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Uttarakhand BJP: उत्तराखंड में जल्द सुलझ सकती है दायित्वों की मिस्ट्री, कांग्रेस ने कही ये बात

उत्तराखंड में दायित्व की आस लगाए बैठे बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं की जल्द मुराद पूरी होने वाली है. दायित्व बंटवारे को लेकर कसरत तेज हो गई. दायित्व का बंटवारा होली से पहले भी हो सकता है. उधर, दायित्व बंटवारे को लेकर कांग्रेस का कहना है कि किसी को खुश करने के लिए रेवड़ियों की तरह दायित्व न बांटा जाए. सरकार को फिजूलखर्ची पर भी ध्यान देना होगा.

BJP Workers waiting to Responsibility
उत्तराखंड में जल्द सुलझ सकती है दायित्वों को मिस्ट्री
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Published : Feb 24, 2023, 10:43 PM IST

Updated : Feb 24, 2023, 10:55 PM IST

उत्तराखंड में जल्द सुलझ सकती है दायित्वों की मिस्ट्री

देहरादूनः धामी 2.0 सरकार के सत्ता पर काबिज हुए करीब एक साल का वक्त पूरा होने जा रहा है, लेकिन अभी तक नेता दायित्व की आस लगाए बैठे हैं. उम्मीद की जा रही है कि होली से पहले बीजेपी के तमाम वरिष्ठ और कर्मठ नेताओं को दायित्व से नवाजा जा सकता है. इन दिनों बीजेपी के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम उत्तराखंड दौरे पर हैं. लिहाजा, दायित्वों को लेकर संगठन स्तर पर मंथन चल रही है.

उत्तराखंड की बीजेपी सरकार इस बार उम्मीद के मुताबिक पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को दायित्वों की सौगात दे सकती है. क्योंकि पार्टी स्तर पर इसका होमवर्क पूरा हो चुका है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा हर बार नेताओं को दायित्वों से नवाजा जाता है, लेकिन इस बार संगठन के विस्तार होने के चलते देरी हुई है. लिहाजा अब संगठन का विस्तार हो गया है. साथ ही संगठन स्तर पर दायित्व की सूची तैयार कर ली गई है कि किस नेता का सरकार में किस तरह से उपयोग करना है.

वहीं, बीजेपी प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम ने कहा यह लोकतंत्र है. इसमें कोई किसी को नहीं देता है, बल्कि मिल बैठकर लिस्ट बनाई जाती है. लिहाजा, मिल बैठकर लिस्ट बनेगी और जो कार्यकर्ता सालों से संगठन में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, उन्हें दायित्व से नवाजा जाएगा. साथ ही कहा कि चुनाव के दौरान जिन भी नेताओं ने पार्टी लाइन से इतर काम किया है, उन नेताओं को इस सूची से बाहर ही रखा जाएगा. हालांकि, उम्मीद है कि होली से पहले दायित्व का बंटवारा कर दिया जाएगा. अगर नहीं होता है तो भी जल्द ही दायित्वों का बंटवारा होगा.
ये भी पढ़ेंः दायित्व बंटवारे को लेकर यशपाल आर्य ने सरकार को घेरा, कहा- जनता पर पड़ेगा अतिरिक्त बोझ

दूसरी तरफ दायित्वों को लेकर बीजेपी में उत्साह दिख रहा है तो कांग्रेस अब भी सवाल खड़े कर रही है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा राज्य पहले ही वित्तीय संकट से जूझ रहा है. ऐसे में अगर बीजेपी सरकार अपने नेताओं को दायित्व देना चाहती है तो जहां बहुत जरूरी है, उन जगहों पर ही नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी जाए. न ही किसी को खुश करने या फिर किसी गुट विशेष को संतुष्ट करने के लिए रेवड़ियों की तरह दायित्व बांट दिया जाए.

