देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के मंत्रीमंडल विस्तार की सुगबुहाट फिर तेज हो गई है. त्रिवेंद्र सरकार को बने हुए साढ़े तीन साल का लंबा वक्त हो चुका है. लेकिन अभीतक मंत्रीमंडल के तीन पद खाली पड़े हुए हैं. जिनको भरने को लेकर समय-समय पर अफवाहें भी उड़ती रही हैं. हालांकि, इस बार मंत्रीमंडल विस्तार की चर्चाओं ने जोर पकड़ा है.
उत्तराखंड विधानसभा में 70 विधायक हैं. इस लिहाज से यहां अधिकतम 12 सदस्यीय मंत्रीमंडल ही बन सकता है. मार्च 2017 में जब त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, तब उन्होंने नौ विधायकों को कैबिनेट में शामिल किया था. तब दो पद शेष रह गए थे. तब से ही कई विधायक इन पदों को भरने की बाट जो रहे हैं. हालांकि, बाद में वित्त मंत्री प्रकाश पंत का निधन हो गया था. जिसके बाद से मंत्रीमंडल के तीन पद खाली चल रहे हैं. कैबिनेट में तीन पद कम होने से मुख्यमंत्री 30 से अधिक विभागों को संभाल रहे हैं. इसके साथ ही दिवंगत प्रकाश पंत के विभागों की जिम्मेदारी भी प्रदेश के मुखिया के पास ही है.
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वहीं, मंत्रीमंडल विस्तार पर कांग्रेस भी चुटकी लेने से पीछे नहीं हट रही है. कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह कह चुके हैं कि योग्य विधायक मिलेंगे तो मंत्रिमंडल के पद भरे जाएंगे. शायद अब जिस तरह से मंत्रीमंडल विस्तार की चर्चा तेज हुई है उसे देखकर लगाता है कि मुख्यमंत्री को कैबिनेट के लिए योग्य विधायक मिल गए हैं. तभी नवरात्रों में मंत्रीमंडल विस्तार की चर्चा की जा रही है.
मंत्रीमंडल विस्तार पर बीजेपी नेता वीरेंद्र बिष्ट का कहना है कि मंत्रिमंडल के विस्तार की सूचना सभी को मिलेगी. मंत्रिमंडल का विस्तार मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को करना है. केंद्रीय नेतृत्व से सलाह मशविरा करने के बाद ही मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा. बीजेपी विधायकों को इस बात का आभास है कि तीन को ही मंत्रिमंडल में जगह मिलनी है, लिहाजा विधायकों की नाराजगी का कोई सवाल ही खड़ा नहीं होता, जो भी वरिष्ठ होगा उसे मंत्रीमंडल में जगह मिलेगी.