देहरादून: उत्तराखंड में उच्च शिक्षा के तहत कई नई पहल की जा रही है. इसी के तहत राजकीय महाविद्यालयों में शोध को प्रोत्साहन देने का प्रयास किया जा रहा है. यही नहीं उद्यमिता एवं कौशल विकास का प्रशिक्षण देने का भी काम महाविद्यालयों में किया जाएगा, साथ ही मेधावी छात्रों को भी छात्रवृत्ति दी जाएगी. इसको लेकर बजट में प्रावधान किया गया है.
उत्तराखंड में इस बार बजट सत्र के दौरान उच्च शिक्षा के तहत कुछ नई योजनाओं के लिए बजट का प्रावधान किया गया है. इसमें वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में महाविद्यालय के भीतर शोध कार्यो के लिए अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ की स्थापना करने का निर्णय लिया गया है. इसके जरिए राजकीय महाविद्यालयों में शोध कार्यों में तेजी आ सकेगी और छात्र क्षेत्र में और बेहतर काम कर सकेंगे.
उधर दूसरी तरफ रोजगार परक शिक्षा के रूप में छात्रों को उद्यमिता एवं कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाएगा. खास बात यह है कि इसके साथ उच्च शिक्षा में ऐसे छात्रों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा, जो बेहतर स्थान प्राप्त करते हैं. यानी मेधावी छात्रों के लिए छात्रवृत्ति देने की व्यवस्था भी सरकार की तरफ से की गई है और इसके लिए इस बार बजट में प्रावधान भी कर दिया गया है.
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शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा राज्य में नई शिक्षा नीति को आगे बढ़ाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इसी को देखते हुए सरकार ने कुछ फैसले लिए हैं, ताकि राज्य में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी और अधिक प्रयास कर छात्रों को बेहतर शिक्षा दी जा सके. राज्य में उच्च शिक्षा में ऐसी नई योजना के लिए कुल 817 करोड़ की धनराशि का प्रावधान भी कर दिया गया है. जिससे शोध कार्यों से लेकर व्यवसाय प्रशिक्षण तक का काम किया जा सकेगा.
इसमें राजकीय महाविद्यालयों में शोध कार्य के लिए प्रकोष्ठ की स्थापना करने के लिए 2 करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया गया है. स्नातक एवं परास्नातक स्तर पर अध्ययनरत छात्र-छात्राओं में हर संकाय के तीन श्रेष्ठ छात्र-छात्राओं को न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करने पर छात्रवृत्ति देने का भी निर्णय लिया गया है. इसके तहत राज्य सरकार की तरफ से 10 करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया गया है. छात्रों को राज्य में उद्यमिता और कौशल विकास के साथ स्टार्टअप के लिए प्रोत्साहित करने और नए आइडिया देने के लिए भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान अहमदाबाद के साथ भी टाइअप किया जा रहा है.