ऋषिकेश: एम्स की सुरक्षा में तैनात आउटसोर्सिंग कंपनी प्रिंसिपल द्वारा सैकड़ों सुरक्षा कर्मियों को नौकरी से निकाले जाने का नोटिस चस्पा (firing notice) होते ही हंगामा शुरू हो गया. देखते ही देखते हंगामा इतना बढ़ गया कि अपनी नौकरी बरकरार करने के लिए सुरक्षाकर्मी एम्स निदेशक कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करने लगे. जिसके बाद सुरक्षा की दृष्टि से मौके पर भारी पुलिस बल को तैनात किया गया.
बढ़ते हंगामे को देखते हुए एम्स प्रशासन ने प्रर्दशन कर रहे सुरक्षाकर्मियों के एक प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए निदेशक सम्मेलन कक्ष में बुलाया. जिसके बाद उनकी मांगों को सुना. करीब एक घंटे चली वार्ता के बाद में निष्कर्ष निकला की कंपनी द्वारा अचानक एक दिन का नोटिस दिया गया है, उसको वापस लिया जाएगा.
वहीं एक महीने का अल्टीमेटम देकर सुरक्षाकर्मियों को नौकरी छोड़ने के लिए सूचित किया जाएगा, हालांकि इन सबके बीच सुरक्षाकर्मियों को आश्वासन दिया गया कि उनको सुरक्षाकर्मी की जॉब से हटाए जाने के बाद एम्स परिसर में किसी ना किसी अन्य पदों पर समायोजित करने का प्रयास एम्स प्रशासन कंपनी के माध्यम से करेगा.
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सुरक्षाकर्मियों ने कहा कोरोना काल के दो साल उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बगैर एम्स की सुरक्षा में ड्यूटी की है. नए साल पर नौकरी से निकालकर उन्हें तोहफा दिया जा रहा है. ऐसे में करीब 500 सिक्योरिटी गार्ड के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.
सिक्योरिटी गार्ड ने नौकरी वापस नहीं मिलने पर आंदोलन की चेतावनी दी है. एम्स डिप्टी डायरेक्टर प्रशासन अक्षत रंजन मुखर्जी ने बताया गृह मंत्रयालय द्वारा एम्स ऋषिकेश को आदेश मिला है की डायरेक्टर जनरल रिसेटलमेंट के द्वारा भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग ने सिक्योरिटी के रूप में एक्स आर्मी मैन रखे जायेंगे. इसी आदेश का पालन एम्स प्रशासन कर रहा है.