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सीएम ने किया ई-मीटिंग सॉफ्टवेयर का शुभारंभ, सरकारी कामों में पारदर्शिता के साथ आएगी तेजी - उत्तराखंड न्यूज

उत्तराखंड सरकार के इस कदम से न सिर्फ सरकारी कामकाज में तेजी आएगी, बल्कि पारदर्शिता भी बढ़ेगी. इसी के साथ राज्य सरकार की ये कोशिश है कि उत्तराखंड को आईटी हब के रूप में विकसित किया जाए.

सीएम ने किया ई-मीटिंग सॉफ्टवेयर का शुभारंभ
सीएम ने किया ई-मीटिंग सॉफ्टवेयर का शुभारंभ
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Published : Aug 24, 2020, 5:08 PM IST

देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिवालय में सोमवार को ई-मीटिंग सॉफ्टवेयर का शुभारंभ किया. ई-मीटिंग सॉफ्टवेयर एक स्मार्ट मीटिंग मैनेजमेंट सिस्टम है. ई-मीटिंग सॉफ्टवेयर के जरिए मुख्यमंत्री कार्यालय और सचिवालय में होने वाली बैठकों को और बेहतर तरीके से क्रियान्वित किया जा सकेगा. ई-मीटिंग सॉफ्टवेयर के जरिए बैठक में शामिल होने वाले अधिकारी बैठक का एजेंडा, बैठक के प्रस्तावित बिंदु जिन पर चर्चा होगी. उन्हें दो दिन पहले ही अनुमोदन के मुख्यमंत्री के पास भेजेगे. मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद ही बैठक होगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया संकल्प को लेकर उत्तराखंड सरकार ने एक कदम और आगे बढ़ा कर प्रदेश में ई-मीटिंग सॉफ्टवेयर को शुरू किया है. इसके अलावा प्रदेश के सभी कार्यालयों को पेपर लेस बनाने का भी प्रयास किया जा रहा हैं. इस दौरान सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि पीएम मोदी के डिजिटल इंडिया की सोच को आगे बढ़ाने के लिए उत्तराखंड सरकार इस दिशा में तेजी से काम कर रही है. ई-मीटिंग प्रणाली से ऊर्जावान युवा सोच को बढ़ावा मिलेगा. राज्य में ई-मंत्रीमण्डल, ई-ऑफिस के बाद ई-मीटिंग की शुरूआत हुई है.

पढ़ें- BJP कोर ग्रुप की बैठक के बाद टूटी नेताओं की उम्मीद, कैबिनेट विस्तार पर नहीं हुई चर्चा

सीएम त्रिवेंद्र कहा कि ई-मीटिंग प्रणाली से अधिकारियों के कार्य करने की गति में और तेजी आएगी. राज्य सरकार का प्रयास है कि योजनाओं का लाभ समाज में अंतिम पंक्ति पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचे. इसके लिए आधुनिक तकनीक अपनाने की जरूरत है. ई-मीटिंग प्रणाली से शासन और अन्य विभागों के कार्यों में भी तेजी आएगी और पारदर्शिता बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि सचिवालय को सरकारी सिस्टम का हृदय माना जाता है. सचिवालय में फाइलों की ट्रैकिंग से विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ लोगों को जल्द मिलेगा. सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि आज हम वर्चुअल इंडिया की तरफ बढ़ रहे हैं. आज वर्चुअल ने एक्चुअल को साधने का दृढ़ निश्चय कर लिया है. राज्य सरकार का मुख्य विजन राज्य को आईटी हब बनाने का है.

पढ़ें- अब निजी अस्पताल भी कर सकेंगे कोरोना मरीजों का इलाज, सरकार ने दी अनुमति

इस दौरान मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि यह ई-गवर्नेंस की दिशा में अच्छा प्रयास है. ई-मीटिंग प्रणाली से पूर्व में ली गई बैठकों के निर्णय भी सहजता से उपलब्ध होंगे और पेपरलेस कार्य भी होंगे. मंत्रीगणों और मुख्य सचिव की बैठकों के लिए भी ई-मीटिंग प्रणाली अपनाई जाएगी. इसके लिए निजी सचिवों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाय कि दिसंबर तक सभी सन्दर्भ ई-ऑफिस पर आ जाए. ई-मीटिंग का सॉफ्टवेयर एनआईसी ने आईटी विभाग और मुख्यमंत्री कार्यालय के सहयोग से बनाया है. अब मुख्यमंत्री कार्यालय की बैठक मीटिंग मैनेजमेंट सिस्टम सॉफ्टवेयर के माध्यम से होंगी. ई-मीटिंग सॉफ्टवेयर का एक पोर्टल बनाया गया है, जिसकी वेबसाइट emeeting-uk-gov-in है. ई-मीटिंग तकनीक के माध्यम से बैठक का एजेंडा और कार्यवृत्त ऑनलाइन स्टोर किए जाएंगे. मीटिंग में प्रतिभाग करने वाले अधिकारियों की उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज की जाएगी. मीटिंग के दौरान दिये गये लक्ष्यों की समय सीमा पूर्ण होने पर ऑटोमैटिक अलर्ट ईमेल और एसएमएस द्वारा अधिकारियों को मिलेंगे.

देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिवालय में सोमवार को ई-मीटिंग सॉफ्टवेयर का शुभारंभ किया. ई-मीटिंग सॉफ्टवेयर एक स्मार्ट मीटिंग मैनेजमेंट सिस्टम है. ई-मीटिंग सॉफ्टवेयर के जरिए मुख्यमंत्री कार्यालय और सचिवालय में होने वाली बैठकों को और बेहतर तरीके से क्रियान्वित किया जा सकेगा. ई-मीटिंग सॉफ्टवेयर के जरिए बैठक में शामिल होने वाले अधिकारी बैठक का एजेंडा, बैठक के प्रस्तावित बिंदु जिन पर चर्चा होगी. उन्हें दो दिन पहले ही अनुमोदन के मुख्यमंत्री के पास भेजेगे. मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद ही बैठक होगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया संकल्प को लेकर उत्तराखंड सरकार ने एक कदम और आगे बढ़ा कर प्रदेश में ई-मीटिंग सॉफ्टवेयर को शुरू किया है. इसके अलावा प्रदेश के सभी कार्यालयों को पेपर लेस बनाने का भी प्रयास किया जा रहा हैं. इस दौरान सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि पीएम मोदी के डिजिटल इंडिया की सोच को आगे बढ़ाने के लिए उत्तराखंड सरकार इस दिशा में तेजी से काम कर रही है. ई-मीटिंग प्रणाली से ऊर्जावान युवा सोच को बढ़ावा मिलेगा. राज्य में ई-मंत्रीमण्डल, ई-ऑफिस के बाद ई-मीटिंग की शुरूआत हुई है.

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सीएम त्रिवेंद्र कहा कि ई-मीटिंग प्रणाली से अधिकारियों के कार्य करने की गति में और तेजी आएगी. राज्य सरकार का प्रयास है कि योजनाओं का लाभ समाज में अंतिम पंक्ति पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचे. इसके लिए आधुनिक तकनीक अपनाने की जरूरत है. ई-मीटिंग प्रणाली से शासन और अन्य विभागों के कार्यों में भी तेजी आएगी और पारदर्शिता बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि सचिवालय को सरकारी सिस्टम का हृदय माना जाता है. सचिवालय में फाइलों की ट्रैकिंग से विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ लोगों को जल्द मिलेगा. सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि आज हम वर्चुअल इंडिया की तरफ बढ़ रहे हैं. आज वर्चुअल ने एक्चुअल को साधने का दृढ़ निश्चय कर लिया है. राज्य सरकार का मुख्य विजन राज्य को आईटी हब बनाने का है.

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इस दौरान मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि यह ई-गवर्नेंस की दिशा में अच्छा प्रयास है. ई-मीटिंग प्रणाली से पूर्व में ली गई बैठकों के निर्णय भी सहजता से उपलब्ध होंगे और पेपरलेस कार्य भी होंगे. मंत्रीगणों और मुख्य सचिव की बैठकों के लिए भी ई-मीटिंग प्रणाली अपनाई जाएगी. इसके लिए निजी सचिवों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाय कि दिसंबर तक सभी सन्दर्भ ई-ऑफिस पर आ जाए. ई-मीटिंग का सॉफ्टवेयर एनआईसी ने आईटी विभाग और मुख्यमंत्री कार्यालय के सहयोग से बनाया है. अब मुख्यमंत्री कार्यालय की बैठक मीटिंग मैनेजमेंट सिस्टम सॉफ्टवेयर के माध्यम से होंगी. ई-मीटिंग सॉफ्टवेयर का एक पोर्टल बनाया गया है, जिसकी वेबसाइट emeeting-uk-gov-in है. ई-मीटिंग तकनीक के माध्यम से बैठक का एजेंडा और कार्यवृत्त ऑनलाइन स्टोर किए जाएंगे. मीटिंग में प्रतिभाग करने वाले अधिकारियों की उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज की जाएगी. मीटिंग के दौरान दिये गये लक्ष्यों की समय सीमा पूर्ण होने पर ऑटोमैटिक अलर्ट ईमेल और एसएमएस द्वारा अधिकारियों को मिलेंगे.

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