उत्तराखंड में दायित्व हमेशा ही चर्चा का विषय रहा है. क्योंकि कभी इन दायित्वों के चलते राज्य की पहली निर्वाचित सरकार भी विवादों में रही. उसके बाद से ही इन दायित्वों को लेकर सरकार और संगठन में कई मतभेद देखने को मिले है. इस बार भी धामी सरकार में दायित्वों को लेकर बीजेपी के भीतर काफी घमासान मचा हुआ है. ऐसे में देखना ये होगा की दायित्वों का ये ताज धामी सरकार में किसके सिर सजता है और किसे मायूसी मिलती है.

उत्तराखंड में जल्द सुलझ सकती है दायित्वों की मिस्ट्री

देहरादूनः धामी 2.0 सरकार के सत्ता पर काबिज हुए करीब एक साल का वक्त पूरा होने जा रहा है, लेकिन अभी तक नेता दायित्व की आस लगाए बैठे हैं. उम्मीद की जा रही है कि होली से पहले बीजेपी के तमाम वरिष्ठ और कर्मठ नेताओं को दायित्व से नवाजा जा सकता है. इन दिनों बीजेपी के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम उत्तराखंड दौरे पर हैं. लिहाजा, दायित्वों को लेकर संगठन स्तर पर मंथन चल रही है.

उत्तराखंड की बीजेपी सरकार इस बार उम्मीद के मुताबिक पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को दायित्वों की सौगात दे सकती है. क्योंकि पार्टी स्तर पर इसका होमवर्क पूरा हो चुका है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा हर बार नेताओं को दायित्वों से नवाजा जाता है, लेकिन इस बार संगठन के विस्तार होने के चलते देरी हुई है. लिहाजा अब संगठन का विस्तार हो गया है. साथ ही संगठन स्तर पर दायित्व की सूची तैयार कर ली गई है कि किस नेता का सरकार में किस तरह से उपयोग करना है.

वहीं, बीजेपी प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम ने कहा यह लोकतंत्र है. इसमें कोई किसी को नहीं देता है, बल्कि मिल बैठकर लिस्ट बनाई जाती है. लिहाजा, मिल बैठकर लिस्ट बनेगी और जो कार्यकर्ता सालों से संगठन में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, उन्हें दायित्व से नवाजा जाएगा. साथ ही कहा कि चुनाव के दौरान जिन भी नेताओं ने पार्टी लाइन से इतर काम किया है, उन नेताओं को इस सूची से बाहर ही रखा जाएगा. हालांकि, उम्मीद है कि होली से पहले दायित्व का बंटवारा कर दिया जाएगा. अगर नहीं होता है तो भी जल्द ही दायित्वों का बंटवारा होगा.
ये भी पढ़ेंः दायित्व बंटवारे को लेकर यशपाल आर्य ने सरकार को घेरा, कहा- जनता पर पड़ेगा अतिरिक्त बोझ

दूसरी तरफ दायित्वों को लेकर बीजेपी में उत्साह दिख रहा है तो कांग्रेस अब भी सवाल खड़े कर रही है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा राज्य पहले ही वित्तीय संकट से जूझ रहा है. ऐसे में अगर बीजेपी सरकार अपने नेताओं को दायित्व देना चाहती है तो जहां बहुत जरूरी है, उन जगहों पर ही नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी जाए. न ही किसी को खुश करने या फिर किसी गुट विशेष को संतुष्ट करने के लिए रेवड़ियों की तरह दायित्व बांट दिया जाए.

उत्तराखंड में दायित्व हमेशा ही चर्चा का विषय रहा है. क्योंकि कभी इन दायित्वों के चलते राज्य की पहली निर्वाचित सरकार भी विवादों में रही. उसके बाद से ही इन दायित्वों को लेकर सरकार और संगठन में कई मतभेद देखने को मिले है. इस बार भी धामी सरकार में दायित्वों को लेकर बीजेपी के भीतर काफी घमासान मचा हुआ है. ऐसे में देखना ये होगा की दायित्वों का ये ताज धामी सरकार में किसके सिर सजता है और किसे मायूसी मिलती है.

Last Updated : Feb 24, 2023, 10:55 PM IST
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