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मांगों को लेकर आर पार की लड़ाई के मूड में उपनल कर्मचारी, कल से दो दिन का कार्य बहिष्कार

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Published : Feb 21, 2021, 5:18 PM IST

उपनल कर्मचारी अपनी लंबित मांगों को लेकर कई बार सरकार से वार्ता कर चुके हैं, लेकिन सरकार ने उनकी मांगों को अभी तक नहीं माना है. ऐसे में एक बार फिर उन्होंने आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया है.

UPNL employees strike
UPNL employees strike

देहरादून: उपनल कर्मचारी महासंघ ने अपनी लंबित मांगों को लेकर एक बार फिर से सरकार को घेरने का मन बनाया है. उपनल कर्मचारी ने 22 और 23 फरवरी को कार्य बहिष्कार करने का ऐलान किया है. प्रदेश भर के करीब 22 हजार से अधिक उपनल कर्मचारी लंबे समय से सरकार की दोहरी नीति के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं. लेकिन इस बार उपनल कर्मचारी सरकार के खिलाफ आर पार की लड़ाई के मूड़ में हैं.

उपनल कर्मचारी संगठन के महामंत्री हेमंत रावत ने कहा कि कल से वो दो दिवसीय कार्य बहिष्कार करेंगे. यदि इसके बाद भी सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करती है तो वे आंदोलन को लेकर आगे की रणनीति बनाएंगे. उपनल कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार से सबसे ज्यादा परेशानी सरकारी हॉस्पिटलों में होगी. क्योंकि यहां पर सबसे ज्यादा उपनल के कर्मचारी तैनात हैं.

पढ़ें- देहरादून: सीएम ने किया क्षत्रिय जागरण स्मारिका 2020-21 का विमोचन

हेमंत रावत ने बताया कि उनकी प्रमुख मांग उपनल कर्मचारियों का नियमितिकरण करने से है. वे हाईकोर्ट से भी जीत चुके हैं और मामला अब सुप्रीम कोर्ट में मामला विचारधीन है. इसके साथ ही कर्मचारियों को समान कार्य के लिए समान वेतन मिलना चाहिए.

देहरादून: उपनल कर्मचारी महासंघ ने अपनी लंबित मांगों को लेकर एक बार फिर से सरकार को घेरने का मन बनाया है. उपनल कर्मचारी ने 22 और 23 फरवरी को कार्य बहिष्कार करने का ऐलान किया है. प्रदेश भर के करीब 22 हजार से अधिक उपनल कर्मचारी लंबे समय से सरकार की दोहरी नीति के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं. लेकिन इस बार उपनल कर्मचारी सरकार के खिलाफ आर पार की लड़ाई के मूड़ में हैं.

उपनल कर्मचारी संगठन के महामंत्री हेमंत रावत ने कहा कि कल से वो दो दिवसीय कार्य बहिष्कार करेंगे. यदि इसके बाद भी सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करती है तो वे आंदोलन को लेकर आगे की रणनीति बनाएंगे. उपनल कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार से सबसे ज्यादा परेशानी सरकारी हॉस्पिटलों में होगी. क्योंकि यहां पर सबसे ज्यादा उपनल के कर्मचारी तैनात हैं.

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हेमंत रावत ने बताया कि उनकी प्रमुख मांग उपनल कर्मचारियों का नियमितिकरण करने से है. वे हाईकोर्ट से भी जीत चुके हैं और मामला अब सुप्रीम कोर्ट में मामला विचारधीन है. इसके साथ ही कर्मचारियों को समान कार्य के लिए समान वेतन मिलना चाहिए.

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