देहरादून: उत्तराखंड में सीमांत गांवों का विलेज एक्शन प्लान आगामी 23 अक्टूबर तक भारत सरकार को भेज दिया जाएगा. उत्तराखंड में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने आज 16 अक्टूबर को वर्चुअल माध्यम से भारत सरकार के गृह सचिव अजय कुमार भल्ला के अध्यक्षता में वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की समीक्षा बैठक में हिस्सा लिया. इस दौरान चार राज्य और सभी केंद्रीय मंत्रालय ने भी हिस्सा लिया.
प्रदेश में चीन सीमा पर मौजूद गांव से आईटीबीपी और आर्मी द्वारा लोकल प्रोक्योरमेंट किए जाने का अनुरोध सरकार द्वारा किया गया है. वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम को लेकर कोई समस्या बैठक के दौरान अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने डिजिटल माध्यम से हिस्सा लिया और अपनी बात रखी.
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इस दौरान केंद्रीय गृह सचिव ने उत्तराखंड के 51 सीमांत ग्रावों का विलेज एक्शन प्लान जल्द से जल्द बनाकर भारत सरकार को देने के निर्देश दिए हैं. इसके बाद अपर मुख्य सचिव ने 23 अक्टूबर तक विलेज एक्शन प्लान को दिए जाने की बात कही है.
इस दौरान भारत सरकार से भी अनुरोध किया गया है कि राज्य सरकारों को भी वाइब्रेट विलेज प्रोग्राम के पोर्टल को देखने का अधिकार दिया जाए, ताकि इसके अनुक्रम में इसका अनुपालन किया जा सके. इससे पहले इन मामलों को लेकर 7 अक्टूबर को केंद्रीय गृहमंत्री के साथ मुख्यमंत्री बातचीत कर चुके हैं.
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भारत सरकार सीमावर्ती गांवों को सशक्त बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है और इसमें रोड कनेक्टिविटी से लेकर बिजली पानी और मूलभूत सुविधाओं को दिए जाने के साथ पर्यटन केंद्र तैयार की जाने के भी प्रयास किया जा रहे हैं, जबकि इसकी शुरुआत पर्वतीय और सीमांत राज्यों से की जा रही है.
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत उत्तराखंड, अरुणाचल, सिक्किम और हिमाचल प्रदेश के साथ ही केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की उत्तरी सीमा पर बसे 19 जिलों के 46 ब्लॉकों में 2967 गांव की पहचान की गई है. इसमें पहले चरण में प्राथमिकता के आधार पर 662 गांव की पहचान की गई है, जिसके तहत अरुणाचल के 455, उत्तराखंड के 51, सिक्किम के 46, लद्दाख के 35 और हिमाचल प्रदेश के 75 गांव शामिल है.