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उत्तराखंड बन रहा है मडुआ उत्पादन का ग्लोबल हब, डेनमार्क के बाद US और UK से डिमांड

राज्य सरकार के लगातार प्रयास के बाद अब उत्तराखंड मडुआ उत्पादन का ग्लोबल हब बनता जा रहा है. उत्तराखंड का मडुआ पिछले साल डेनमार्क भेजने के बाद अब साउथ अमेरिका और यूरोपियन देशों में भेजने की तैयारी है.

Uttarakhand Madua Production
Uttarakhand Madua Production
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Published : Jun 15, 2021, 3:06 PM IST

Updated : Jun 15, 2021, 11:00 PM IST

देहरादून: मडुआ उत्पादन को लेकर उत्तराखंड एक इंटरनेशनल डेस्टिनेशन बनने जा रहा है. पिछले साल 10 मार्च को 20 टन मडुआ उत्तराखंड से डेनमार्क भेजा गया था. अब साउथ अमेरिका और यूरोपियन देशों को मडुआ भेजे जाने की तैयारी है. अबतक देश के दक्षिणी राज्यों में मडुआ (रागी) का उत्पादन होता था. अब धीरे-धीरे उत्तराखंड में भी इसका उत्पादन बढ़ रहा है.

पश्चिमी देशों में भारत के खानपान को लेकर आकर्षण बढ़ रहा है. इसका प्रमाण कोविड-19 महामारी में पूरे विश्व को दिया है. भारत में अत्यधिक जनसंख्या होने के बावजूद भी अन्य देशों की तुलना में कम मौतें हुईं. इसके लिए हमारे देश की इम्युनिटी और यहां के खानपान को बड़ी वजह माना जा रहा है. वहीं, देश में पैदा होने वाले अनाजों को लेकर भी पश्चिमी देशों में खासा आकर्षण देखने को मिला है.

उत्तराखंड बन रहा है मडुआ उत्पादन का ग्लोबल हब

मडुआ या रागी इसे पश्चिमी देशों में इम्युनिटी बूस्टर और अन्य पोषक तत्वों के लिए काफी पसंद किया जा रहा है. इसके लिए उत्तराखंड एक ग्लोबल हब के रूप में विकसित हो रहा है. उत्तराखंड राज्य कृषि विपणन बोर्ड के डिप्टी डायरेक्टर विजय थपलियाल ने बताया कि उत्तराखंड में लगातार मडुवे के उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है. प्रदेश में कलेक्शन सेंटरों को बढ़ाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि पिछले साल उत्तराखंड से 20 टन मडुआ डेनमार्क को एक्सपोर्ट किया गया. इस बार भी अधिक से अधिक मडुआ के कलेक्शन के लिए सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं.

Uttarakhand Madua Production
सरकार बढ़ाने जा रही मडुआ कलेक्शन सेंटर.

पश्चिमी देशों को इसलिए पसंद है मडुआ ?

कृषि विपणन बोर्ड के अधिकारी विजय थपलियाल ने बताया कि पश्चिमी देशों में लोग मडुआ जैसे ऑर्गेनिक अनाज की ओर इसलिए ज्यादा आकर्षित हैं, क्योंकि वहां पर मिलने वाले खाद्य पदार्थों में सभी पोषक तत्व नहीं पाए जाते हैं. जबकि मडुआ एक ऐसा नाम है, जिसमें फाइबर न्यूट्रिशन और प्रोटीन सहित कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं.

Uttarakhand Madua Production
उत्तराखंड के किसानों में खुशी.

पढ़ें- देश की दूसरी सबसे ऊंची नंदादेवी की चोटियों पर पहली बार नारी शक्ति का 'पहरा'

पश्चिमी देशों के लोग अपनी इम्युनिटी बढ़ाने के साथ-साथ शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए मडुआ जैसे अनाजों की तरफ आकर्षित हो रहे हैं, तो वहीं कई बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियां भी अनाजों के नए प्रयोगों को लेकर काम कर रही हैं.

Uttarakhand Madua Production
उत्तराखंड के मडुए की विदेशों में मांग बढ़ी.

