देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र शुरू हो गया है. यह सत्र को आगामी चुनाव के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. सत्र के पहले दिन सदन में शोक प्रस्ताव लाया गया. जिसमें विधानसभा के पूर्व और वर्तमान दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि दी गई.
पांच दिवसीय विधानसभा का मॉनसून सत्र इस बार बेहद ही खास है. प्रदेश में चुनाव बेहद नजदीक है, ऐसे में जहां सरकार विधानसभा में कई लोकलुभावन फैसलों और विधेयकों को पेश करेगी. वहीं, विपक्ष भी पॉलिटिकल माइलेज पाने के लिए सरकार पर प्रेशर बनाने का काम करेगी.
इसका जीता जागता उदाहरण पिछली कांग्रेस सरकार में हरीश रावत के आखरी विधानसभा सत्र में देखने को मिला था. अमूमन देखने को मिला है जब सरकार के 5 साल पूरे होने से पहले विधानसभा सत्र आहूत होता है तो हंगामा अपने चरम पर होता है. ऐसे में देखना होगा कि विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों किस रणनीति के साथ इस बार विधानसभा सत्र में पहुंचते हैं.
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वहीं, इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार भागीरथ शर्मा ने बताया कि निश्चित तौर से सरकार के पास आखिरी मौका होगा, जब वह कई विधेयकों को विधानसभा से पास करवा सकती है. उन्होंने बताया सरकार की कोशिश होगी कि कई लोकलुभावन फैसलों के साथ कई विधेयकों को विधानसभा में पास करवाया जाए. वहीं, दूसरी तरफ विपक्ष की पूरी कोशिश मंत्रियों को घेरने और सरकार की कमियों को उजागर करने की होगी.
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वहीं, दूसरी तरफ विपक्ष भी विधानसभा सत्र को लेकर तैयार दिख रहा है. उप नेता प्रतिपक्ष करण मेहरा ने बताया सदन के पहले दिन केवल दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी जाएगी. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल का कहना है कि सरकार ने साढ़े 4 सालों में लगातार मुख्यमंत्री बदले गए हैं. गणेश गोदियाल का कहना है कि जब काम करने का समय था तब सरकार ने काम नहीं किया. अब जब कुछ ही महीने चुनाव में जाने को बचे हैं तब सरकार अनुपूरक बजट लेकर आ रही है.
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वहीं, दूसरी तरफ सत्ता पक्ष की तरफ से संसदीय कार्य मंत्री बंशीधर भगत ने कहा कि सरकार पूरी तैयारी के साथ सदन में आएगी. मंत्री अपने विभागों की पूरी तैयारियों के साथ विधायकों के सवालों का जवाब देंगे. बशर्ते विपक्ष हंगामा ना करें.
इसके अलावा बंशीधर भगत ने कहा सरकार अपने पूरे साढ़े चार सालों के कामकाज के साथ सदन में उतरेगी. वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने भी आश्वासन दिया है कि सभी मंत्री अपनी पूरी तैयारी के साथ सदन में आएंगे.
कांग्रेस ने बैठक कर बनाई रणनीतिः विधानसभा के मॉनसून सत्र के पहले दिन कांग्रेस प्रदेश में कोरोना महामारी के मुद्दे पर काम रोको प्रस्ताव के जरिए उत्तराखंड सरकार को घेर सकती है. रविवार शाम चकराता रोड स्थित एक होटल में कांग्रेस विधानमंडल दल की बैठक हुई. बैठक में निर्णय लिया गया कि शून्यकाल के दौरान महंगाई, भ्रष्टाचार, किसानों की कर्ज माफी, महिला उत्पीड़न समेत कई अहम मुद्दों को भी उठाया जाएगा. बैठक के बाद नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी के नियंत्रण में सरकार पूरी तरह से विफल रही है.
बता दें विधानसभा का सत्र सुबह 11 बजे से शुरू होगा. विधानसभा सत्र 27 अगस्त तक चलेगा. मुख्यमंत्री बनने के बाद पुष्कर सिंह धामी के लिए नेता सदन के तौर पर यह पहला सत्र होगा. विधानसभा सत्र के लिए विधानसभा सदस्यों के प्रश्न पहले से ही आने शुरू हो गए हैं. अभी तक विधानसभा को 575 से ज्यादा प्रश्न प्राप्त हो चुके हैं.
तैयारियां पूरी: उत्तराखंड विधानसभा सत्र को देखते हुए तैयारियां पूरी कर ली गई है. विधानसभा के 300 मीटर के दायर के अंदर धरना-प्रदर्शन को देखते हुए धारा 144 प्रभावी रहेगी. विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कोई भी लाठी, हॉकी, स्टिक, तलवार या फिर अन्य कोई तेज धार वाला अस्त्र-शस्त्र लेकर चलने पर पाबंदी होगी.
किसी भी प्रकार के नारेबाजी, लाउड स्पीकर का प्रयोग, सरकारी इमारतों पर नारे लिखना, सांप्रदायिक भावना वाले उत्तेजक भाषण करना, किसी प्रकार के भ्रामक साहित्य के प्रचार-प्रसार आदि भी प्रतिबंधित रहेगा. विधानसभा के पास किसी भी सार्वजनिक स्थान, चौराहे पर किसी भी प्रकार के समूहों में बसों, ट्रैक्टर, ट्रॉलियों या फिर टू व्हीलर और चार पहिया वाहनों को जूलुस की शक्ल में एकत्र होने पर प्रतिबंध रहेगा.