देहरादून: कुपोषण के खिलाफ त्रिवेंद्र सरकार के अभियान में मुख्यमंत्री ने कुपोषित बच्ची योगिता को गोद लिया है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बुधवार को अजबपुर कलां स्थित योगिता के घर पहुंचे और उसके परिवार का हालचाल जाना.
उत्तराखंड को कुपोषण से मुक्त करने के लिए त्रिवेंद्र सरकार ने एक अभियान की शुरुआत की है. जिसके तहत विधायक और अधिकारी कुपोषित बच्चों को गोद लेगे. मगंलवार को कई विधायकों और अधिकारियों ने कुपोषित बच्चों को गोद लिया. इसी के साथ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी योगिता नाम की कुपोषित बच्ची को गोद लिया था.
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बुधवार को योगिता से मिलने मुख्यमंत्री उसके घर गए. इस दौरान मुख्यमंत्री ने योगिता के माता-पिता से पोषण, खानपान और दिनचर्या की जानकारी ली. उन्होंने वजन व कुपोषण से मुक्ति के लिए कितना वजन होना चाहिए इसकी जानकारी ली और उन्हें पोषण युक्त आहार दिया.
साथ ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि उत्तराखंड को कुपोषण से मुक्त करने के लिए पोषण अभियान के तहत जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों ने बच्चों को गोद लिया है. अभी तक 94 अधिकारियों ने कुपोषित बच्चों को गोद लिया है. उन बच्चों को राज्य सरकार की ओर से उत्तम ऊर्जा आहार उपलब्ध कराया जा रहा है. जन जागरूकता व समाज के सहयोग से उत्तराखंड को कुपोषण मुक्त बनाया जायेगा. उन्होंने कहा कि सभी कुपोषित बच्चों की निरन्तर मॉनिटरिंग की जायेगी. इस अभियान को सफल बनाने के लिए जनप्रतिनिधि, अधिकारी व समाज सेवी संस्थाएं आगे आ रही हैं.
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बता दें अभी योगिता का वजन 8.500 किग्रा है, जबकि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा बच्ची को गोद लेने के बाद अब कोशिश होगी कि 3 माह में योगिता का वजन यदि 9.600 किग्रा तक हो जाए, ताकि वह कुपोषण से मुक्त हो सके.