देहरादून: पुरोला विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक राजकुमार ने आखिरकार बीजेपी का दामन थाम लिया है. दिल्ली में बीजेपी पार्टी कार्यालय में उन्होंने सदस्यता ली है. वहीं, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश पार्टी अध्यक्ष मदन कौशिक की उपस्थिति में विधायक राजकुमार पार्टी में शामिल हुए हैं.
गौर हो कि कांग्रेस विधायक रामकुमार जल्द बीजेपी में शामिल होने की चर्चा काफी दिनों से चल रही थी. कई दिनों से राजकुमार दिल्ली में डेरा डाले हुए थे. बताया जा रहा है कि वह लंबे समय से कांग्रेस पार्टी में अपनी उपेक्षा से नाराज चल रहे थे. हालांकि, कांग्रेस ने अपने विधायक के बीजेपी में शामिल होने की अटकलों को लगातार अफवाह करार करती रही. लेकिन आज विधायक राजकुमार ने बीजेपी दिल्ली हेडक्वार्टर में सदस्यता ग्रहण कर सारी अटकलों पर विराम लगा दिया है.
विधायक रामकुमार ने कहा कि पीएम मोदी व उत्तराखंड की बीजेपी सरकार के कामकाज से प्रभावित होकर बीजेपी में आया हूं. बिना किसी शर्त के आया हूं. पार्टी जो भी काम देगी उसे पूरी मेहनत व इमानदारी से करुंगा. पार्टी की हर उम्मीदों पर खड़ा उतरने की कोशिश करुंगा. उन्होंने कहा कि सूबे में फिर से बीजेपी की सरकार बनेगी. जनता बीजेपी के साथ है. पार्टी को और मजबूत करने के लिये हरसंभव योगदान दूंगा.
रामकुमार ने कहा कि पीएम मोदी के कारण दुनिया में भारत की अलग पहचान बनी है. कोई भी भारत को आंख नहीं दिखा सकता है. उत्तराखंड में अगर कोई चारधाम की यात्रा पर आता है तो आसानी से तीर्थ स्थलों तक पहुंच जाता है. बेहतरीन व्यवस्था की गयी है. कोरोना संकट में सरकार गरीबों को मुफ्त राशन दे रही है. यह अपने आप में ऐतिहासिक है. कोरोना के दौरान स्वास्थ्य व्यवस्था अच्छी थी, केंद्र से भी राज्य को हरसंभव मिला. राज्य का हर क्षेत्र में विकास हो रहा है.
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ऐसे में विधानसभा चुनाव से पहले यह कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है. हालांकि, राजकुमार पहले भाजपा से विधायक भी रह चुके हैं और साल 2017 के विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी न बनाए जाने पर कांग्रेस में शामिल हुए थे. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राजकुमार को सदस्यता दिलाई. इस दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक भी मौजूद रहे.
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बता दें कि 2007 में राजकुमार सहसपुर से भाजपा के टिकट से लड़ कर जीत हासिल की थी. उसके बाद 2012 में भाजपा से टिकट न मिलने के कारण राजकुमार पुरोला से निर्दलीय लड़े थे और दूसरे नम्बर पर रहे. उसके बाद फिर 2017 में भाजपा से टिकट न मिलने पर कांग्रेस के टिकट से लड़े थे और जीत हासिल की थी.