देहरादून: अपनी मांगों को लेकर प्रदेश भर के उपनल कर्मचारी 2 दिन का कार्य बहिष्कार करने की तैयारी कर चुके हैं. उपनल कर्मचारी समान कार्य, समान वेतन, नियमितीकरण जैसी मांगों को लेकर लामबंद हैं. उपनल कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष कुशाग्र जोशी का स्पष्ट कहना है कि कर्मचारियों का उत्पीड़न किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
उपनल कर्मियों की समस्याएं उठाते हुए महासंघ के अध्यक्ष कुशाग्र जोशी का कहना है कि उपनल कर्मियों को अल्प वेतन में ही इस महंगाई में अपना परिवार चलाना पड़ता है. कम वेतन भी कर्मियों को समय पर नहीं मिल रहा है. ऐसे में उपनल कर्मियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कुशाग्र जोशी का कहना है कि अगर कार्य बहिष्कार से भी सरकार उपनल कर्मचारियों की मांगों पर विचार नहीं करती है तो उन्हें अनिश्चितकालीन आंदोलन पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.
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उपनल कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महामंत्री हेमंत रावत का कहना है कि समय-समय पर सरकार से कई बार उच्च न्यायालय का फैसला लागू करने का आग्रह किया गया, परंतु आज तक सरकार ने उस पर कोई विचार नहीं किया. इसलिए मजबूरन आज उपनल कर्मियों को अपना आंदोलन करना पड़ रहा है.
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कांग्रेस ने भी उपनल कर्मियों के कार्य बहिष्कार को अपना नैतिक समर्थन दिया है. कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना का कहना है कि कांग्रेस उपनल कर्मियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है. कांग्रेस कर्मचारियों के हितों पर कुठाराघात सहन नहीं करेगी. उन्होंने कहा प्रदेश की त्रिवेंद्र सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है.
बता दें प्रदेश भर में विभिन्न विभागों में करीब 22 हजार उपनल कर्मी अपनी सेवाएं दे रहे हैं. आगामी 22 और 23 तारीख को होने जा रहा उपनल कर्मियों का कार्य बहिष्कार सरकार के लिए मुसीबत बन सकता है. दरअसल, लंबे समय से नियमितीकरण करने और समान कार्य के लिए समान वेतन दिए जाने की मांग को लेकर उपनलकर्मी संघर्षरत हैं. कर्मचारियों का कहना है कि सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं कर रही है. इसके ठीक उलट सरकार में जिन पदों के सापेक्ष कर्मी अपनी सेवाएं दे रहे हैं उन पर स्थाई नियुक्ति निकाली जा रही है. ऐसे में उपनल कर्मियों का भविष्य सुरक्षित नहीं दिखाई दे रहा है.