देहरादूनः उत्तराखंड की पांचवी विधानसभा का चार दिवसीय बजट सत्र शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया है. सत्र के आखिरी दिन अग्निपथ योजना को लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. दोपहर भोज के बाद विपक्ष ने हल्द्वानी में हुए लाठीचार्ज के मामले पर सदन में चर्चा की मांग की, लेकिन सवाल ना लिए जाने पर विपक्ष ने सदन का बहिष्कार किया. इस दौरान विपक्ष बजट पर होने वाली महत्वपूर्ण चर्चा में भी शामिल नहीं हुआ.
उत्तराखंड विधानसभा सत्र (Uttarakhand Assembly Session) की कार्यवाही शुक्रवार को अनिश्चिकाल के लिए स्थगित कर दी गई. विधानसभा सत्र के दौरान विपक्ष के हंगामे के बीच सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 का 65,557 करोड़ का बजट पास किया. सत्र के आथिरी दिन भी विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाए कि सदन के भीतर मंत्री पूरे होमवर्क के साथ नहीं पहुंच रहे हैं. चार दिन की इस कार्यवाही में विपक्ष के एक भी सवाल का सरकार ठीक से जवाब नहीं दे पाई है. इसलिए सरकार ने जानबूझकर सत्र की अवधि को छोटा किया. जबकि सदन का समय 20 जून तक तय किया गया था.
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बजट की कॉपी फाड़ीः विपक्ष ने अग्निपथ योजना के विरोध में उत्तराखंड के हल्द्वानी में युवाओं पर हुए लाठीचार्ज के मामले को विपक्ष ने सदन में उठाना चाहा, लेकिन सरकार द्वारा इस मामले को नहीं सुना गया. इसके बाद पूरा विपक्ष एकजुट होकर सरकार विरोधी नारे लगाए और वेल में बजट की कॉपी फाड़कर लहराई. इसके बाद विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया. विपक्ष बजट पर होने वाली महत्वपूर्ण चर्चा में शामिल नहीं हुआ.
युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ः सदन से बाहर आने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए सबसे पहले नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि अग्निपथ योजना युवाओं पर थोपी जा रही है. इससे युवाओं का भविष्य बर्बाद किया जा रहा है. विधायक सुमित हृदयेश और भुवन चंद्र कापड़ी ने भी सरकार के इस रवैया पर नाराजगी जताते हुए कहा कि सरकार अग्निपथ योजना के जरिए देश के युवाओं को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर कर रही है. विपक्ष किसी भी तरह से युवाओं के साथ खिलवाड़ नहीं होने देगा.