देहरादून: नगर निगम के चुनाव जैसे-जैसे पास आ रहे हैं, वैसे ही पार्षदों को अपने वार्डों में अधूरे काम याद आ रहे हैं. वार्डों में नहीं हो रहे कामों की शिकायत पार्षद लगातार नगर आयुक्त और मेयर से कर रहे हैं, लेकिन पार्षदों का आरोप है कि नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी अपनी मनमानी कर रहे हैं और पार्षदों की नहीं सुन रहे हैं. इन्ही बातों को लेकर हंगामा हो रहा है. ऐसा ही कुछ बुधवार को आयोजित बैठक में भी हुआ.
साल की दूसरी बोर्ड बैठक हुई थी आयोजित: दून नगर निगम में साल की दूसरी बोर्ड बैठक बुधवार को आयोजित की गई थी, जिसमें 26 प्रस्तावों पर चर्चा होनी थी, लेकिन प्रस्तावों पर चर्चा होने से पहले ही बैठक में पार्षदों का गुस्सा फूट पड़ा. पार्षदों ने जमकर अधिकारियों को खरी खोटी सुनाई. पार्षदों का कहना है कि अपने वार्डों को लेकर उन्होंने कई बार शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन निगम कर्मचारी संज्ञान नहीं ले रहे हैं और ना ही पार्षदों का सम्मान करते हैं.
शिकायत करने पर कर्मचारी मामले में नहीं ले रहे संज्ञान: वार्ड 04 पार्षद उर्मिला थापा का कहना है कि उनके वार्ड में लाइट की समस्या है, जिसको लेकर कई बार शिकायत कर चुकी हैं, लेकिन कर्मचारी नहीं सुनते हैं. अब आम जनता भी इस तरह की शिकायतें मुख्यमंत्री पोर्टल के माध्यम से कर रही है. उन्होंने कहा कि वार्डों में 70 वॉट की जगह 35 वॉट की लाइट लग रही है, लेकिन शिकायत करने के बाद भी कोई कर्मचारी संज्ञान नहीं ले रहा.
समस्याओं का निदान न होने पर पार्षद नाराज:पार्षदों का आरोप है कि नगर निगम द्वारा कंपनियों को करोड़ों रुपए के सफाई वाहन खरीद कर दिए गए हैं, लेकिन डोर टू डोर कूड़ा तीन से चार दिन में उठ रहा है. इससे नगर निगम और सरकार की छवि धूमिल हो रही है. इसके साथ ही स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत नहीं होने और खराब लाइटें समय से ठीक नहीं होने को लेकर पार्षदों ने नाराजगी जताई है.
एक विभाग दूसरे विभाग पर डाल रहा काम: राजपुर पार्षद उर्मिला थापा का साफ तौर पर कहना है कि अगर वार्डों की समस्याओं से संबंधित नगर निगम में शिकायत करते हैं, तो एक विभाग दूसरे विभाग पर डाल देते हैं, जिस कारण विभाग की आपसी लड़ाई में जनता परेशान हो रही है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से अधिकारी एक दूसरे पर काम को टाल रहे हैं. ऐसे में अधिकारी तो ऑफिस में बैठते हैं, लेकिन पार्षदों को आम जनता की सुननी पड़ रही है.
पार्षदों ने कर्मचारियों पर रिश्वत लेने का लगाया आरोप: वहीं, वार्ड 77 से पार्षद आफताब का कहना है कि अधिकारी काफी हावी हो रहे हैं. ज्यादातर नीचे लेवल का कर्मचारी कमीशन और रिश्वत चाहता है. उसके बिना नगर निगम का कर्मचारी काम नहीं करता. अगर ऐसे कर्मचारियों पर किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, तो इस तरह से नगर निगम की छवि धूमिल होती चली जाएगी.
सालों बाद भी समस्या का नहीं हुआ समाधान: वहीं, वार्ड 79 से पार्षद राजेश परमार का कहना है कि निगम में अफसरशाही हावी है. जब कोई पार्षद कार्यालय में जाते हैं, तो नगर निगम के कर्मचारी पार्षदों को तवज्जो नहीं देते. अगर कर्मचारी तवज्जो देते भी हैं, तो पार्षद से शिकायत पत्र ले लेते हैं, लेकिन उस पर कोई संज्ञान नहीं लेते. इस तरह करते-करते सालों बीत जाते हैं, लेकिन पार्षदों की समस्या का निर्धारण नहीं हो पाता है.
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समस्याओं के निस्तारण के लिए पार्षदों को बैठक में बुलाया: मेयर सुनील उनियाल गामा ने बताया कि शहर में बहुत विभाग काम कर रहे हैं. पार्षदों के क्षेत्र की समस्याओं को संज्ञान में लेकर ही बोर्ड बैठक में सभी अधिकारियों को बुलाया गया है, ताकि जिस भी पार्षद के वार्ड की समस्या है, उन समस्याओं का मौके पर ही निस्तारण हो सके. साथ ही वार्डों में जो भी समस्याएं हैं, उन समस्याओं का जल्द समाधान किया जाएगा. उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी के काम भी वार्डों में चल रहे हैं, उससे भी जनता को काफी परेशानी हो रही है, उसका भी निस्तारण किया जाएगा.
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