकारी या कर्मचारी इस तरह की पुनरावृत्ति न कर सके.