देहरादून: उत्तराखंड के सेब को नई पहचान देने के लिए राज्य सरकार ने कदम बढ़ाया है. अब राज्य सरकार की ओर से उत्तराखंड के सेब किसानों को पर्याप्त मात्रा में पेटियां उपलब्ध कराई जाएंगी.
बता दें, उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में बड़ी तादाद में सेब की पैदावार होती है, लेकिन व्यवस्थित रणनीतियां न होने के चलते उत्तराखंड राज्य का सेब हमेशा से ही अपनी पहचान की मोहताज रहा है. इस कारण उत्तराखंड के सेब किसान कभी हिमाचल तो कभी जम्मू-कश्मीर की पेटियों में पैक कर बेचने को मजबूर थे. इसी को देखते हुए बीते साल राज्य सरकार ने तो कदम बढ़ाया लेकिन उत्तराखंड के सेब किसानों को पर्याप्त मात्रा में पेटियां उपलब्ध नहीं हो पायीं और न ही राज्य सरकार बेहतर क्वालिटी की पेटियां उन्हें मुहैया करा पाई.
राज्य सरकार अब प्रदेश के सेब किसानों को फिर से हिमाचल और जम्मू कश्मीर की पेटियों में उत्तराखंड की सेब को पैक कर बेचने पर मजबूर न होना पड़े. लिहाजा, राज्य सरकार ने उत्तराखंड के सेब को पहचान दिलाने के लिए अभी से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं, जिससे उत्तराखंड के सेब को उत्तराखंड सरकार की पेटियों में भेजा जाए और उत्तराखंड की सेब को एक अलग पहचान मिल सके.
उत्तराखंड सरकार इस सीजन में करीब 3 लाख पेटियां तैयार करने जा रही है. उम्मीद की जा रही है कि 15 जुलाई से पहले-पहले यह पेटियां किसानों तक पहुंचा दी जाएंगी, जिससे न सिर्फ उत्तराखंड के सेब किसानों को अन्य राज्यों का मुंह ताकना पड़ेगा, बल्कि उत्तराखंड के सेब को अपनी पहचान भी मिल पाएगी.
100 रुपये प्रति पेटी आएगा खर्चा
कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि फिलहाल अभी 2 लाख 61 हजार पेटियों की जरूरत सामने आई है, लिहाजा राज्य सरकार करीब 3 लाख पेटियां बनाने जा रही है, ताकि सभी किसानों को पर्याप्त मात्रा में पेटियां उपलब्ध हो पाए. साथ ही बताया कि प्रति पेटी 100 रुपये का खर्चा आएगा. ऐसे में करीब 3 करोड़ का खर्चा आएगा.