किसानों में उत्साह

उत्तरकाशी के युवा किसान रजत राणा बताते हैं कि मडुआ उत्पादन को लेकर कुछ सालों से किसानों में बहुत निराशा थी, क्योंकि इसकी पैदावार ज्यादा थी. बाजार में कौड़ियों के भाव बिकता था. लेकिन अब कुछ हालात बदले हैं. सरकार मडुए की खेती को बढ़ावा दे रही है.

देहरादून: मडुआ उत्पादन को लेकर उत्तराखंड एक इंटरनेशनल डेस्टिनेशन बनने जा रहा है. पिछले साल 10 मार्च को 20 टन मडुआ उत्तराखंड से डेनमार्क भेजा गया था. अब साउथ अमेरिका और यूरोपियन देशों को मडुआ भेजे जाने की तैयारी है. अबतक देश के दक्षिणी राज्यों में मडुआ (रागी) का उत्पादन होता था. अब धीरे-धीरे उत्तराखंड में भी इसका उत्पादन बढ़ रहा है.

पश्चिमी देशों में भारत के खानपान को लेकर आकर्षण बढ़ रहा है. इसका प्रमाण कोविड-19 महामारी में पूरे विश्व को दिया है. भारत में अत्यधिक जनसंख्या होने के बावजूद भी अन्य देशों की तुलना में कम मौतें हुईं. इसके लिए हमारे देश की इम्युनिटी और यहां के खानपान को बड़ी वजह माना जा रहा है. वहीं, देश में पैदा होने वाले अनाजों को लेकर भी पश्चिमी देशों में खासा आकर्षण देखने को मिला है.

उत्तराखंड बन रहा है मडुआ उत्पादन का ग्लोबल हब

मडुआ या रागी इसे पश्चिमी देशों में इम्युनिटी बूस्टर और अन्य पोषक तत्वों के लिए काफी पसंद किया जा रहा है. इसके लिए उत्तराखंड एक ग्लोबल हब के रूप में विकसित हो रहा है. उत्तराखंड राज्य कृषि विपणन बोर्ड के डिप्टी डायरेक्टर विजय थपलियाल ने बताया कि उत्तराखंड में लगातार मडुवे के उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है. प्रदेश में कलेक्शन सेंटरों को बढ़ाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि पिछले साल उत्तराखंड से 20 टन मडुआ डेनमार्क को एक्सपोर्ट किया गया. इस बार भी अधिक से अधिक मडुआ के कलेक्शन के लिए सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं.

Uttarakhand Madua Production
सरकार बढ़ाने जा रही मडुआ कलेक्शन सेंटर.

पश्चिमी देशों को इसलिए पसंद है मडुआ ?

कृषि विपणन बोर्ड के अधिकारी विजय थपलियाल ने बताया कि पश्चिमी देशों में लोग मडुआ जैसे ऑर्गेनिक अनाज की ओर इसलिए ज्यादा आकर्षित हैं, क्योंकि वहां पर मिलने वाले खाद्य पदार्थों में सभी पोषक तत्व नहीं पाए जाते हैं. जबकि मडुआ एक ऐसा नाम है, जिसमें फाइबर न्यूट्रिशन और प्रोटीन सहित कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं.

Uttarakhand Madua Production
उत्तराखंड के किसानों में खुशी.

पढ़ें- देश की दूसरी सबसे ऊंची नंदादेवी की चोटियों पर पहली बार नारी शक्ति का 'पहरा'

पश्चिमी देशों के लोग अपनी इम्युनिटी बढ़ाने के साथ-साथ शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए मडुआ जैसे अनाजों की तरफ आकर्षित हो रहे हैं, तो वहीं कई बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियां भी अनाजों के नए प्रयोगों को लेकर काम कर रही हैं.

Uttarakhand Madua Production
उत्तराखंड के मडुए की विदेशों में मांग बढ़ी.

किसानों में उत्साह

उत्तरकाशी के युवा किसान रजत राणा बताते हैं कि मडुआ उत्पादन को लेकर कुछ सालों से किसानों में बहुत निराशा थी, क्योंकि इसकी पैदावार ज्यादा थी. बाजार में कौड़ियों के भाव बिकता था. लेकिन अब कुछ हालात बदले हैं. सरकार मडुए की खेती को बढ़ावा दे रही है.

Last Updated : Jun 15, 2021, 11:00 PM IST
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