देहरादून: प्रॉविडेंट फंड एक्ट के तहत किसी भी विभाग में कॉन्ट्रैक्ट या ठेका के तौर पर काम कर रहे कर्मचारियों का ब्यौरा इपीएफ ऑफिस को उपलब्ध कराना होता है. इसके साथ ही कॉन्ट्रैक्ट पर काम करे सभी कर्मचारियों की पूरी जानकारी ईपीएफओ में देनी होता है, लेकिन हाल ही में यूपीसीएल ने इस नियमों को ताक पर रखा है. जिसको लेकर ईपीएफओ ने सख्त रुख अपनाया है. ईपीएफओ ने इस मामले में यूपीसीएल से जवाब तलब भी किया है.
जानकारी के मुताबिक यूपीसीएल में हजारों कर्मचारी इस समय कॉन्ट्रैक्ट बेस पर काम कर रहे है. ये सभी कर्मचारी सब डिवीजन, डिवीजन और बिजली घरों समेत अन्य जगहों पर कार्यरत हैं. इसमें स्वयं सहायता समूह के करीब डेढ़ हजार कर्मचारी शामिल हैं. जिनका वेतन यूपीसीएल से जारी होता है, लेकिन इन सभी कर्मचारियों का इपीएफ नहीं कट रहा है और न ही ठेकेदारों ने इन सभी कर्मचारियों की जानकारी इपीएफ ऑफिस में दी है. इसी को देखते हुए इपीएफ ने यूपीसीएल को जिम्मेदार ठहराते हुए सभी कर्मचारियों का रिकॉर्ड दिखाने का कहा है.
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इस मामले में ईपीएफओ के कमिश्नर मनोज यादव ने बताया कि यूपीसीएल में कॉन्ट्रैक्ट बेस पर काम कर रहे कर्मचारियों की जानकारी देना यूपीसीएल की जिम्मेदारी है, न की ठेकेदार की. लिहाजा इस मामले में यूपीसीएल से कर्मचारियों के रिकॉर्ड मांगे गए हैं. अगर यूपीसीएल आगे भी ऐसी लापरवाही बरतता है तो उसके साथ न सिर्फ ठेकेदारों को भी नोटिस भेजा जाएगा, बल्कि यूपीसीएल द्वारा जितना भी ठेका दिया गया है. उस काम के बजट पर लेबर चार्ज निकालकर उसका 25 फीसदी खाता अटैच कर वसूली की जाएगी.